
रेशमी साहू को मिली sspu मे डॉक्टरेट की ऐतिहासिक और पहली उपाधि ,
Sspu से पीएचडी उपाधि प्राप्त करने वाली पहली महिला बन गई, डॉ. रेशमी
राजनांदगांव/ छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल और मीडिया: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन पर राजनांदगांव की बेटी को मिली डॉक्टरेट की उपाधि
शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के पत्रकारिता विभाग की शिक्षिका रेशमी के नाम एक और ऐतिहासिक उपलब्धि जुड़ गई है जो श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से पीएचडी उपाधि प्राप्त करने वाली वह पहली महिला बन गई है। जहां इस यूनिवर्सिटी का शुभारंभ 2020 से हुआ और अब तक कुल शोधार्थियों की संख्या 300 है, वहीं डॉ. रेशमी ने सर्वप्रथम यह उपलब्धि अपने नाम कर लिया है। यूनिवर्सिटी के डिन, रिसर्च सेल के प्रमुख एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष डॉ. धनेश जोशी ने शुभकामनाएं देते हुए बताया कि डॉ. रेशमी ने डॉ. संजीव कुमार सहायक प्रोफेसर के निर्देशन में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में "छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल और मीडिया: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन (विशेष संदर्भ दैनिक भास्कर एवं हरिभूमि समाचार पत्र)" विषय में पीएचडी की पढ़ाई पूरी की तथा इस अध्ययन में पाया कि छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों को विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए मीडिया की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इसी के साथ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय से बाह्य परीक्षक के रूप में डॉ राघवेंद्र मिश्रा की उपस्थिति रही इन्होने कहा कि इस ऐतिहासिक दिन को हमेशा याद रखा जाएगा क्योंकि यह इस यूनिवर्सिटी की पहली पीएचडी की उपाधि डॉ. रेशमी को जाता है।
मायका एवं ससुराल को दिया सफलता का श्रेय
शादी के बाद बेटियां को दोनों कुल को संभालती है इसीलिए यह अपनी पीएचडी की सफलता का श्रेय अपने पिता श्री दयाराम माता श्री किरण एवं श्वासूर श्री छबिलाल सासुमाँ श्री गीता जी सहित दोनों परिवार के सभी सदस्यों को श्रेय दिया। इसके साथ ही परिजनों एवं शिक्षकों नें पीएचडी की उपाधि के लिए उनका उत्साह बढ़ाया तथा इस उपलब्धि के लिए उन्हें ढेर सारी बधाई दी।
डॉ. रेशमी के पति ने गर्व से इस सफलता को नारी शक्ति का उदाहरण बताया
डॉ. रेशमी के पीएचडी की उपाधि हासिल करने पर उनके पति श्री रवि नें इसे केवल एक शैक्षिक उपलब्धि नहीं बल्कि नारी सशक्तिकरण का जीता जगता उदाहरण माना और कहा की यह शैक्षणिक उत्थान न केवल हमारे दोनों परिवारों को गौरान्वित करेगा बल्कि समाज की प्रत्येक बेटी और बहू के लिए प्रेरणाश्रोत भी है।