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18वां अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक सुत्तपाठ समारोह को लेकर निकाली गई भव्य शोभायात्रा, विश्व के 13 देशों के हजारों बौद्ध भिक्षु व बौद्ध श्रद्धालु हुए शामिल, बुद्धम शरणं गच्छामि से गुंजायमान हुआ बुद्ध नगरी।

बोधगया।
तथागत की तपोभूमि बोधगया में 18वां अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक सूत पाठ समारोह को लेकर आज शनिवार को भव्य शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा बोधगया स्थित रॉयल थाई मोनेस्ट्री से निकाली गई, जो शहर के विभिन्न सड़क मार्ग से होकर कालचक्र मैदान तक पहुंची। शोभायात्रा में विश्व के 13 देशों के हजारों बौद्ध भिक्षु एवं श्रद्धालु शामिल हुए। शोभा यात्रा के दौरान श्रद्धालु पारंपरिक वाद्य यंत्रों को बजाते बुद्धम शरणं गच्छामि बोलते हुए चल रहे थे। बोधगया की सड़कों पर एक अलग ही नजारा देखने को मिला। बुद्ध नगरी बुद्धम शरणं गच्छामि से गुंजायमान हुआ। त्रिपिटक सुत्तपाठ आगामी 10 दिनों तक चलेगा। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र अर्लेकर आज लगभग 2:30 बजे बोधगया पहुंचेंगे।

शोभायात्रा में शामिल बंगलादेश के बौद्ध भिक्षु भंते कल्याण प्रिये ने बताया की इस बार 18वां अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक समारोह का आयोजन किया गया है, जो काफी भव्य तरीके से मनाया जा रहा है। बौद्ध धर्म में त्रिपिटक का बहुत ही महत्व है। बौद्ध धर्म मे थेरावाद पंत को मानने वाले लोग भगवान बुद्ध के मंत्रों का उच्चारण त्रिपिटक सुत्तपाठ के दौरान करते हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य मानवता एवं विश्व का कल्याण है। विश्व में शांति बनी रहे और लोग का जीवन सुखी हो, इसी कामना के साथ इस समारोह का आयोजन किया गया है।

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