गर्मी का हुआ शुभारंभ। खंडार जल दायक विभाग का बेजुबान पशु पक्षियों पर टूटा कहर।
खंडार उपखंड मुख्यालय पर देखा जा रहा ह
गर्मी का हुआ शुभारंभ। खंडार जल दायक विभाग का बेजुबान पशु पक्षियों पर टूटा कहर।
खंडार उपखंड मुख्यालय पर देखा जा रहा है कि अभी तक पूरी तरह से गर्मी का मौसम की भी शुरुआत नहीं हुई है। जिससे पहले ही बेजुबान पशु पक्षियों पर जलदायक विभाग के नियमों का कहर टूट पड़ा। जिससे असंख्यित बेजुबान पशु पक्षी प्यास से तड़पते हुए इधर-उधर भटक रहे हैं। पूरा प्रकरण इस प्रकार है। खंडार उपखंड मुख्यालय बस स्टैंड एवं विद्युत मंडल ऑफिस के पास में बेजुबान पशु पक्षियों की पेयजल व्यवस्था कई दिनों से संचालित हो रही थी। इस नल के पास बेजुबान पशु पक्षियों के पानी पीने के लिए। खेड़ की व्यवस्था भी संचालित थी। लेकिन जलदाय विभाग के नियमों के अनुसार नल के पानी का कनेक्शन काट दिया गया। जिससे असंख्यित बेजुबान पशु पक्षी पीने के पानी की सेवा से वंचित हो गए। जिससे असंख्यित बेजुबान पशु पक्षी पानी की प्यास की तड़फन को लेकर पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। मिली प्राप्त जानकारी के अनुसार इस नल पर कई बार जलदाय विभाग कि कर्मचारियों को व्यर्थ पानी बहता हुआ पाया गया। लेकिन यह गलती बेजुबान मासूम पशु पक्षियों की नहीं है। कई बार शरारती तत्वों के द्वारा नल को खुला छोड़ दिया जाता था। दूसरी ओर देखा जाए तो कई जगह से जलदायक विभाग की पेयजल सप्लाई की लाइन टूट जाने के कारण लाखों लीटर पानी व्यर्थ ही देता रहता है। लेकिन जलदायक विभाग के कर्मचारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसी प्रकार से कई अवैध कनेक्शनों के नलों से लाखों लीटर पानी रोज बहता रहता है। कई नलों में टूटी नहीं लगी होने के कारण लाखो लीटर पानी व्यर्थही बहता रहता है। यह हालात जलदाय विभाग के कई वर्षों से चल रहे हैं। लेकिन आज तक भी लापरवाह ग्रामीणों पर जलदायक विभाग के कर्मचारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अगर जलदाय विभाग की सख्त कार्रवाई हुई है तो मासूम बेजुबान पशु पक्षियों पर हुई है। जलदाय विभाग को टूटी पेयजल लाइन एवं लकीर पाइपलाइन एवं अवैध कनेक्शन एवं जिन जिन ग्रामीणों के नालों पर टूटी की व्यवस्था नहीं है। इन गंभीर तीनों विषयों पर बड़ी कार्रवाई करने की बड़ीआवश्यकता है। जिससे हजारों लाखों लीटर पेयजल की बचत हो। लेकिन अफसोस है कि जलदाय विभाग स्टाफ इन तीनों विषयों पर मूकदर्शक बनकर खामोशी की चादर ओढ़े हुए हैं। दूसरी और राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के चुनावी दौर में बीजेपी के उम्मीदवारों एवं कार्यकर्ताओं के द्वारा राम राज्य का स्थापित करने का दवा करते हुए देखे गए। अभी के हालात में राजस्थान सरकार से लेकर खंडार उपखंड मुख्यालय पर बीजेपी शासन संचालित है। तो क्या यही बीजेपी का राम राज्य है। जिसमें मासूम बेजुबान पशु पक्षियों को पानी पीने की व्यवस्था भी वंचित कर दिया जाए। इसीलिए इस गंभीर विषय पर स्थानीय ग्रामीण एवं उपखंड मुख्यालय प्रशासन एवं जिला मुख्यालय प्रशासन एवं राजस्थान सरकार को मानसून बेजुबान पशु पक्षियों की जीवन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए। समस्या निस्तारण पर ध्यान देने की बड़ी आवश्यकता है। जिससे मासूम बेजुबान पशु पक्षियों को पहले की भांति पयजल व्यवस्था से राहत मिले। जिससे पानी की प्यास से मासूम बेजुबान पशु पक्षियों की मृत्यु ना हो। इसीलिए मासूम बेजुबान पशु पक्षियों के जीवन के हित में इस विषय पर सभी को गंभीरता से ध्यान देने की बड़ी आवश्यकता है।