
जमशेदपुर : राष्ट्रीय कन्नौजिया सोनार महापरिवार पूरी में 8 एवं 9 को, बैठक में लिये जायेंगे अहम फैसले
राष्ट्रीय कन्नौजिया सोनार महापरिवार का पूरी में 8 व 9 दिसंबर को, बैठक में लिये जायेंगे अहम फैसले
जमशेदपुर (झारखंड)। 8 एवं 9 नवंबर को दो दिवसीय बैठक का आयोजन उड़ीसा के पुरी में किया जा रहा है। बठैक का आयोजन एवं नेतृत्व उड़ीसा प्रदेश ईकाई द्वारा किया जा रहा है। इस बैठक में सभी प्रदेशों सहित राष्ट्रीय पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे।
स्वर्णकार/सोनार समाज से संबंधित अनेक फैसले लीये जायेंगे। इसके अतिरिक्त संगठन का वर्ष 2025 में कार्य करने का प्रस्ताव पारित किया जायेगा। उक्त जानकारी राष्ट्रीय कन्नौजिया सोनार महापरिवार के केन्द्रीय महासचिव किशोर कुमार वर्मा ने बयान जारी कर दी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कन्नौजिया सोनार महापरिवार त्ज्ञैडद्ध एक जातिगत सामाजिक संस्था है जो सोनार समाज सहित अन्य समाज हित में कार्य करती आ रही है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में सोनारों के पारंपरिक रोजगार के प्रति बढ़ती समस्याओं पर वृहत चर्चा कर ठोस निर्णय लिया जायेगा तथा सोनारों के सामाजिक स्थिति को देखते हुए केन्द्र सरकार से सोनार को अनेक्सवन में शामिल करने की मांग की जायेगी। इसके अतिरिक्त कई प्रस्तावों पर चर्चा कर पारित किया जायेगा।
जो निम्नलिखित है :-
1) कानून की धारा 411/412 में सुधारकर सोना-चांदी व्यवसायियों को राहत पहुंचाने।
2) मध्य प्रदेष के तर्ज पर सभी राज्यों में स्वर्णकला बोर्ड या स्वर्ण आयोग का गठन करने।
3) सोना चांदी के बढ़ती कीमत एवं बड़े-बड़े ब्रांड तथा रेडीमेड गहनों कारण सोना एवं चांदी के कारीगरों का रोजगार छिनता जा रहा है, जिसके कारण के हित में सरकार योजना बनाएं। जिसके तहत सोना चांदी के व्यापारियों तथा दुकानदारों को बैंक से लोन मिल सके। साथ ही गोल्ड कंट्रोल के समय के तर्ज पर सोनारों को सरकारी नौकरी एवं अन्य सुविधाओं में 5 प्रतिषत आरक्षण प्रदान करने।
4) सोनार समाज की आर्थिक स्थिति की समिक्षा कर इसे एनेक्सचर 1 में शामिल करने।
5) सोना चांदी के करीगरों को न्यूनतम वेतन दिलाने।
6) राष्ट्रीय एवं प्रदेष के स्तर पर स्वर्णकला बोर्ड की स्थापना करना।
सामाजिक सुधार :-
1) सामाजिक अनुष्ठानों में आडंबर कम करने का वातावरण तैयार करने।
2) संस्था का शिक्षा एवं स्वास्थ्य कोश तैयार करना, ताकि पैसे के अभाव में भी बच्चों शिक्षा जारी रहे एवं पैसे के बिना समाज का कोई व्यक्ति ईलाज से वंचित न हो।
3) अंधविश्वास के चंगुल से बचाव करने।