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नारी शक्ति का प्रतीक हैः डा.मनोरमा सिंह


- महिला सुरक्षा पर इग्नू का राष्ट्रीय वेबीनार

बलरामपुर (उत्तर प्रदेश)।
भारत परंपरागत रूप से महिलाओं के सम्मान का देश रहा है। इसी देश की संस्कृति का ध्येय वाक्य रहा है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता। इसीलिए महिला सुरक्षा और उनका स्वाभिमान हमारे लिए सर्वोपरि होना चाहिए।

इन्हीं मुद्दों को केंद्र में रखते हुए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मिशन शक्ति के अंतर्गत महिला सुरक्षा चुनौतियां और संभावनाएं विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।

गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मनोरमा सिंह ने कहा कि नारी शक्ति का प्रतीक है साथ ही वह साहस और शौर्य का भी रूप है। उन्होंने नारी शक्ति है सम्मान गीत सुना कर लोगों में जोश भरा साथ ही उन्होंने अतिथियों का स्वागत किया और उनका परिचय दिया।

कार्यक्रम के संयोजक तथा इग्नू के सहायक क्षेत्रीय निदेशक डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह ने कार्यक्रम के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए उसका महत्व रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं के संबंध में सरकार द्वारा अनेक योजनाएं प्रारंभ की गई हैं जिसके बारे में इस कार्यक्रम के माध्यम से बताया गया। डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह ने कहा कि बेटियों और महिलाओं को आत्मरक्षा आत्मनिर्भरता तथा आत्म सम्मान के लिए इग्नू हर स्तर पर प्रयास करेगा।

गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे उत्तर प्रदेश बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने कहा कि अनेक अभियानों के बाद भी अभी महिलाओं को भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इग्नू जैसी संस्थाओं ने सरकार के इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का प्रण लिया है जिसके सकारात्मक नतीजे होंगे। उन्होंने कहा कि हमारी वैदिक संस्कृति में बेटी के जन्म पर खुशी मनाने की परंपरा है परंतु कालांतर में भ्रूण हत्या भेदभाव दोहरा व्यवहार जैसी बुराइयों ने हमारे समाज में प्रवेश किया है। उन्होंने महिला और बाल अधिकारों से जुड़े अनेक प्रावधानों एवं नियमों की जानकारी भी दी।

गोष्ठी के मुख्य अतिथि तथा प्रवर्तन निदेशालय की उपनिदेशक डॉ. शालिनी शर्मा ने कहा कि समाज में अगर एक भी महिला सुरक्षित है तो इसका मतलब जागरूक वर्ग अपनी जिम्मेदारियों को सही ढंग से नहीं निभा रहे हैं। उन्होंने शक्ति के रूप में तथा स्कूल अर्थों की चर्चा करते हुए शक्ति के महत्व को रेखांकित किया। दत्त शर्मा ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने सारी महत्वपूर्ण शक्तियां महिलाओं के हाथ में भी हैं।

विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित रीड इंडिया की प्रमुख डॉ. गीता मल्होत्रा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण बहुत जरूरी है और इसके लिए महिलाओं को जीवन कौशल की तकनीकों के विषय में अवगत कराना बहुत आवश्यक है। उत्तर प्रदेश कराटे एसोसिएशन के सचिव जसपाल सिंह ने कहा कि आत्मरक्षा के उपाय आवश्यक हैं और उन्होंने सभी को इन तकनीकों को अनिवार्य रूप से सीखने के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर विशिष्ट वक्ता के तौर पर मौजूद लखीमपुर खीरी की एसडीएम पूजा यादव ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता महिला सुरक्षा और स्वाभिमान है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा प्रत्येक थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। इस हेल्प डेस्क के माध्यम से महिलाओं को हर तरह की सहायता प्रदान की जाएगी। लखनऊ की सहायक पुलिस आयुक्त श्वेता श्रीवास्तव ने महिला शक्ति के अंतर्गत चलाए जा रहे कार्यक्रमों तथा उनकी सुरक्षा के प्रति सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों की चर्चा की।

लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर शीला मिश्रा ने कहा कि महिलाओं के प्रति भेदभाव खत्म होना जरूरी है। हमारे वैदिक काल में महिलाओं को बहुत उच्च स्थान प्राप्त था। आयोजक सचिव डॉ. जयप्रकाश वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान का भाव हमारे संस्कारों में होता है उन्होंने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. अनामिका सिन्हा ने सभी वक्ताओं का आभार व्यक्त किया तथा गोष्ठी का प्रभाव पूर्ण संचालन किया एवं गोष्ठी का सार भी प्रस्तुत किया।

डॉ. आरके पांडेय, एसोसिएट प्रोफेसर एमएलके पीजी कॉलेज बलरामपुर ने विषय की प्रस्तुति देते हुए वक्ताओं का स्वागत किया। डॉ. पर्वत सिंह इग्नू समन्वयक ने अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।





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