logo

अपराध स्थल के निरीक्षण के समय क्या-क्या सावधानियां रखी जाएं इस विषय पर कमिश्नर कार्यालय में सेमिनार का आयोजन

भोपाल। रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन
गंभीर अपराधों के अनुसंधान में अधिकारियों,विवेचकों की व्यावसायिक दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देशन में बुधवार दोपहर कमिश्नर कार्यालय सभागार में नगरीय पुलिस भोपाल के समस्त राजपत्रित अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों हेतु एक दिवसीय "सीन ऑफ क्राइम" पर अधिकारी प्रशिक्षण सेमिनार का आयोजन किया गया। "सीन ऑफ क्राइम" कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य महिला ,पुरुष संबंधी गंभीर अपराधों मे
घटना स्थल पर अनुसंधानकर्ता क्या-क्या साक्ष्य मिल सकते हैं और अपराध स्थल का निरीक्षण करते समय क्या-क्या महत्वपूर्ण सावधानियां रखी जाएं, ताकि पीड़ित को न्याय एवं अपराधियों को सजा दिलाई जा सके।
कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक डॉ.हर्ष शर्मा सेवनिर्वृत डाइरेक्टर स्टेट फोरेंसिक साइंस लाबोरेटरी, मध्य प्रदेश ने बताया कि एक अनुसंधानकर्ता को गंभीर अपराधों मे घटना स्थल पर क्या-क्या साक्ष्य मिल सकते हैं, उन्हें कब और कैसे संरक्षित करना है। अपराध स्थल का निरीक्षण करते समय उन्हें संवेदनशीलता से एवं विवेकपूर्ण तरीके से क्या-क्या महत्वपूर्ण सावधानियां बरती जानी चाहिए, ताकि पीड़ित को न्याय एवं अपराधियों को सजा दिलाई जा सके।
डॉ.शर्मा ने हत्या, रेप, चोरी, लूट एवं डकैती समेत अनेक मामलों में विभिन्न तथ्यों एवं साक्ष्य के आधार में मामलों के पर्दाफाश करने तथा अपराधियों को सजा दिलाने में पुलिस को मिली सफ़लता के बारे मे व्यावहारिक उदाहरण दिए, साथ ही बताया कि उनके द्वारा 40 वर्ष की सेवा अवधि में लगभग 4 हजार केस साल्व किए, जिनमें केवल अपराध स्थल से मिले महत्वपूर्ण साक्ष्य के आधार पर पीड़ित को न्याय एवं अपराधियों को दण्ड मिल सका। डॉ.शर्मा प्रदेश में ही नहीं ब्लकि अन्य प्रदेशों एवं विदेशों में भी फोरेंसिक साइंस एण्ड सीन आफ क्राइम पर प्रशिक्षण देते हैं।
इस अवसर पर सेमिनार में उपस्थित अतिरिक्त पुलिस आयुक्त द्वारा समस्त अधिकारियों को व्यावहारिक उदाहरण देते हुए उत्कृष्ठ अनुसंधानकर्ता बनने हेतु अपराध स्थल का गंभीरता एवं विवेकपूर्ण तरीके से निरीक्षण, साक्ष्य संरक्षण इत्यादि विषयों पर महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया।

5
2111 views