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चीनी मिल ने दी मृतक मजदूर के परिजनों को 10 लाख की आर्थिक मदद ★घटना के बाद से अंत तक छावनी में तब्दील रहा स्थानीय चीनी

चीनी मिल ने दी मृतक मजदूर के परिजनों को 10 लाख की आर्थिक मदद

★घटना के बाद से अंत तक छावनी में तब्दील रहा स्थानीय चीनी मिल★

हरियावां(हरदोई)। थाना क्षेत्र में बीती शनिवार की शाम 5 बजे करीब स्थानीय चीनी मिल में बायलर प्वाइंट पर बिल्डिंग का कार्य कर रहे देहात कोतवाली क्षेत्र के पूरा बहादुर निवासी मजदूर भूपेंद्र सिंह पुत्र शिवपाल सिंह की पैर फिसलने से गंभीर रूप से घायल हो गया था वही जिला अस्पताल जाते समय उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था । रविवार को पोस्टमार्टम होने को था वही मृतक के परिजन लगातार मिल प्रशासन पर लापरवाही युवा हत्या का आरोप लगा रहे थे जिसको लेकर पुलिस प्रशासन भी चौकन्ना हो गया था वहीं पुलिस प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए चीनी मिल को छावनी में तब्दील कर दिया था पूरे दिन चीनी मिल के प्रत्येक गेट पर पुलिस फोर्स तैनात कर दी थी साथ ही हरदोई से स्थानी चीनी मिल तक पड़ने वाले प्रत्येक चौराहे पर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया था किसी भी अनहोनी की आशंका के तहत स्थानीय थाना प्रभारी धर्मेंद्र गुप्ता भी लगातार परिजनों व मिल प्रशासन से संपर्क में थे इस दरमियान जैसे ही पोस्टमार्टम हुआ वैसे ही परिजनों के साथ मिल प्रशासन के अधिकारियों ने बैठक कर आर्थिक सहायता देने की बात की सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मिल प्रशासन और परिजनों के बीच 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता पर बात बनी तब जाकर पुलिस प्रशासन और चीनी मिल अधिकारियों ने राहत की सांस ली। पूर्व की घटनाओं से अगर स्थानीय चीनी मिल ने सबक लिया होता तो शायद यह बड़ी घटना ना घटित होती नाही वह परिवार अनाथ होता जिसका एकमात्र रोजी रोटी का जरिया था मृतक मजदूर । भले ही आर्थिक सहायता के रूप में उस परिवार को 10 लाख रुपए मिले हो लेकिन परिवार की हालत को देखकर पूरा गांव गम के माहौल में डूबा हुआ है वही परिवार के सदस्यों के साथ-साथ मां बेटी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

●फैक्ट्री की भेंट चढ़ गया एक मजदूर अनाथ हो गया परिवार●

हरियावां। भले ही स्थानीय डीसीएम श्रीराम शुगर मिल द्वारा मृतक मजदूर के परिजनों को आर्थिक सहायता के रूप में 10 लाख रुपए दिए गए हो लेकिन क्या यह रकम उस अनाथ हुए परिवार के जीवन भरण पोषण के लिए काफी होगी जहां मृतक अपने परिवार के कमाने का एकमात्र जरिया था मृतक अपने पीछे अपनी पत्नी व 13 वर्षीय पुत्री अंशिका को छोड़ गया है इसके अलावा इस परिवार का अब कोई भी कमाने का जरिया नहीं बचा है सवाल यही पर नहीं खत्म होते हैं अगर मिल प्रशासन द्वारा मेजरमेंट के उचित व्यवस्था रही होती तो मौजूदा घटना से लेकर पूर्व में हुई और घटनाएं ना घटित होती सुरक्षा संसाधनों से खिलवाड़ कराना स्थानीय मिल प्रशासन के बाएं हाथ का खेल हो गया है वहीं मृतक मजदूर काफी समय से स्थानीय चीनी मिल में खलासी के पद पर थायिरायिल नामक एजेंसी के पास ठेकेदारी बेस पर मजदूरी कर रहा था इस एजेंसी में सुरक्षा नाम नाम पर मिल प्रशासन को पाठ शुरू पढ़ाया जाता है लेकिन आए दिन मिल के अंदर मजदूरों के साथ हो रहे हादसे कहीं ना कहीं सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान जरूर खड़े करते हैं जिस जगह पर मृतक के साथ या घटना घटित हुई उस जगह की ऊंचाई करीब 30 से 40 फुट और इससे भी ज्यादा बताई जा रही है वहां पर कार्य करने वाले मजदूर को आखिर बिना सेफ्टी के कैसे कार्य सौंप दिया जाता है अगर सुरक्षा उपकरण उसके पास मौजूद थे तो उसका पैर फिसलने के बाद नीचे कैसे गिरने से मौत हुई यही सब सवाल मजदूरों को मिलने वाली सुरक्षा और मेजरमेंट को कटघरे में खड़ा करने का काम करते हैं स्थानीय चीनी मिल को तो सैकड़ों मजदूर मिल जाएंगे लेकिन अनाथ हुए उस परिवार का सहारा कौन बनेगा उस परिवार में मृतक अपनी बेटी और पत्नी का इकलौता सहारा था क्या इन 10 लाख में मृतक के परिवार के उन जख्मों को सही किया जा सकता है जिसने उस पत्नी का सिंदूर और उस नाबालिक बेटी के सिर से पिता का साया छीन लिया है।

◆क्या है थायरायिल ?◆
थायराइल नामक एजेंसी स्थानीय चीनी मिल में वह काम करती है जिस प्रकार बिजली की चपेट में आने के बाद व्यक्ति का खून जल जाने के बाद छोड़ दिया जाता है ठीक उसी प्रकार का काम थायराइल नामक ठेका लेने वाली कंपनी का भी यही हाल है। इस कंपनी का पहले नाम साउथ टेक हुआ करता था। स्थानीय चीनी मिल द्वारा मजदूरी का ठेका इसी कंपनी को दिया जाता है और जी मूल्य पर स्थानीय चीनी मिल इस कंपनी को ठेका देती है उससे काफी कम पैसों पर बेरोजगारी का दंश झेल रहे मजदूर मजदूरी करने पर मजबूर होते हैं साथ ही इनको ना तो सेफ्टी शूज जैसे कोई उपकरण दिए जाते हैं उन्हें सिर्फ अपने घर में इस्तेमाल करने वाले जूतों के बदौलत कार्य लिया जाता है साथ ही या फैक्ट्री सीजन पर तो 8 घंटे के बजाय 12 घंटे काम करवाने का कार्य करती है भले ही सरकार द्वारा मजदूरों के हितों में कई कार्य नियम बनाए गए हो लेकिन इनका सबसे ज्यादा दुरुपयोग अगर कहीं हो रहा है तो स्थानीय चीनी मिल में काम कराने वाली थायराइल ठेकेदारी करने वाली एजेंसी करती है।

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