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तेज ध्वनि प्रदूषण के साथ में तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों से बेजुबान पशु गवा रहे अपनी जान। खंडार उपखंड मुख्यालय से

तेज ध्वनि प्रदूषण के साथ में तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों से बेजुबान पशु गवा रहे अपनी जान।

खंडार उपखंड मुख्यालय से लेकर के खंडार उपखंड मुख्यालय क्षेत्र के मुख्य मार्ग एवं ऑन रोडो पर कई वर्षों से देखा जा रहा है कि पिकअप, ट्रैक्टर ट्रॉली, ट्रक, आदि कई लोडिंग चार पहिया वाहन तेज ध्वनि प्रदूषण के साथ में तेज रफ्तार से आवागमन कर रहे हैं। जिससे कई दुर्घटनाये हो चुकी है। कई ग्रामीण एवं बेजुबान पशु दुर्घटनाओं के शिकार होकर अपनी जान गवा चुके हैं। तो कई ग्रामीण दुर्घटना के शिकार होकर आज तक के हालातो में भी चोट के दर्द के साथ में बड़ा कष्ट का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। ऐसे ही कई बेजुबान पशु वाहन दुर्घटना के शिकार होकर विकलांग अवस्था में घूमते हुए देखे जा रहे हैं। इन सब हालातो से कई बार ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन उपखंड मुख्यालय प्रशासन के आला अधिकारियों को अवगत भी करवा दिया है। कई दुर्घटनाओं से आलाधिकारी भी पूरी तरह से अवगत है। लेकिन उसके पीछे आदमी प्रशासन के प्रशासनिक अधिकारी मुख दर्शन बने हुए हैं। इसीलिए तेज ध्वनि प्रदूषण के साथ में तेज रफ्तार से गुजरने वाले वाहनों के चालकों हौसले बुलंद हो रहे हैं। चालको के हौसले बुलंदी के चलते। चालक बेखोफ होकर तेज ध्वनि प्रदूषण के साथ में तेज रफ्तार से अपने वाहनों को लेकर ऑन रोड एवं मुख्य मार्गो से आवागमन कर रहे हैं। कई वर्ष व्यतीत होने के पश्चात भी खंडार उपखंड मुख्यालय क्षेत्र में तेज ध्वनि प्रदूषण के साथ में तेज रफ्तार से गुजरने वाले वाहनों पर कोई प्रतिबंध नहीं लग पाया है। जिससे यह समस्या कई वर्षों से जस की तस बनी हुई है। इसीलिए मासूम ग्रामीण एवं बेजुबान पशुओं के जीवन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस गंभीर विषय पर राजस्थान सरकार को ध्यान देने की बड़ी आवश्यकता है।

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