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नदी में अवैध रेत बजरी पत्थर खनन,जिम्मेदार मौन ।

विकास नगर (देहरादून) की नदियों में अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

अवैज्ञानिक और अवैध खनन प्रकृति के साथ-साथ सरकार के राजस्व को भी दो तरफा नुकसान पहुंचा रहा है।

अपनी जेबे भरने के लिए खनन माफिया प्रतिबंधित स्थानो पर भी अवैध खनन करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
सीधे तौर पर कहा जाए तो जिम्मेदारों की नाक के नीचे से पिछले काफी लंबे समय से आसन नदी के अंदर प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध खनन चल रहा है।

ताजुब की बात है खनन विभाग के अधिकारियों को यहां अवैध खनन होने की भनक तक नहीं लगती।

आलम यह है नदियों से ट्रैक्टर ट्रॉली में अवैध खनन भरकर खनन माफिया दो-दो पुलिस चौकी क्षेत्र से बेरोकटोक निकल जाते है ।

ऐसे में जिम्मेदारों पर सवाल उठने लाजिमी है।

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उत्तर प्रदेश में अब लेखपाल की रिपोर्ट ही अंतिम नहीं मानी जाएगी।*

*मुख्यमंत्री कार्यालय ने जनता दर्शन में आ रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए लेखपाल स्तर की जांच पर रोक लगा दी है।*

*अब राजस्व संबंधी शिकायतों की जांच लेखपाल नहीं,नायब तहसीलदार करेंगे।*

*अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं।*

*नायब तहसीलदार से नीचे कोई अधिकारी राजस्व मामलों की जांच नहीं करेगा।*

*शिकायतकर्ता को सुनने के बाद ही नायब तहसीलदार देंगे अपनी रिपोर्ट।*

*उप जिलाधिकारी स्तर पर होगा अंतिम निर्णय और समाधान।*

*जनता की समस्याओं के प्रति गंभीर हुआ सीएम कार्यालय-अब किसी की रिपोर्ट से नहीं,सुनवाई से होगा न्याय।*

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बरेली:-बरेली में इज्जतनगर थाना पुलिस ने बुधवार को स्मैक तस्करी के आरोप में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था।इनमें आदेश तिवारी नाम के आरोपी की मौत हो गई। उसके परिजनों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया है।बरेली में बुधवार को इज्जतनगर थाना पुलिस और एसओजी की कार्रवाई में जेल भेजे गए स्मैक तस्करी के आरोपी आदेश तिवारी नाम के युवक की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई।एक दिन पहले ही उसे जेल भेजा गया था।परिजनों ने पुलिस पर पिटाई और जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के गांव मनकरी निवासी 28 वर्षीय आदेश तिवारी पुत्र सत्यप्रकाश तिवारी की बृहस्पतिवार को जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि आदेश की मौत पुलिस पिटाई और जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई है।घटना के बाद पुलिस में शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।

*मंगलवार को पकड़े गए थे छह तस्कर*

पुलिस और एसओजी ने रेलवे रोड नंबर पांच के पास स्थित खंडहर से स्मैक तस्करी के आरोप में आदेश तिवारी समेत छह आरोपियों को गिरफ्त

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कौशाम्बी*: हजरत इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों की याद में मूरतगंज संदीपन घाट थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में मोहर्रम का त्यौहार गुरुवार को शांतिपूर्वक और अकीदत के साथ मनाया गया. इस अवसर पर लाखों अकीदतमंदों की आंखें नम हो गईं, और हर तरफ इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए मातम का माहौल रहा.मोहर्रम के मौके पर ताजियादारों ने जगह-जगह लंगर और जलेबी का वितरण किया. इमामबाड़ों से ताजिए निकाले गए, जिन्हें लेकर अकीदतमंद मातम करते हुए कर्बला पहुंचे. यहां ताजिए दफन करने के बाद ताजियादार शांतिपूर्वक अपने घरों को वापस लौट गए.
इसी क्रम में आलमचंद के ताजियादारों ने पुलिस बल के साथ इमामबाड़ा से आलमचंद गांव होते हुए हर्रायपुर तकिया तक ताजिया निकाला, और फिर उसे कर्बला ले जाकर दफन किया. इसके बाद सभी शांतिपूर्वक अपने घर लौटे.
मूरतगंज, सकाड़ा, बड़ी धन्नी, पल्हना, मितुआपुर, बड़ागांव, जलालपुर, बोरियों और पढानपुरवा के ताजियादारों ने भी इमामबाड़ों से ताजिए लेकर मातम करते हुए कर्बला कशीया पूर्व कर्बला तक पहुंचाया. यहां भी ताजिए दफन करने के बाद सभी शांतिपूर्वक अपने घर वापस आए. इस दौरान ग्रामीणों ने लंगर, शरबत और जलेबियों का वितरण किया. मोहर्रम के जुलूसों के दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा, जिससे सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही और त्यौहार शांतिपूर्वक संपन्न हुआ.कर्बला के शहीदों को किया याद इमाम हुसैन और कर्बला के 72 शहीदों की कुर्बानी को याद करते हुए अकीदतमंदों ने आंसू बहाए. इस अवसर पर इमाम हुसैन की शहादत के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया, जिसमें इंसानियत, सब्र और हक के लिए कुर्बानी की भावना निहित है.

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गाजियाबाद। कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय नागरिक सुरक्षा के सहायक उप नियंत्रक एवं कार्यालय प्रभारी गुलाम नबी ने कांवड़ यात्रा के दौरान शांति सुरक्षा, एवं यातायात नियंत्रण तथा कावड़ियों को सही मार्ग प्रशस्त करने के लिए टाउन हॉल डिविजन की बैठक आहूत की गई।
उक्त बैठक का संचालन करते हुए नवनियुक्त डिविजनल वार्डन दीपक अग्रवाल ने पदोन्नति किए गए पदाधिकारी का माला पहनाकर सम्मानित किया। इसके बाद सभी पदाधिकारी ने अपना परिचय दिया।
स्टाफ ऑफिसर मुकेश शर्मा ने बैठक के अध्यक्ष गुलाम नबी, स्टाफ ऑफिसर टू चीफ वार्डन राजेंद्र शर्मा डिवीजनल वार्डन दीपक अग्रवाल, डिप्टी डिवीजनल वार्डन संजय गोयल का शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। तत्पश्चात बैठक का मुख्य एजेंडा कावड़ यात्रा पर चर्चा करते हुए गुलाम नबी ने सभी वार्डनों को धैर्य,अनुशासन, एवं एकता का पाठ पढ़ाया, और कहा किसी भी दशा में कांवड़ियों को कावड़ यात्रा के दौरान शांति व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था एवं यातायात व्यवस्था में दिक्कत नहीं होनी चाहिए, असामाजिक, अराजकता, एवं अशांति फैलाने वाले तत्वों से सावधान एवं सुरक्षित रहने के दिशा निर्देश दिए। कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में अपने उच्च अधिकारियों को सूचित करने के दिशा निर्देश भी दिए।
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी कावड़ यात्रा का सफल आयोजन करने के लिए नागरिक सुरक्षा कृत संकल्प है।
उक्त बैठक में मुख्य रूप से राजेंद्र शर्मा स्टॉप ऑफिसर टू चीफ वार्डन डिवीजनल वार्डन दीपक अग्रवाल डिवीजन वार्डन आरक्षित हर्ष वर्मा स्टाफ ऑफिसर सुनील गर्ग,मुकेश शर्मा, नवनीत चौधरी, घटना नियंत्रण अधिकारी संजय शर्मा तुषार शर्मा डॉक्टर मृगांक, सुनील चौधरी, शशिकांत भारद्वाज, राजन गुप्ता, हर्ष नाथ झा पोस्ट वार्डन रिजर्व अरुण कुमार श्रीवास्तव अनिल सरीन पोस्ट वार्डन अरविंद दीक्षित, अक्षय जैन,, रिशांक, अरुण कुमार, सचिन आदि पदाधिकारी सम्मिलित हुए।

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मेरठ - कलमपुत्र काव्यकला मंच के तत्वावधान में दिनांक 6 जुलाई को होटल वेलकम ऑलिव, यूनिवर्सिटी रोड, साकेत मेरठ पर लेखक रणविजय सिंह ‘पुलुर’ के उपन्यास ‘पराजित नायक’ का विमोचन एक साहित्यिक समारोह में किया गया। मुख्य अतिथिं साथ मुलाकात श्री आरसी गुप्ता जी प्राचार्य एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज मेरठतथा विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रबल प्रताप सिंह वरिष्ट पत्रकार, दिल्ली, ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में वरिष्ठ कवि श्री सत्यपाल सत्यम् जी मंच पर उपस्थित रहे तथा दीप प्रज्वलन का श्रीमती मीनाक्षी कौशल जी (प्रान्तीय उपाध्यक्ष सेवा भारती) ने किया। उपन्यास की समीक्षा करते हुए श्री अशोक कुमार गौड ने कहा कि ‘पराजित नायक’ उपन्यास एक गृहस्थी के संचालन के लिए आम आदमी के संघर्ष को बयान करता है। व्यक्ति की कुछ गलत आदतों से होने वाली हानियांे व परिवार पर पड़ने वाले प्रभावों, कुसंगति के असर, जीवन में आने वाले झंझावतों आदि को रोचकता, व्यंग्यात्मक एवं सहज-सरल भाषा शैली में पाठको को आकर्षित करने के लिए यह उपन्यास प्रंशसनीय है। उपन्यास के लेखक रणविजय सिंह ‘पुलुर’ ने उपन्यास के विषय में बताया कि ग्रामीण युवक बिना मार्गदर्शन के भी संघर्ष को सहारा बनाकर जीवन में सफल हो सकते हैं। यद्यपि इस संघर्ष काल मे उन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। जय-पराजय की चिन्ता के बिना संघर्ष का दामन थामे रखने वाला आम आदमी ही नायक है। भले ही वह पराजित क्यों न हो जाये। उपन्यास के प्रकाशक चरणसिंह स्वामी ने कहा कि कोई व्यक्ति जीवन में कभी-कभी अपने स्वाभिमान को दरकिनार करके कुछ ऐसे समझोते कर लेता है, जिन्हें अपनाकर वह सफलता तो प्राप्त कर जाता है, लेकिन वे समझोते उसे जीवनभर टीस देते रहते हैं। उपन्यास का नायक जमुना भी ऐसी ही टीस को जीवनभर झेलता है। कार्यक्रम का संचालन व संयोजन चरणसिंह स्वामी द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम में कई विशिष्टजनों का सान्निध्य प्राप्त हुआ, जिनमें सर्व श्री ज्ञान दीक्षित जी (दादा साहब फाल्के फिल्म फाउंडेशन, मुंबई अवार्डी), श्री संजय के. जी (उपन्यासकार), श्रीमती बीनू सिंह जी (लोक गायिका), श्रीमती रेखा वाधवा जी (समाजसेविका) प्रमुख हैं। सभी अतिथियों ने ‘पराजित नायक’ उपन्यास का अवलोकन करने के उपरान्त उपन्यास मंे निहित व्यंग्य व सामाजिक यथार्थ की भूरि-भूरि प्रंशसा की। मुख्य अतिथि ने कहा- व्यक्ति जीवन में कई बार पराजित भी होता है लेकिन उसके हार में ही जीत होती है यह उपन्यास व्यक्ति के सामाजिक संघर्ष को इंगित करता है। उपन्यास के विमोचन के उपरान्त कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। सरस्वती वन्दना कुमारी गुंजन स्वामी ने की। कवयित्री श्रीमती रेखा गिरीश, कमलेश तन्हा, सरोज दूबे, कवि प्रशान्त दीक्षित, बाल कवयित्री कुमारी गुंजन स्वामी ने अपने काव्यपाठ से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। चरणसिंह स्वामी ने आज की परिस्थितियों पर कविता इस प्रकार सुनाई- हम कितना दर्द लिए फिरते हैं अपने,अपने सीने में, भेद कहाँ अब रहा यहाँ पर मरने में और जीने में। सत्यपाल सत्यम जी ने गीत कुछ यूं पढ़ा- तेरे शहर में रिमझिम रिमझिम गांव मेरा मरुथल। जी हमसे रूठ गया बादल।अन्य प्रमुख गणमान्य लोगों में सहायक आबकारी आयुक्त श्री बजरंग बहादुर सिंह, श्री शिशुपाल सिंह जी, श्रीमती अनीता जी उपस्थित रहे।

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श्री रावतपूरा सरकार मेडिकल कॉलेज मान्यता मामले में सीबीआई की जांच में कई बड़े खुलासे हुए हैं। सीबीआई का दावा है कि कि रावतपुरा सरकार सीधे टीआइएसएस के चेयरमैन रिश्वत के लिए सौदेबाजी कर रहे थे। जांच में यह भी सामने आया है कि इस रिश्वतखोरी का नेटवर्क देश के 8 राज्यों में फैला है, जो 1300 करोड़ का है।

1.रविशंकर महाराज सीधे टीआइएसएस चेयरमैन से कर रहे थे बात
2.मेडिकल कॉलेज मान्यता मामले में कई बड़े लोगों के नाम शामिल
3.देश के 8 राज्यों के कॉलेजों में 1300 करोड़ के रिश्वतखोरी का दावा

रायपुर: श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज मान्यता रिश्वतकांड में सीबीआइ की प्रारंभिक जांच में यह साफ हुआ है कि रविशंकर महाराज (रावतपुरा सरकार) टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआइएसएस) के चेयरमैन डीपी सिंह से सीधे रिश्वत के लिए सौदेबाजी कर रहे थे। डीपी सिंह यूजीसी के पूर्व चेयरमैन के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिक्षा सलाहकार और बीएचयू, देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय, इंदौर और सागर विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके हैं।

इस मामले के आरोपियों में छत्तीसगढ़ के सेवानिवृत्त आईएफएस अफसर और रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के अध्यक्ष संजय शुक्ला भी हैं। वे रावतपुरा कॉलेज से भी जुड़े हैं। अब तक केवल कॉलेज के निदेशक अतुल तिवारी की गिरफ्तारी हुई है, जबकि रविशंकर महाराज, संजय शुक्ला, लेखापाल लक्ष्मीनारायण तिवारी और डॉ. अतिन कुंडू सीबीआइ की गिरफ्त से बाहर हैं।

मोटी रिश्वत के बदले मेडिकल कॉलेजों को मान्यता
सीबीआई की जांच में यह साफ हुआ है कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) में यूजी-पीजी बोर्ड के भीतर एक सुनियोजित रैकेट चल रहा है। इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों की मिलीभगत भी है। इस रैकेट ने मोटी रिश्वत के बदले कई निजी मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दिलाई है, जबकि वे मान्यता के मानक पूरा नहीं कर रहे थे।

खुद रविशंकर महाराज कर रहें थे सौदेबाजी
मान्यता मानकों के संबंध में रविशंकर महाराज ने टीआइएसएस के चेयरमैन डीपी सिंह से सौदेबाजी की। इसके बाद अतुल तिवारी ने रायपुर के एक होटल में ठहरी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग निरीक्षण दल की प्रमुख और मांड्या इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बेंगलुरु में आर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ. मंजप्पा सीएन को सीधे 55 लाख रुपये का ऑफर किया। डॉ. मंजप्पा ने निरीक्षण दल के अन्य सदस्य बेंगलुरू के डॉ. सतीश, डॉ. चैत्रा एमएस, डॉ. अशोक शेलके से इस बारे में बात कर सभी को बराबर हिस्सा देने को कहा।

डॉ. सतीश ने हवाला ऑपरेटर के जरिए मिले 55 लाख रुपये बेंगलुरू में चैत्रा के पति रविचंद्रन के साथ जाकर एकत्र किया था। इस बीच भनक लगने पर एक जुलाई को सीबीआई ने डॉ. मंजप्पा, डॉ. चैत्रा एमएस, डॉ. अशोक शेलके और अतुल तिवारी को रायपुर और डॉ.सतीश व रविचंद्रन को बेंगलुरू में घेराबंदी कर दबोच लिया।

मेडिकल कॉलेजों की मान्यता में भ्रष्टाचार
1,300 करोड़ से अधिक का रिश्वतकांड नवा रायपुर स्थित श्री रावतपुरा मेडिकल कॉलेज सीबीआइ जांच की सूची में शीर्ष पर है, जिसने रिश्वतखोरी के बदले मान्यता लेने की कोशिश की। इनके साथ ही कॉलेज से जुड़े अन्य पदाधिकारियों की भी जल्द गिरफ्तारी के संकेत हैं।

सूत्रों का कहना है कि देशभर के आठ राज्यों के निजी मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दिलाने के नाम पर 1,300 करोड़ रुपये से अधिक के रिश्वत लेने के प्रमाण सीबीआई की जांच में सामने आए हैं। जांच की जद में आए श्री रावतपुरा कॉलेज के पांच प्रमुख पदाधिकारियों के साथ एनएमसी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के 11 अधिकारियों समेत 35 नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी की तैयारी चल रही है।

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नेशनल डेस्क: हीराकुंड एक्सप्रेस की AC बोगी में सबकुछ सामान्य लग रहा था- यात्री अपनी सीटों पर बैठे थे, ट्रेन तेज़ रफ्तार से पटरी पर दौड़ रही थी। तभी डिब्बे में दाखिल हुआ टिकट चेकिंग अधिकारी (TTE), जो रूटीन जांच में जुटा था। लेकिन जैसे ही उसकी नजर एक महिला पर पड़ी, कहानी में चौंकाने वाला एक ट्विस्ट आया। महिला चेहरे से घबराई हुई दिखी, माथे से पसीना पोछते हुए बोली - मेरा टिकट तो नहीं है... लेकिन मेरे पति जीआरपी में हैं। इस जवाब ने ना सिर्फ टीटीई को चौंका दिया, बल्कि अगले कुछ मिनटों में ट्रेन की शांति एक बड़े बवाल में बदल गई।

दरअसल, विशाखापत्तनम जा रही हीराकुंड एक्सप्रेस में मंगलवार को उस समय बड़ा हंगामा हो गया जब ट्रेन में टिकट चेक कर रहे टीटीई और एक महिला यात्री के बीच विवाद शुरू हुआ, जो बाद में महिला के जीआरपी कांस्टेबल पति के दखल के बाद और भी ज्यादा बढ़ गया। घटना इस कदर तनावपूर्ण हो गई कि झांसी स्टेशन पहुंचते ही जीआरपी के कई जवान ट्रेन में चढ़ गए और टीटीई को जबरन नीचे उतार ले गए। इसके बाद ट्रेन बिना टीटीई के ही रवाना हो गई।

कैसे शुरू हुआ विवाद?
जबलपुर डिवीजन के कटनी स्टेशन से जुड़े टीटीई दिनेश कुमार ट्रेन की सामान्य टिकट जांच कर रहे थे। बी-1 कोच की बर्थ नंबर 38 पर बैठी एक महिला से जब टिकट दिखाने को कहा गया, तो उसने बताया कि उसके पास रिजर्वेशन नहीं है और उसके पति संदीप कुमार, जो जीआरपी में कांस्टेबल हैं, उसी कोच में दूसरी सीट पर बैठे हैं। दिनेश ने जब नियमों के अनुसार टिकट दिखाने की बात पर जोर दिया, तो बहस शुरू हो गई।

पति ने पहुंचते ही बदल दिया माहौल
महिला के पति संदीप कुमार ने मौके पर पहुंचते ही टीटीई से बहस शुरू कर दी। टीटीई ने नियमों के अनुसार कार्रवाई की बात कही, लेकिन संदीप ने न सिर्फ सहयोग करने से इनकार किया, बल्कि कथित तौर पर विवाद को बढ़ा दिया। ट्रेन जैसे ही ललितपुर और फिर झांसी स्टेशन पर पहुंची, जीआरपी के अन्य जवान ट्रेन में चढ़े और दिनेश कुमार को जबरदस्ती ट्रेन से उतारकर थाने ले गए।

TTE का आरोप – मारपीट और दबाव में सुलह
टीटीई दिनेश कुमार ने अपनी लिखित शिकायत में दावा किया कि जीआरपी थाने में न केवल उनके साथ मारपीट की गई, बल्कि दबाव बनाकर सुलह पत्र पर हस्ताक्षर भी करवाए गए। उनका कहना है कि पूरी घटना न केवल रेलवे कर्मचारियों के सम्मान के खिलाफ है, बल्कि एक सिस्टम के तौर पर नियमों की अवहेलना भी है।

रेलवे कर्मचारियों में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
घटना के बाद झांसी मंडल के रेलवे कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। स्थानीय टीटीई एसोसिएशन ने डीआरएम से मुलाकात कर पूरे मामले को अपमानजनक और अस्वीकार्य बताया और आरोपी जीआरपी जवानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

तीन सदस्यीय जांच समिति गठित
बुधवार को रेल प्रशासन, आरपीएफ और जीआरपी के वरिष्ठ अधिकारियों को मिलाकर तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है, जो इस विवाद की तह तक जाएगी। झांसी मंडल के अपर मंडल रेल प्रबंधक (एडीआरएम) ओपी नंदीश शुक्ला ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीजीपी (जीआरपी) को पत्र भेजकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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आळंदी (रवि कदम ) : पुणे आळंदी रस्त्यावरील वडमुखवाडी येथील श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज थोरल्या पादुका मंदिरात आषाढी एकादशी निमित्ताने भक्तिभावपूर्ण वातावरणात श्री पांडुरंग आणि श्री ज्ञानेश्वर माऊलींची महापूजा हरिनाम गजरात झाली. धार्मिक प्रथा परंपरांचे पालन करीत पूजेचे आयोजन श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पादुका ट्रस्टच्या वतीने करण्यात आले. महापूजा, अभिषेक आणि हरिपाठाचे आयोजन ट्रस्टचे संस्थापक अध्यक्ष ॲड. विष्णू तापकीर, सुनीता तापकीर, ॲड. मयूर तापकीर, कीर्ती तापकीर, तापकीर परिवाराने पारंपरिक विधी आणि भक्तिभाव जपत श्रींची महापूजा केली. श्री विठ्ठल-रुक्मिणी आणि माऊलींच्या मूर्तींना दूध, दही, मध, सुगंधी जलाने अभिषेक करण्यात आला. नामगजर, अभिषेक, आरती आणि हरिनामाच्या जयघोषात मंदिर परिसर भक्तिरसात न्हाला. सांस्कृतिक कार्यक्रम आणि कीर्तनसेवा ह.भ.प. गंगाधार स्वामी महाराज यांचे सुश्राव्य कीर्तन, हरिपाठ, रात्री हरी जागर भक्तीमय उत्साहात झाला. या प्रसंगी शिवाजी गराडे, मुक्ता गराडे, ह.भ.प. रमेश घोंगडे, राजेंद्र नाणेकर, हर्षल अरबट, शांताराम तापकीर, संतोप पठारे, चंदकांत मोरे आदींसह परिसरातील माऊली भक्तांची उपस्थिती होती. महाप्रसाद आणि आकर्षक सजावट महापूजेनंतर श्रींना महाप्रसादाचा नैवेद्य अर्पण करण्यात आला. भाविकांना प्रसाद वाटप करण्यात आला. मंदिर परिसर फुलांची आकर्षक सजावट, रांगोळ्या आणि दीपसज्जेने विशेष लक्षवेधी सजवण्यात आला होता.

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Tatkal Ticket Booking Online – भारतीय रेलवे में यात्रा करना आज भी देश के करोड़ों लोगों की पहली पसंद है। लेकिन जब बात आती है अचानक सफर करने की, तब सबसे ज़्यादा भरोसा होता है Tatkal टिकट पर। अब रेलवे ने Tatkal टिकट बुकिंग के नियमों में कुछ अहम बदलाव किए हैं ताकि आम लोगों को फायदा मिले और टिकट की कालाबाजारी पर लगाम लगाई जा सके।तो चलिए जानते हैं कि 2025 में Tatkal टिकट बुकिंग का नया तरीका क्या है, समय कब से बदल गया है और अब बुकिंग करते समय किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है।

अब Tatkal टिकट बुकिंग का टाइम क्या है?
अब अगर आप एसी क्लास में सफर करना चाहते हैं तो सुबह 10 बजे से टिकट बुकिंग शुरू होगी। वहीं नॉन-एसी क्लास (जैसे स्लीपर या सेकंड सीटिंग) के लिए सुबह 11 बजे से बुकिंग शुरू होगी।ध्यान देने वाली बात ये है कि अब बुकिंग केवल यात्रा से एक दिन पहले ही की जा सकती है। यानी अगर आपकी ट्रेन 7जुलाई को है तो आप 6जुलाई को सुबह ही Tatkal टिकट बुक कर पाएंगे।

एजेंट्स पर लगा ब्रेक
रेलवे ने एजेंट्स की मनमानी पर लगाम कसने के लिए एक नया नियम लाया है। अब एजेंट्स बुकिंग टाइम के पहले 30 मिनट तक टिकट बुक नहीं कर पाएंगे। मतलब:

.एसी क्लास के लिए: एजेंट 10:30 बजे के बाद ही टिकट बुक कर सकते हैं
.नॉन-एसी क्लास के लिए: एजेंट 11:30 बजे के बाद ही टिकट बुक कर सकते हैं

इससे आम यात्रियों को पहले टिकट बुक करने का बेहतर मौका मिलेगा। वहीं कुछ एजेंट आधारकार्ड लिंक को ले कर भी परेशान है उनका पर्सनल 🆔 में आधार कार्ड लिंक है जिसके चलते वे लोग एजेंट 🆔 में आधार कार्ड लिंक ना होने के कारण तत्काल टिकट नहीं बना पा रहे है एवं रेल मंत्री से निवेदन करते हुए पर्सनल 🆔 से आधार कार्ड लिंक हटाने हेतु अपडेट की प्रतीक्षा कर रहे है।

आधार और OTP वेरिफिकेशन अब जरूरी
अब 1 जुलाई 2025 से IRCTC से टिकट बुक करते समय आधार कार्ड से वेरिफिकेशन जरूरी कर दिया गया है। इसके अलावा, 15 जुलाई 2025 से टिकट बुकिंग पर OTP वेरिफिकेशन भी अनिवार्य हो गया है। इससे फर्जी बुकिंग और बॉट्स पर रोक लगेगी।

इसलिए अब टिकट बुक करते समय आपका मोबाइल नंबर एक्टिव होना चाहिए और आपके पास आधार कार्ड की डिटेल्स होनी चाहिए।

टिकट बुकिंग की लिमिट क्या है?
एक बार में अधिकतम 4 यात्रियों का टिकट बुक हो सकता है
अगर आपका IRCTC अकाउंट आधार से लिंक है तो आप हर महीने 12 टिकट बुक कर सकते हैं, वरना सिर्फ 6

Tatkal टिकट बुकिंग कैसे करें?
1.सबसे पहले IRCTC की वेबसाइट या ऐप खोलें
2.लॉगिन करें
3.From और To स्टेशन चुनें, यात्रा की तारीख डालें
4.Quota” में Tatkal सेलेक्ट करें
5.ट्रेन और क्लास चुनें
6.Book Now” पर क्लिक करें
7.यात्री की डिटेल्स भरें
8.आधार नंबर डालें, OTP डालकर वेरिफिकेशन करें
9.पेमेंट करें
10.टिकट कन्फर्म होते ही SMS या ईमेल पर जानकारी मिल जाएगी

जरूरी डॉक्यूमेंट्स क्या लगेंगे?
1.बुकिंग के समय आधार कार्ड
2.यात्रा के समय आधार, वोटर आईडी, पैन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस में से कोई एक पहचान पत्र
3.मोबाइल नंबर जो OTP के लिए इस्तेमाल होगा

Tatkal टिकट के चार्ज कितने हैं?
1.Second Sitting के लिए न्यूनतम चार्ज 10 रुपये
2.बाकी क्लास में यह मूल किराए का लगभग 30% तक हो सकता है
3.AC फर्स्ट या एक्जीक्यूटिव क्लास के लिए चार्ज 500 रुपये तक हो सकता है

क्या रिफंड मिलेगा?
अगर आपका Tatkal टिकट कन्फर्म हो गया है, तो रिफंड नहीं मिलेगा। हां, अगर ट्रेन कैंसिल होती है या कुछ खास वजह होती है तो रेलवे के नियमों के अनुसार रिफंड मिल सकता है।

टिकट बुक करते समय ध्यान रखने वाली बातें
1.बुकिंग शुरू होने से 10 मिनट पहले IRCTC में लॉगिन कर लें
2.Master List में यात्री की जानकारी पहले से सेव कर लें
3.पेमेंट मोड जैसे UPI या कार्ड डिटेल्स पहले से सेव रखें
4.इंटरनेट की स्पीड अच्छी होनी चाहिए
5.मोबाइल पास में रखें ताकि OTP जल्दी भर सकें

क्यों लाए गए ये बदलाव?
1.आम लोगों को ज्यादा मौका देने के लिए
2.एजेंट्स की कालाबाजारी को रोकने के लिए
3.सिस्टम को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए
4.फर्जी बुकिंग और टिकट माफिया को रोकने के लिए

Tatkal टिकट बुकिंग में हुए ये बदलाव आम यात्रियों के लिए राहत लेकर आए हैं। अब बुकिंग का समय स्पष्ट है, एजेंट्स पर रोक है, और सिस्टम पहले से ज़्यादा सुरक्षित हो गया है। अगर आप अचानक यात्रा की प्लानिंग कर रहे हैं तो इन नए नियमों को ध्यान में रखकर टिकट बुक करें और बिना किसी टेंशन के सफर का आनंद लें।

ऐसे ही रोचक जानकारी के लिए लाइक और कमेंट में अपना मोबाइल नंबर भेजे

किशोर कुमार
दुर्ग छत्तीसगढ़

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आळंदी ( रवि कदम ) : श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज यांच्या संजीवन समाधी दर्शनास आषाढी देवशयनी एकादशी दिनी सुमारे लाखावर भाविकांनी श्रीचे दर्शनास भल्या पहाटे हरीनाम गजर करीत गर्दी केली. राज्य परिसरातून आलेल्या सुमारे लाखावर भाविकांनी श्रीचे संजीवन समाधीचे दर्शन घेवून नगर प्रदक्षिणा पूर्ण केली. तत्पूर्वी माऊली मंदिरात पहाटे साडे चारचे सुमारास ११ ब्रम्हवृंदानी वेदमंत्र जयघोषात रुद्राभिषेक परंपरेने केला. मंदिरातील श्रींचे गाभाऱ्यात लक्षवेधी पुष्प सजावट करण्यात आली होती. इंद्रायणी आरती सेवा समितीचे वर्धापन दिना निमित्त इंद्रायणी आरती, इंद्रायणी पूजा, दीप पूजन, इंद्रायणी नदीत दीप सोडत उत्साहात इंद्रायणी आरतीचा वर्धापन दिन साजरा करण्यात आला. आळंदी मंदिरातील प्रथा परंपरेचे पालन करीत एकादशी दिनी श्रीची पूजा, आरती, फराळाचा महानैवेद्य झाला. मंदिरातील दर्शन बारीत रांगा लावून भाविकांनी दर्शनास गर्दी करीत श्रीचे समाधी दर्शन घेतले. माऊली मंदिरात हरिपाठ कीर्तन सेवेस भाविक, नागरिकांचे उपस्थितीने उत्साही प्रतिसाद मिळत आहे. संत ज्ञानेश्वर महाराज संजीवन समाधी मंदिरात नित्य नैमित्तिक धार्मिक कार्यक्रम उत्साहात होत असल्याचे संजय रणदिवे यांनी सांगितले. व्यवस्थापक ज्ञानेश्वर वीर यांचे नियंत्रणात कर्मचारी, सेवक, पोलीस मित्र आदींनी भाविकांच्या दर्शनासाठी प्रभावी नियोजन केले. सुमारे लाखावर भाविकांनी आळंदी मंदिरात श्रीचे दर्शन घेतले. यावर्षी इंद्रायणी नदीला महापुराची पाणी असल्याने श्रींचे परंपरेने होणारी नगरप्रदक्षिणा यावेळी राम घाटमार्गे झाली. हजेरी मारुती मंदिर, नगरप्रदक्षिणा मार्गे यावेळी श्री लक्ष्मी नारायण विष्णू मंदिर, आवेकर भावे रामचंद्र संस्थान ( श्री राम मंदिर ) राम घाट मार्गे श्रींचे पालखीची हरिनाम गजरात परंपरेने ग्राम प्रदक्षिणा हरिनाम गजरात झाली. देवशयनी एकादशी निमित्त माऊलींचे पालखीची नगर प्रदक्षिणा होती. इंद्रायणी नदीला पाणी असल्यामुळे श्रींची पालखी रामघाट मार्गे हरिनाम गजरात मार्गस्थ झाली. श्रींची पालखी राम घाट मार्गे आवेकर भावे रामचंद्र संस्थान ( श्री राम मंदिर ) आळंदी मंदिरा समोर आल्यावर श्रींचे पालखीचे स्वागत करण्यात आले. यावेळी श्रींची आरती, पूजा आवेकर भावे रामचंद्र संस्थान आळंदी यांचे तर्फे विधिवत झाली. यावेळी विश्वस्त अर्जुन मेदनकर, विश्वस्त अविनाश गुळुंजकर, श्रींचे पुजारी, रोहिदास कदम, माऊली घुंडरे, गोविंद ठाकूर, सोमनाथ बेंडाले, उमेश बिडकर, अमर गायकवाड, प्रसाद बोराटे, सागर रानवडे, प्रतीक कुऱ्हाडे, योगीराज कुऱ्हाडे, संजय रणदिवे, सौरभ चौधरी, मंगेश आरु, पोलीस नाईक मच्छिन्द्र शेंडे, पपू वरखडे, आळंदीकर ग्रामस्थ, पदाधिकारी, खांदेकरी, वारकरी, भाविक आदी मान्यवर उपस्थित होते. आळंदी पोलिस, मंदिरातील सुरक्षा रक्षक, सेवक-पोलिस हवालदार, पोलीस मित्र यांनी बंदोबस्त ठेवला. कमी वेळेत जास्तीत जास्त भाविकांना दर्शन देण्यासाठी सेवकांनी परिश्रम घेतले. अनेक भाविकांनी वारकरी यांना फराळाचे वाटप केले. आळंदी संस्थांनच्या वतीने प्रभावी पिण्याचे पाण्याची व्यवस्था, प्रसाद वाटप करण्यात आले. आळंदीकर ग्रामस्थानी श्रींची पालखी माऊली माऊली जयघोष करत खांद्यावर घेत हरिनाम गजरात ग्राम प्रदक्षिणेस विशेष परिश्रम घेतले. नगरप्रदक्षिणे दरम्यान वाहतूक सुरळीत राहावी यासाठी वाहतूक पोलिसांनी परिश्रम घेतले. यावेळी आळंदी पोलीस स्टेशनचे वरिष्ठ पोलीस निरीक्षक भीमा नरके, पोलीस नाईक मच्छिन्द्र शेंडे आदींनी बंदोबस्त नियोजन केले. एकादशी निमित्त आलेल्या भाविक - वारकरी यांनी मंदिर आणि नगरप्रदक्षिणा हरीनाम गजरात केली. येथील मंदिर परिसरात थेट दुचाकी वाहने येत असल्याने भाविकांना मंदिर परिसरात ये-जा करताना काहीशी गैरसोय झाली.हरिपाठ कीर्तनसेवेस उत्साही प्रतिसाद संत ज्ञानेश्वर महाराज संजीवन समाधी मंदिरात आषाढी एकादशी मोठ्या उत्साही वातावरणात साजरी झाली. माऊली मंदिरातील प्रथा परंपरेचे पालन करीत हरिपाठ कीर्तन सेवेस भाविकांनी गर्दी केली. श्रींचे पालखीचे आषाढीस पंढरपूरला जाण्यास प्रस्थान झाल्या नंतर ते श्रींची पालखी आळंदीत परत येई पर्यंत येथील वै. स्व. विष्णुबुवा चक्रांकित महाराज यांचे घराण्याकडे सेवेचा मान आहे. अवधूत महाराज चक्रांकित यांचे नियंत्रणात परंपरेने कीर्तन सेवेची परंपरा आहे. श्रींचे विना मंडपात हरिपाठावर आधारित माऊली मंदिरात कीर्तन सेवा परंपरेने सुरु आहे. एकादशी दिनी हजेरी मारुती मंदिरात देखील त्यांचे वतीने चक्रांकित महाराज यांचे शिष्य जगदीश महाराज जोशी त्र्यंबकेश्वर, अवधूत चक्रांकित महाराज यांची कीर्तनसेवा माऊली मंदिरात होत आहे. कीर्तन सेवेस हरीनाम गजरात सुरुवात झाल्यानंतर देखील हजेरी मारुती मंदिरात नगरप्रदक्षिणे दरम्यान श्रींचे वैभवी पालखीचे दर्शनास भाविकांची मोठी गर्दी झाली. दरम्यान प्रदक्षिणा मार्गावर ठिकठिकाणी भाविकांनी श्रींचे पालखी ग्रामप्रदक्षिणा करीत असताना दर्शन घेतले. श्रींचे पालखीचे मंदिरात नगरप्रदक्षणे नंतर आगमन झाले. यावेळी मानक-याना देवस्थान तर्फे नारळ प्रसाद देण्यात आला. आळंदी ग्रामस्थानी श्रींचे पालखीस खांदा देत श्रींचे पालखीची नगरप्रदक्षिणा हरिनाम गजरात झाली. इंद्रायणी नदी घाटावर इंद्रायणी पूजन, आरती, दीपदान समर्पित तीर्थक्षेत्र आळंदी ग्रामस्थ, इंद्रायणी आरती सेवा समिती, राजमाता जिजाऊ महिला प्रतिष्ठान, महिला बचत गट सदस्य, पदाधिकारी, महिला मंडळ तसेच आळंदी ग्रामस्थ यांचे वतीने इंद्रायणी नदी घाटावर घाट स्वच्छता करीत इंद्रायणीची पूजा, आरती हरिनाम गजरात झाली. यावेळी पुष्प सजावट, पुष्परांगोळी काढण्यात आली. आषाढी वारी देवशयनी एकादशी दिनी इंद्रायणीची आरती करून नदी घाट स्वच्छता करीत सामाजिक बांधिलकी जोपासली. यावेळी इंद्रायणी आरती उपक्रमातील गुणवंत मान्यवर यांना कोषागार, रुख्मिणी कदम, पुणे कोषागार अधिकारी मनीषा जाधव, खंडाळा नगरपरिषद विरोधी पक्षघटनेते नगरसेवक संदीप जाधव यांचे हस्ते सन्मानित करण्यात आले. यावेळी माजी नगरसेविका मालनताई घुंडरे, माजी नगरसेविका उषा नरके, संयोजक अर्जुन मेदनकर, संयोजिका अध्यक्षा राजमाता जिजाऊ प्रतिष्ठान अध्यक्षा अनिताताई झुजम, महिला बचत गट महासंघ अध्यक्षा सुवर्णा काळे, शोभा कुलकर्णी, सरस्वती भागवत, अनिता शिंदे, शालन होणावले, शैला तापकीर, सरस्वती घुंडरे, सुरेखा कुऱ्हाडे, लता वर्तुळे, शिला कुलकर्णी, रोहिदास कदम, माऊली घुंडरे, राजेश नागरे, वेल्फेअर पोलीस मित्र अध्यक्ष योगेश जाधव, वैभव दहिफळे आदी मान्यवर उपस्थित होते. इंद्रायणी नदीचे पावित्र्य जोपासण्याचे आवाहन यावेळी करण्यात आले. इंद्रायणी नदी घाटावर आरती उपक्रम राबविण्यात आला. या उपक्रमात सर्वानी सहभागी व्हावे असे आवाहन राजमाता जिजाऊ महिला प्रतिष्ठान अध्यक्षा अनिता झुजम यांनी केले. इंद्रायणी नदीचे प्रदूषण दूर करून स्वच्छता ठेवण्यासाठी उपक्रम हाती घेण्यात येत असल्याचे त्यांनी सांगितले. तीर्थक्षेत्र आळंदी ग्रामस्थ इंद्रायणी आरती सेवा समितीचे वतीने संयोजक अनिता झुजम, संयोजक अर्जुन मेदनकर यांनी उपक्रमाचे यशस्वी आयोजन करण्यात आले. पसायदानाने उपक्रमाची सांगता झाली. .

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आळंदी ( रवि कदम ) : श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज यांच्या संजीवन समाधी दर्शनास आषाढी देवशयनी एकादशी दिनी सुमारे लाखावर भाविकांनी श्रीचे दर्शनास भल्या पहाटे हरीनाम गजर करीत गर्दी केली. राज्य परिसरातून आलेल्या सुमारे लाखावर भाविकांनी श्रीचे संजीवन समाधीचे दर्शन घेवून नगर प्रदक्षिणा पूर्ण केली. तत्पूर्वी माऊली मंदिरात पहाटे साडे चारचे सुमारास ११ ब्रम्हवृंदानी वेदमंत्र जयघोषात रुद्राभिषेक परंपरेने केला. मंदिरातील श्रींचे गाभाऱ्यात लक्षवेधी पुष्प सजावट करण्यात आली होती. इंद्रायणी आरती सेवा समितीचे वर्धापन दिना निमित्त इंद्रायणी आरती, इंद्रायणी पूजा, दीप पूजन, इंद्रायणी नदीत दीप सोडत उत्साहात इंद्रायणी आरतीचा वर्धापन दिन साजरा करण्यात आला.
आळंदी मंदिरातील प्रथा परंपरेचे पालन करीत एकादशी दिनी श्रीची पूजा, आरती, फराळाचा महानैवेद्य झाला. मंदिरातील दर्शन बारीत रांगा लावून भाविकांनी दर्शनास गर्दी करीत श्रीचे समाधी दर्शन घेतले. माऊली मंदिरात हरिपाठ कीर्तन सेवेस भाविक, नागरिकांचे उपस्थितीने उत्साही प्रतिसाद मिळत आहे.
संत ज्ञानेश्वर महाराज संजीवन समाधी मंदिरात नित्य नैमित्तिक धार्मिक कार्यक्रम उत्साहात होत असल्याचे संजय रणदिवे यांनी सांगितले. व्यवस्थापक ज्ञानेश्वर वीर यांचे नियंत्रणात कर्मचारी, सेवक, पोलीस मित्र आदींनी भाविकांच्या दर्शनासाठी प्रभावी नियोजन केले. सुमारे लाखावर भाविकांनी आळंदी मंदिरात श्रीचे दर्शन घेतले. यावर्षी इंद्रायणी नदीला महापुराची पाणी असल्याने श्रींचे परंपरेने होणारी नगरप्रदक्षिणा यावेळी राम घाटमार्गे झाली. हजेरी मारुती मंदिर, नगरप्रदक्षिणा मार्गे यावेळी श्री लक्ष्मी नारायण विष्णू मंदिर, आवेकर भावे रामचंद्र संस्थान ( श्री राम मंदिर ) राम घाट मार्गे श्रींचे पालखीची हरिनाम गजरात परंपरेने ग्राम प्रदक्षिणा हरिनाम गजरात झाली. देवशयनी एकादशी निमित्त माऊलींचे पालखीची नगर प्रदक्षिणा होती. इंद्रायणी नदीला पाणी असल्यामुळे श्रींची पालखी रामघाट मार्गे हरिनाम गजरात मार्गस्थ झाली. श्रींची पालखी राम घाट मार्गे आवेकर भावे रामचंद्र संस्थान ( श्री राम मंदिर ) आळंदी मंदिरा समोर आल्यावर श्रींचे पालखीचे स्वागत करण्यात आले. यावेळी श्रींची आरती, पूजा आवेकर भावे रामचंद्र संस्थान आळंदी यांचे तर्फे विधिवत झाली. यावेळी विश्वस्त अर्जुन मेदनकर, विश्वस्त अविनाश गुळुंजकर, श्रींचे पुजारी, रोहिदास कदम, माऊली घुंडरे, गोविंद ठाकूर, सोमनाथ बेंडाले, उमेश बिडकर, अमर गायकवाड, प्रसाद बोराटे, सागर रानवडे, प्रतीक कुऱ्हाडे, योगीराज कुऱ्हाडे, संजय रणदिवे, सौरभ चौधरी, मंगेश आरु, पोलीस नाईक मच्छिन्द्र शेंडे, पपू वरखडे, आळंदीकर ग्रामस्थ, पदाधिकारी, खांदेकरी, वारकरी, भाविक आदी मान्यवर उपस्थित होते.
आळंदी पोलिस, मंदिरातील सुरक्षा रक्षक, सेवक-पोलिस हवालदार, पोलीस मित्र यांनी बंदोबस्त ठेवला. कमी वेळेत जास्तीत जास्त भाविकांना दर्शन देण्यासाठी सेवकांनी परिश्रम घेतले. अनेक भाविकांनी वारकरी यांना फराळाचे वाटप केले. आळंदी संस्थांनच्या वतीने प्रभावी पिण्याचे पाण्याची व्यवस्था, प्रसाद वाटप करण्यात आले. आळंदीकर ग्रामस्थानी श्रींची पालखी माऊली माऊली जयघोष करत खांद्यावर घेत हरिनाम गजरात ग्राम प्रदक्षिणेस विशेष परिश्रम घेतले. नगरप्रदक्षिणे दरम्यान वाहतूक सुरळीत राहावी यासाठी वाहतूक पोलिसांनी परिश्रम घेतले. यावेळी आळंदी पोलीस स्टेशनचे वरिष्ठ पोलीस निरीक्षक भीमा नरके, पोलीस नाईक मच्छिन्द्र शेंडे आदींनी बंदोबस्त नियोजन केले.
एकादशी निमित्त आलेल्या भाविक - वारकरी यांनी मंदिर आणि नगरप्रदक्षिणा हरीनाम गजरात केली. येथील मंदिर परिसरात थेट दुचाकी वाहने येत असल्याने भाविकांना मंदिर परिसरात ये-जा करताना काहीशी गैरसोय झाली.
हरिपाठ कीर्तनसेवेस उत्साही प्रतिसाद
संत ज्ञानेश्वर महाराज संजीवन समाधी मंदिरात आषाढी एकादशी मोठ्या उत्साही वातावरणात साजरी झाली. माऊली मंदिरातील प्रथा परंपरेचे पालन करीत हरिपाठ कीर्तन सेवेस भाविकांनी गर्दी केली. श्रींचे पालखीचे आषाढीस पंढरपूरला जाण्यास प्रस्थान झाल्या नंतर ते श्रींची पालखी आळंदीत परत येई पर्यंत येथील वै. स्व. विष्णुबुवा चक्रांकित महाराज यांचे घराण्याकडे सेवेचा मान आहे. अवधूत महाराज चक्रांकित यांचे नियंत्रणात परंपरेने कीर्तन सेवेची परंपरा आहे. श्रींचे विना मंडपात हरिपाठावर आधारित माऊली मंदिरात कीर्तन सेवा परंपरेने सुरु आहे. एकादशी दिनी हजेरी मारुती मंदिरात देखील त्यांचे वतीने चक्रांकित महाराज यांचे शिष्य जगदीश महाराज जोशी त्र्यंबकेश्वर, अवधूत चक्रांकित महाराज यांची कीर्तनसेवा माऊली मंदिरात होत आहे. कीर्तन सेवेस हरीनाम गजरात सुरुवात झाल्यानंतर देखील हजेरी मारुती मंदिरात नगरप्रदक्षिणे दरम्यान श्रींचे वैभवी पालखीचे दर्शनास भाविकांची मोठी गर्दी झाली.
दरम्यान प्रदक्षिणा मार्गावर ठिकठिकाणी भाविकांनी श्रींचे पालखी ग्रामप्रदक्षिणा करीत असताना दर्शन घेतले. श्रींचे पालखीचे मंदिरात नगरप्रदक्षणे नंतर आगमन झाले. यावेळी मानक-याना देवस्थान तर्फे नारळ प्रसाद देण्यात आला. आळंदी ग्रामस्थानी श्रींचे पालखीस खांदा देत श्रींचे पालखीची नगरप्रदक्षिणा हरिनाम गजरात झाली.
इंद्रायणी नदी घाटावर इंद्रायणी पूजन, आरती, दीपदान समर्पित
तीर्थक्षेत्र आळंदी ग्रामस्थ, इंद्रायणी आरती सेवा समिती, राजमाता जिजाऊ महिला प्रतिष्ठान, महिला बचत गट सदस्य, पदाधिकारी, महिला मंडळ तसेच आळंदी ग्रामस्थ यांचे वतीने इंद्रायणी नदी घाटावर घाट स्वच्छता करीत इंद्रायणीची पूजा, आरती हरिनाम गजरात झाली. यावेळी पुष्प सजावट, पुष्परांगोळी काढण्यात आली. आषाढी वारी देवशयनी एकादशी दिनी इंद्रायणीची आरती करून नदी घाट स्वच्छता करीत सामाजिक बांधिलकी जोपासली. यावेळी इंद्रायणी आरती उपक्रमातील गुणवंत मान्यवर यांना कोषागार, रुख्मिणी कदम, पुणे कोषागार अधिकारी मनीषा जाधव, खंडाळा नगरपरिषद विरोधी पक्षघटनेते नगरसेवक संदीप जाधव यांचे हस्ते सन्मानित करण्यात आले. यावेळी माजी नगरसेविका मालनताई घुंडरे, माजी नगरसेविका उषा नरके, संयोजक अर्जुन मेदनकर, संयोजिका अध्यक्षा राजमाता जिजाऊ प्रतिष्ठान अध्यक्षा अनिताताई झुजम, महिला बचत गट महासंघ अध्यक्षा सुवर्णा काळे, शोभा कुलकर्णी, सरस्वती भागवत, अनिता शिंदे, शालन होणावले, शैला तापकीर, सरस्वती घुंडरे, सुरेखा कुऱ्हाडे, लता वर्तुळे, शिला कुलकर्णी, रोहिदास कदम, माऊली घुंडरे, राजेश नागरे, वेल्फेअर पोलीस मित्र अध्यक्ष योगेश जाधव, वैभव दहिफळे आदी मान्यवर उपस्थित होते.
इंद्रायणी नदीचे पावित्र्य जोपासण्याचे आवाहन यावेळी करण्यात आले. इंद्रायणी नदी घाटावर आरती उपक्रम राबविण्यात आला. या उपक्रमात सर्वानी सहभागी व्हावे असे आवाहन राजमाता जिजाऊ महिला प्रतिष्ठान अध्यक्षा अनिता झुजम यांनी केले. इंद्रायणी नदीचे प्रदूषण दूर करून स्वच्छता ठेवण्यासाठी उपक्रम हाती घेण्यात येत असल्याचे त्यांनी सांगितले. तीर्थक्षेत्र आळंदी ग्रामस्थ इंद्रायणी आरती सेवा समितीचे वतीने संयोजक अनिता झुजम, संयोजक अर्जुन मेदनकर यांनी उपक्रमाचे यशस्वी आयोजन करण्यात आले. पसायदानाने उपक्रमाची सांगता झाली.
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*जनता की आवाज ✍️*

⚡️वाराणसी। शहर के प्रमुख समाजसेवी एवं प्रतिष्ठित व्यवसाई के खिलाफ दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग समेत अन्य गंभीर आरोपों में दाखिल प्रार्थना पत्र मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष कुमार की कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। *अदालत में व्यवसाई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप यादव व नितेश सिंह ने पक्ष रखा।*

⚡️प्रकरण के अनुसार पीड़िता ने अदालत में बीएनएसएस की धारा 174(3) के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। आरोप था कि प्रमुख समाजसेवी एवं व्यवसाय एस. उदय शंकर राव विगत कई वर्षों से उसका शारीरिक और मानसिक शोषण कर रहे है। साथ ही उसे ब्लैकमेल करते रहते है। इस बीच 03 फरवरी 2025 को शाम 8:15 वह जालान महमूरगंज से खरीदारी कर अपने स्कूटी से घर लौट रही थी। उसी दौरान कि रथयात्रा-महमूरगंज रोड पर पिताम्बरी शोरूम के सामने विपक्षी प्रार्थिनी की स्कूटी जबरन रोककर धमकी देते हुए गाली-गुप्ता देने लगा। साथ ही कहा कि अभी तो तुम्हें मुकदमें में फंसाया है, आगे तुम्हे जेल भेजूंगा। साथ ही तुम्हें बदनाम कर दूँगा। इतना कहते हुए विपक्षी प्रार्थिनी के साथ अपशब्दों का प्रयोग करते हुए छेड़खानी करते हुए आँख से गलत इशारे कर रहा था। विपक्षी एक दबंग, प्रभावशाली तथा पैसे वाला व्यक्ति है। उसने प्रार्थिनी के साथ जबरिया दबंगई के बल पर करीब तीन वर्षों से ब्लैकमेल कर शारीरिक व मानसिक आघात पहुँचा रहा है, परन्तु प्रार्थिनी डर व लोक-लज्जा के कारण कोई कानूनी कार्यवाही नहीं कर पायी। जिसके चलते वह आए दिन ब्लैकमेल कर रहा है। इस मामले में पीड़िता ने थाने लगायत उच्चाधिकारियों से शिकायत की, लेकिन जब कोई कार्यवाही न हुई तो पीड़िता ने अदालत की शरण ली।
अदालत में व्यावसाई के अधिवक्ताओं ने दलील दी कि व्यावसाई ने खुद सारनाथ थाने में पूर्व में ही पीड़िता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। जिसमें उच्च न्यायालय के आदेश पर उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगी है। उसी मुकदमे की रंजिश को लेकर पीड़िता ने फर्जी एवं मनगढ़ंत कहानी बनाकर कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में अपर पुलिस आयुक्त द्वारा की गई जांच में पीड़िता द्वारा लगाए गए सभी आरोप असत्य एवं निराधार पाए गए है। साथ ही पीड़िता ने अपने कथन के बाबत कोई साक्ष्य भी नहीं प्रस्तुत किया है। साथ ही पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट ही कि पीड़िता ने नाजायज दबाव बनाने के लिए उक्त आवेदन दिया है ऐसे उसका आवेदन खारिज किया जाता है।

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भारतीय रेलवे के एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक चौंकाने वाली हकीकत सामने आई है। जो बेडरोल आप सफर के दौरान आराम से ओढ़ते-बिछाते हैं, क्या वो वाकई साफ होते हैं? ग्वालियर से गुजरने वाली ट्रेनों में ऐसा खेल चल रहा था जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। जब एक सतर्क TTE ने इस मामले को पकड़ा तो रेलवे के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। और जब ये बात यात्रियों तक पहुंची, तो ट्रेन के अंदर ही हंगामा मच गया। आखिर क्या है पूरा मामला? कैसे यात्रियों की सेहत के साथ किया जा रहा था खिलवाड़? पढ़िए इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में पूरी सच्चाई…

धोने के बजाय सीधे पैकिंग, यात्रियों को थमाया जा रहा गंदा सामान

ग्वालियर रेलवे स्टेशन परिसर में बनी मैकेनाइज्ड लांड्री का जब औचक निरीक्षण किया गया तो हैरान करने वाले दृश्य सामने आए। लांड्री में तीनों वॉशिंग मशीनें खराब पाई गईं और कर्मचारी चादरों को बिना धोए ही प्रेस कर रहे थे। इन गंदे कपड़ों को फिर बेडरोल पैकेट में डालकर ग्वालियर इंटरसिटी, बुंदेलखंड एक्सप्रेस और साबरमती जैसी ट्रेनों में भेजा जा रहा है। जब एक कर्मचारी से इस बारे में पूछा गया तो उसने भी यह स्वीकार किया कि कपड़े धोए नहीं जा रहे। साफ है कि यात्रियों को साफ-सफाई के नाम पर धोखा दिया जा रहा है।

यात्रियों में गुस्सा, स्वास्थ्य पर मंडरा रहा खतरा

जब बुंदेलखंड एक्सप्रेस में सफर कर रहे यात्रियों से इस विषय में बात की गई तो उन्होंने साफ कहा कि उन्हें मिलने वाली चादरें, टॉवल और पिलो कवर बदबूदार और गंदे होते हैं। यात्रियों ने बताया कि इस गंदगी से बीमारियां फैल सकती हैं और इससे उनके स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। कई यात्रियों ने इस मामले की शिकायत रेलवे को भी की है लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इस पूरी लापरवाही के पीछे ग्वालियर की मैकेनाइज्ड लांड्री में ठेके पर काम कर रही एक प्राइवेट कंपनी जिम्मेदार है। रेलवे द्वारा लांड्री का संचालन निजी हाथों में सौंपा गया था लेकिन कंपनी की लापरवाही अब खुलकर सामने आ गई है। लांड्री में चादरें न सिर्फ बिना धोए प्रेस की जा रही हैं बल्कि उन्हें सीधे पैक कर ट्रेनों में सप्लाई किया जा रहा है। इससे यह भी

सांसद ने जताई नाराजगी, डीआरएम को लिखेंगे चिट्ठी

इस पूरे मामले की जानकारी जब ग्वालियर के सांसद भारत सिंह कुशवाह को दी गई तो उन्होंने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह न केवल लापरवाही है बल्कि एक गंभीर अपराध है। सांसद ने भरोसा दिलाया कि वे इस बारे में रेलवे के डीआरएम को चिट्ठी लिखकर पूरे मामले की जांच की मांग करेंगे और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित कराएंगे।

कैमरे में कैद हुई लापरवाही की सच्चाई
यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो चुकी है। बेडरोल की पैकिंग, बिना धोए कपड़ों की प्रेसिंग और मशीनों की खराब हालत—सभी कुछ सामने आ चुका है। अब सवाल यह है कि रेलवे इस पर कब तक चुप रहेगा और क्या कोई ठोस कदम उठाया जाएगा?

यात्रियों की मांग – साफ-सफाई से कोई समझौता नहीं
यात्रियों की ओर से मांग की जा रही है कि सफाई और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर रेलवे को कोई समझौता नहीं करना चाहिए। अगर कोई ठेकेदार या कर्मचारी इस तरह की लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ तुरंत और सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

ऐसे ही रोचक और जानकारी के लिए संपर्क में रहे लाइक और कमेंट बॉक्स पे नंबर भेजे अपना समाचार लगने हेतु ।

किशोर कुमार
दुर्ग छत्तीसगढ़

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