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प्रशासन की अनदेखी एवं मुखदर्शक्ता के कारण। पीड़ित को दर-दर की ठोकर खाने के पश्चात भी। समय पर नहीं मिल रहा न्याय। खं

प्रशासन की अनदेखी एवं मुखदर्शक्ता के कारण। पीड़ित को दर-दर की ठोकर खाने के पश्चात भी। समय पर नहीं मिल रहा न्याय।


खंडार कस्बे में पुश्तैनी खातेदारी की भूमि के अतिक्रमण एवं अतिकर्मी की बर्बरता का है मामला।शरारती तत्वो से संबंध रखने वाला , संगठित परिवार का सदस्य, रूपए पैसे वाला, दबंग, अराजक स्वभाव वाले अतिक्रर्मी को पुश्तैनी खातेदारी भूमि के एक डेढ़ बीघा करीबन अतिक्रमण क्षेत्र से बेदखल करने एवं अपनी एवं अपने परिजनों की जान की सुरक्षा को लेकर दर-दर भटकता पीड़ित। प्रशासन द्वारा ना सुनवाई ना कारवाई। मिली प्राप्त जानकारी के अनुसार खंडार तहसील मुख्यालय के रिकॉर्ड के दस्तावेजों के नियमानुसार खंडार कस्बे के पटेलों बंदे में उमाशंकर पिता चंद्रहास जाति ब्राह्मण के नाम से आठवीं का 10 विस्वा पुश्तैनी खातेदारी की भूमि है। इस खातेदारी की भूमि पर उमाशंकर शर्मा एवं उमाशंकर शर्मा की धर्मपत्नी गीता शर्मा ने कई वर्षों तक काश्तगारी की है। लेकिन उमाशंकर शर्मा एवं धर्मपत्नी गीता शर्मा की मृत्यु हो जाने के पश्चात खंडार हल्का पटवारी के द्वारा उमाशंकर शर्मा एवं गीता शर्मा के पुत्र मनोज कुमार शर्मा, पुत्री नीलम शर्मा, पुत्री ज्योति शर्मा, पुत्री सरोज शर्मा, पुत्री प्रिया शर्मा के नाम नामांतरण खोल दिया गया। नामांतरण खुलने के पश्चात एवं बारिश नामे के अनुसार 8 बीघा 10 विस्वा पुश्तैनी खातेदारी की भूमि के पांच सदस्य मालिक हो गए। बटवारा होने के पश्चात। उमाशंकर शर्मा के पुत्र मनोज कुमार शर्मा के बंटवारे में आई खातेदारी की भूमि के एक डेढ़ बीघा करीबन के भाग पर शरारती तत्वो से संबंध रखने वाला , संगठित परिवार का सदस्य, रूपए पैसे वाला, दबंग, अराजक स्वभाव वाले अतिक्रर्मी ने अपने दलबल का प्रयोग करते हुए। कब्जा कर लिया है। पीड़ित मनोज कुमार शर्मा ने अतिक्रर्मी को खातेदारी की भूमि के एक डेढ़ बीघा के भाग के अतिक्रमण से बेदखल करने के लिए। एवं अतिक्रर्मी से अपनी एवं अपने परिजनों की जान की सुरक्षा के लिए। खंडार तहसील मुख्यालय एवं खंडार उपखंड मुख्यालय एवं खंडार तालुका विधिक सेवा समिति अध्यक्ष, खंडार थाना आदि जगहों पर मौखिक एवं अपीलों के माध्यम से गुहार लगाई। लेकिन अतिकर्मी पूर्णतया सक्षम होने के कारण सरकारी दस्तावेजों की सत्यता को भी पदाधिकारीयों द्वारा मध्य नजर कर दिया गया है। कई महीनो से न्याय एवं अपनी एवं अपने परिजनों की जान की सुरक्षा के लिए। खंडार उपखंड मुख्यालय के राजस्व विभाग से संबंधित ऑफिसों पर चक्कर पर चक्कर लगाता हुआ आ रहा है। लेकिन पदाधिकारीयों की मुख दर्शक्ता एवं अनदेखी के चलते पीड़ित के दर्द एवं अतिक्रर्मी के अत्याचारों पर आज तक के हालातो में भी ना सुनवाई हुई है। ना ही कोई कार्रवाई हुई है। जिसके प्रणाम स्वरूप आज तक के हालातो में भी पीड़ित की अतिक्रमण की समस्या जस की तस बनी हुई है। जिससे पीड़ित पर बेरोजगारी से आर्थिक संकट की मार एवं कहीं पर भी सुनवाई नहीं होने से एवं अतिक्रमण मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं होने से मानसिक रोग से स्वास्थ्य खराब रहने की मार एवं दबंग अतिक्रर्मी की बर्बरता की मार सभी संकटों की मार झेलते हुए। बड़े कष्ट के साथ में जीवन व्यतीत करते हुए। न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहा है। लेकिन उसके पश्चात भी अतिक्रर्मी पूर्णतया सक्षम होने से कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो रही है। जिसके परिणाम स्वरूप अतिक्रर्मी दिन पर दिन हौसले बुलंद होते हुए। पीड़ित के साथ बर्बरता की हरकतें बढ़ती हुई आ रही है। आज तक के हालातो में भी अतिक्रर्मी खुला घूम रहा है। जिससे पूरी तरह से अंदेशा बना हुआ है कि कभी भी पीड़ित की जान को खतरा हो सकता है। इन सब हालातो को देखकर अंदेशा है कि अतिक्रर्मी के साथ अधिकारी का मेहकमा भी खड़ा हुआ है। जिससे पीड़िता को समय पर न्याय नहीं मिल रहा है। जिससे पीड़ित ने न्याय के लिए। जिला मुख्यालय सवाई माधोपुर एवं राजस्थान सरकार से गुहार लगाई है।

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