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“मोदी की गारंटी” पूरी करने और TET अनिवार्यता समाप्त करने के लिए 17 जनवरी को रायपुर में शिक्षकों का आंदोलन

(Daily scope24/13.12.2025) छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक/समग्र शिक्षक फेडरेशन ने प्रदेश में लंबित शिक्षकीय मुद्दों के स्थायी समाधान के लिए राजधानी रायपुर में एक बड़े आंदोलन का ऐलान किया है।

फेडरेशन ने इसे “बड़ा संकल्प, बड़ा आंदोलन” की संज्ञा दी है। यह प्रदर्शन 17 जनवरी को रायपुर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें पूरे प्रदेश के शिक्षक बड़ी संख्या में शामिल होंगे।

फेडरेशन का कहना है कि यह आंदोलन “मोदी की गारंटी” के अधूरे वादों और सुप्रीम कोर्ट के टीईटी अनिवार्यता संबंधी निर्णय से उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिए है।विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान भाजपा ने घोषणा की थी कि “सहायक शिक्षक और समग्र शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर कर 100 दिनों के भीतर क्रमोन्नति वेतनमान प्रदान किया जाएगा”।

फेडरेशन के अनुसार, दो वर्ष पूरे हो जाने के बाद भी यह गारंटी पूरी नहीं हुई है। वेतन विसंगति जस की तस है और क्रमोन्नति वेतनमान के लिए स्पष्ट आदेश जारी नहीं किए गए हैं।इसी को लेकर 10 से 15 दिसंबर 2025 तक प्रदेश के सभी 90 विधायकों को ज्ञापन सौंपकर चुनावी वादे निभाने की मांग की जा रही है।

टीईटी अनिवार्यता पर प्रमुख मांगें:
सुप्रीम कोर्ट का हालिया टीईटी अनिवार्यता निर्णय प्रदेश के हजारों शिक्षकों की सेवा, पदोन्नति और भविष्य को प्रभावित कर रहा है। फेडरेशन ने इस गंभीर मुद्दे पर दो प्रमुख मांगें रखी हैं।राज्य एवं केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करे।

संसद में नया कानून लाया जाए ताकि पुराने भर्ती नियमों के अनुसार नियुक्त शिक्षकों की सेवा सुरक्षित रह सके और टीईटी अनिवार्यता पूर्व व्यावहारिक रूप से लागू मॉडल पर वापस लौट सके।

इन मांगों के लिए फेडरेशन ने छत्तीसगढ़ के सभी सांसदों को ज्ञापन सौंपा है और उनसे केंद्र सरकार तक बात पहुंचाने की अपील की है।

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