logo
(Trust Registration No. 393)
AIMA MEDIA
logo

मल्लांवाला (सोनू अटवाल)
मल्लांवाला–फिरोजपुर रोड पर स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग NH-703A (आरिफके के समीप) बना टोल प्लाजा इन दिनों यात्रियों के लिए सुविधा केंद्र नहीं, बल्कि खतरे का केंद्र बनता जा रहा है। यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों से नियमित रूप से पूरा टोल शुल्क वसूला जा रहा है, लेकिन इसके बदले सुरक्षा, रखरखाव और आपातकालीन सुविधाओं की भारी कमी साफ तौर पर देखने को मिल रही है।
स्थल निरीक्षण के दौरान यह गंभीर तथ्य सामने आया कि टोल प्लाजा पर मोटरसाइकिल और दोपहिया वाहनों के लिए जो अलग लेन छोड़ी गई है, उसकी हालत बेहद खतरनाक है। इस लेन पर लगाए गए डिवाइडर पूरी तरह से टूटे हुए हैं और कई स्थानों पर सड़क पर ही बिखरे पड़े हैं, जिससे वाहन चालकों के फिसलने और टकराने का खतरा बना रहता है। यही नहीं, इसी मोटरसाइकिल लेन के ऊपर बना कंक्रीट लैंटर कई जगह से ऊपर की ओर उठा हुआ है, जो निर्माण की गुणवत्ता और रखरखाव व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। विशेषकर कोहरे और रात के समय इस लेन से गुजरना दोपहिया वाहन चालकों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
स्थिति को और गंभीर बनाता है कि इल्मेवाला और गुलामीवाला गांव के समीप तथा झामके ओवरब्रिज पर लगी स्ट्रीट लाइटें लंबे समय से बंद पड़ी हैं। घने कोहरे और अंधेरे के कारण दृश्यता बेहद कम हो जाती है, जिससे तेज रफ्तार वाहनों के कारण दुर्घटनाओं की आशंका लगातार बनी रहती है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इन स्थानों पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद संबंधित विभागों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
जब इस संबंध में टोल प्लाजा पर तैनात कर्मचारियों से बात की गई, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी जिम्मेदारी केवल टोल वसूली तक सीमित है। सड़क की मरम्मत, डिवाइडर ठीक कराना, लाइटें चालू कराना या एंबुलेंस एवं फायर सेफ्टी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। मेंटेनेंस विभाग या किसी जिम्मेदार अधिकारी का संपर्क नंबर मांगने पर कर्मचारियों ने किसी भी तरह की जानकारी देने से इंकार कर दिया।
इस मामले में मेंटेनेंस के गौरव जायसवाल, प्रोजेक्ट मैनेजर से भी बातचीत की गई। उनसे सवाल किया गया कि जब टोल प्लाजा पर नियमित रूप से टोल वसूला जा रहा है, तो वहां न तो एंबुलेंस की सुविधा है, न प्राथमिक उपचार, न फायर सेफ्टी और न ही पीने के पानी की समुचित व्यवस्था। साथ ही मोटरसाइकिल लेन में टूटे डिवाइडर, उठे हुए लैंटर और बंद स्ट्रीट लाइटों को लेकर भी जवाब मांगा गया, लेकिन इस पर कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली और सवालों को टाल दिया गया।
राहगीर गुरप्रीत सिंह ने कहा, “मैं रोजाना इसी मार्ग से गुजरता हूं। मोटरसाइकिल लेन में टूटे डिवाइडर और उठा हुआ लैंटर किसी बड़े हादसे को न्योता दे रहे हैं।”
वहीं, इल्मेवाला गांव के निवासी सुखदेव सिंह ने बताया, “हाईवे पर लाइटें बंद हैं और टोल प्लाजा पर यात्रियों की सुरक्षा के नाम पर कोई सुविधा नहीं है। सिर्फ टोल वसूली की जा रही है।”
स्थानीय नागरिकों और यात्रियों ने प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से मोटरसाइकिल लेन में टूटे डिवाइडरों की मरम्मत, उठे हुए लैंटर की तकनीकी जांच, सड़क सुधार, स्ट्रीट लाइटों को चालू करने के साथ-साथ टोल प्लाजा पर एंबुलेंस, फायर सेफ्टी और प्राथमिक उपचार जैसी आवश्यक आपातकालीन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि किसी बड़ी दुर्घटना से पहले हालात को संभाला जा सके।

0
0 views    0 comment
0 Shares

मंचेरियाल रिपोर्टर 25 दिसम्बर (कृष्णा सोलंकी)
दक्षिण भारत की सबसे पुरानी सीमेंट निर्माता कंपनियों में से एक, मंचेरीयाल सीमेंट कंपनी (एमसीसी) जिसे पहले एसोसिएटेड सीमेंट कंपनीज (एसीसी) के नाम से जाना जाता था जल्द ही देनदारियों को चुकाने के लिए नीलाम होने जा रही है इस कदम से सैकड़ों कर्मचारियों की पुनर्जीवन की उम्मीदें चकनाचूर हो गई है 54.04 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने में विफल रहने पर इंडियन बैंक ने कंपनी को अपनी संपत्तियों की नीलामी के लिए नोटिस जारी किया इस नीलामी के साथ ही 67 साल पुरानी इस कंपनी का अंत हो गया इस कारखाने ने जिले को औद्योगिक क्षेत्र में पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई साथ ही हजारों लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी प्रदान कियावर्तमान में कुछ ही कर्मचारी काम कर रहे हैं और उन्हें नियमित रूप से वेतन नहीं मिल रहा है प्रबंधन बढ़ते कर्ज को चुकाने के लिए संघर्ष कर रहा है क्योंकि उत्पादन बहुत पहले बंद हो चुका है राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानदंडों को पूरा करने के लिए हाल ही में संयंत्र के इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर (ईएसपी) को आधुनिक उपकरणों से बदला गया है हैदराबाद-नागपुर राजमार्ग पर स्थित 350 एकड़ भूमि पर उन्नत जर्मन तकनीक का उपयोग करते हुए 1958 में इस संयंत्र की स्थापना की गई थी इसकी स्थापित क्षमता 1,000 मीट्रिक टन प्रति दिन थी हालांकि पुरानी तकनीक और प्रबंधन की कुप्रथाओं के कारण समय के साथ संयंत्र के प्रदर्शन में काफी गिरावट आई20 वर्षों से अधिक समय तक परिचालन घाटे के कारण बढ़ते कर्ज के बोझ से होने वाले नुकसान के चलते कारखाने में प्रमोटरों के बीच आंतरिक कलह शुरू हो गई जिन्होंने विभिन्न अदालतों का रुख किया और प्रबंधन के खिलाफ लगभग 20 मामले लंबित थे पूरे कार्यबल को नौकरी से निकाल दिया गया प्रभावित श्रमिकों ने विरोध प्रदर्शन किया और अदालतों का रुख किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंधन ने विभिन्न श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जिससे उनके साथ घोर अन्याय हुआ उनमें से कुछ ने आत्महत्या कर ली

1
0 views    0 comment
0 Shares

👑✨ अखिल राजस्थानी समाज संघ, पुणे ✨👑
🎉 नई कार्यकारिणी गठन – 2025 🎉
🚩 एकता • संस्कृति • नेतृत्व 🚩
⭐ अध्यक्ष👨‍✈️ श्री सुनीलजी गहलोत
⭐ उपाध्यक्ष 🦁 श्री केसारामजी कुमावत
(पूर्व अध्यक्ष – कुमावत समाज विकास संस्था / वर्तमान संगठन मंत्री)
⭐ सह-उपाध्यक्ष 🤝 श्री संतोषजी लोढ़ा
📌 संगठन की सशक्त टीम 💪🏼
पद 🏅 नाम 👤
✍️ मुख्य सचिव श्री गोपालजी परमार
📝 सह सचिव श्री भेरारामजी जाट
📝 सह सचिव श्री रमेशजी चौधरी
💰 कोषाध्यक्ष श्री वोरारामजी चौधरी
💱 सह कोषाध्यक्ष श्री दयावानजी कुमावत
🏛️ कार्याध्यक्ष श्री शैलसिंहजी देवड़ा
🏆 महामंत्री श्री भीमराजजी लुहार
सह महामंत्री श्री फुआरामजी देवासी (बानेर)
सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल कार्यकाल की शुभकामनाएँ
हमारी नवगठित कार्यकारिणी सभी समाज बंधुओं के साथ मिलकर संगठन को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए संकल्पित है। नई टीम पूरे उत्साह, समर्पण और एकजुटता के साथ तन-मन-धन से सहयोग करते हुए समाज के हर व्यक्ति को साथ लेकर चलेगी। हमारी संस्कृति, एकता और प्रगति को आगे बढ़ाते हुए समाज के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्य किया जाएगा। हमें पूर्ण विश्वास है कि आपके सहयोग, मार्गदर्शन और आशीर्वाद से हम आने वाले समय में कई महत्वपूर्ण कार्यों को सफलतापूर्वक अंजाम देंगे।
आप सभी के नेतृत्व में समाज और भी अधिक प्रगति के मार्ग पर अग्रसर होगा।
राजस्थानी गौरव — हमारा अभिमान

0
10 views    0 comment
0 Shares

5
677 views    0 comment
0 Shares

0
98 views    0 comment
0 Shares

0
0 views    0 comment
0 Shares