सन 1884 में अंग्रेजों के जमाने में 141 साल पहले खुले जिले व पेण्ड्रा के पहले प्रायमरी स्कूल को मर्ज करने का शासनादेश हुआ जारी…,जिस धरोहर को सर्व सुविधा युक्त “शिक्षा का मॉडल” बनाया जाना चाहिए था, युक्तियुक्तकरण के नाम पर हुए भर्राशाही ने ऐतिहासिक स्कूल के नाम के स्वतंत्र अस्तित्व को मिटा दिया…,1884 में एक साल से ज्यादा समय तक एक ही छात्र का दाखिला था तब भी अंग्रेजों ने स्कूल चालू रखा था, जिले में अब 68268 विद्यार्थी…,141 साल से स्कूल का दाखिला खारिज रजिस्टर आज भी सुरक्षित…....
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