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कष्टो के अंधकार से दिव्य आत्मज्ञान से प्रकाश की और। दिव्य आत्माज्ञान से उज्जवल भविष्य की खोज। श्री रामचरितमानस के पठन

कष्टो के अंधकार से दिव्य आत्मज्ञान से प्रकाश की और। दिव्य आत्माज्ञान से उज्जवल भविष्य की खोज।

श्री रामचरितमानस के पठन से मानव जीवन में ग्रह बाधा पितृ ऊपरी बाधा वास्तु दोष आदि कई दोषों से मुक्ति निवारण के साथ में सुख समृद्धि पूर्ण परम शांति के साथ में संतुष्टि का सुंदर मार्ग। श्री रामचरितमानस में भगवान श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम की जीवन लीला का दिव्य एवं सुंदर वर्णन है। भगवान श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम की जीवन लीला के वर्णन के साथ में भगवान शंकर के रुद्र अवतार हनुमान जी महाराज एवं भगवान ब्रह्मा विष्णु महेश एवं लक्ष्मी सरस्वती पार्वती माताओ एवं श्री गणेश जी महाराज एवं दोनों माताएं रिद्धि सिद्धि एवं गणेश जी महाराज के पुत्र शुभ एवं लाभ एवं यस और कीर्ति सहित 33 करोड़ देवी देवता एवं जन्मे जन्मे पित्र देव आदि दिव्य शक्तियों का भी समावेश है। श्री रामचरितमानस का दोहा एवं चौपाई महामंत्र है। जिसकी पठन ध्वनि से उत्पन्न शक्ति से सभी दोषों का हरण करते हुए। मानव के जीवन में दिव्य ज्ञान के साथ में सुख समृद्धि एवं परम शांति के साथ में संतुष्टि का आनंद का दीप प्रज्वलित करती है। इसीलिए मानव के ग्रस्त जीवन में वर्ष में एक बार पुराणोंक्त एवं वेदोक्त सिद्धांतों के अनुसार विधिवत श्री रामचरितमानस के ज्ञान महायज्ञ का आयोजन होना बहुत ही आवश्यक विषय है। क्योंकि मानव के जीवन में प्रकृति के नियम एवं समय चक्र के अनुसार एवं ज्योतिष विज्ञान के नियमों के अनुसार जन्म कुंडली की ग्रह बाधा एवं वर्ष में ग्रहों की गति की अशुभ बाधा एवं अपने निवास स्थान में वास्तु दोष की बाधा एवं जन्मे है जन्मे पितृ देवों की कुपित दृष्टि की वाधा आदि कई दोषो से मानव को मुक्ति मिलती है। हर प्रकार के दोषो की मुक्ति के साथ में परम शांति के साथ में सुख समृद्धि एवं परम संतुष्टि का मानव जीवन में समावेश होता है। जिससे मानव का जीवन संसार के परम सुखों को भोगते हुए । परम आनंद के साथ में अपना जीवन व्यतीत करता है। इसीलिए मानव जीवन में श्री रामचरितमानस के ज्ञान महायज्ञ का आयोजन अति आवश्यक है। लेकिन विशेष बात का ध्यान रखना भी जरूरी है। श्री रामचरितमानस के पाठों के पठन से शुभ फल मिलता है। लेकिन अशुद्ध एवं नियमों के विपरीत जाकर के श्री रामचरितमानस के पाठों का पठन करने से तत्काल अशुभ फल प्राप्त होता है। जिसकी मुक्ति का उपाय खोजना बहुत ही मुश्किल है। इसीलिए ध्यान रखें की श्रीरामचरितमानस की ज्ञान महायज्ञ में नियमों का एवं शुद्धता का एवं शुद्ध पठन का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है। विशेष जानकारी के लिए। संपर्क फोन नंबर 766 50 70 911
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज कुमार शर्मा।

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