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कोटा की रावण सरकार ने हर की पैड़ी पर किया विसर्जन, 156 अस्थि कलश के साथ हरिद्वार पहुंची यात्रा

कोटा। कर्मयोगी रावण सरकार के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष राजाराम जैन कर्म योगी ने बताया विगत 11 माह में कोटा जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र से मृत्यु उपरांत मिले 130 अज्ञात डेड बॉडी को क्षेत्रीय थाना अधिकारियों द्वारा अंतिम संस्कार हेतु कर्मयोगी सेवा संस्थान के सुपुर्द किया था जिनका संस्थान द्वारा विधिवत अंतिम संस्कार करते हुए किशोरपुरा मुक्तिधाम पर अस्थियों को एकत्रित किया गया था। 26 गरीब असहाय व्यक्तियों की मृत्यु उपरांत अंत्येष्टि व्यवस्था उनके परिजनों को दी गई थी जो अंतिम संस्कार करने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम नहीं थे अंत्येष्टि के पश्चात परिजनों द्वारा अस्थियां हरिद्वार गंगा जी में विसर्जन के लिए संस्थान के सुपुर्द की गई। कुल एकत्रित 156 अस्थियां लेकर हरिद्वार के लिए नंदा देवी एक्सप्रेस से 26 नवंबर की शाम 6:00 बजे कोटा से संस्थान अध्यक्ष अलका दुलारी जैन कर्मयोगी के नेतृत्व मैं हरिद्वार पहुंचने के बाद हरिद्वार जिला पुलिस प्रशासन से अस्थि कलश यात्रा निकालने की स्वीकृति के पश्चात 28 नवंबर को शाम 4:00 बजे कर्मयोगी रावण सरकार ने मनसा माता गेट से घोड़ा बग्गी पर अस्थि कलश रखकर 21 बैंड वादकों के बैंड की धुन पर हरिद्वार पंडा प्रमुख नरेश प्रधान के नेतृत्व में क्रिया कांड पंडितों के साथ हर की पौड़ी के लिए प्रस्थान किया। ज्योत से ज्योत जलाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो राह में आए जो दिन दुखी सबको गले से लगाते चलो, गंगा तेरा पानी अमृत झर झर बहता जाए जैसी सु मधुर भक्ति गीतों की स्वर लहरियो के साथ बैंड वादकों ने हर की पौड़ी मार्ग पर हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा के पुण्यदायिनी शुभ अवसर पर स्नान करने आए देशभर के भक्तों का ध्यान अपनी और आकर्षित किया घोड़ा बग्गी में अस्थि कलश रखकर रावण वेश मैं राजाराम जैन कर्मयोगी एवं मंदोदरी बनी अलका दुलारी जैन कर्मयोगी ने हाथ जोड़कर संपूर्ण मार्ग में आमजन का अभिवादन किया हर कोई यह जानने के लिए उत्सुक था रावण अस्थि कलश लेकर विसर्जन के लिए कहां से आए हैं प्राचीन ग्रंथो की मान्यता अनुसार रावण द्वारा ही हरिद्वार में हर की पौड़ी का निर्माण किया गया था रावण ने अपनी तपस्या के बल पर भगवान शिव को प्रसन्न करते हुए वरदान प्राप्त कर लिया था राक्षस कुल के उद्धार के लिए स्वर्ग तक सीडीयो का निर्माण करना और उसी के अंतर्गत प्रथम सीडी का निर्माण हरिद्वार हर की पौड़ी से प्रारंभ किया गया।

- कर्मयोगी सेवा संस्थान की अस्थि विसर्जन के लिए की गई यह 25वीं यात्रा :

राजाराम जैन कर्मयोगी ने बताया इससे पूर्व 2008 से अब तक 24 यात्रा के माध्यम से 6223 अस्थि कलश का विसर्जन किया जा चुका है। 25 वीं यात्रा में अध्यक्ष अलका दुलारी जैन कर्मयोगी कोटा उत्तर अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा नीलम शर्मा लक्ष्मी नारायण गर्ग महावीर प्रसाद जैन संजय कुमार डोगरा द्वारा 156 अस्थियों को गंगा में विधि विधान के साथ विसर्जित कर सभी दिवंगत आत्माओं की शांति एवं मोक्ष प्राप्ति की कामना की गई।

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