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जितेन्द्र जायसवाल नागदा जिला उज्जैन मध्य प्रदेश गुरु भक्तों का महाकुंभ जावरा में पहली बार इतना बड़ा आयोजन सनातन एकता का अमिट उदाहरण बना महाभंडारा

गुरु भक्तों का महाकुंभ जावरा में पहली बार इतना बड़ा आयोजन सनातन एकता का अमिट उदाहरण बना

महाभंडारा
संवाददाता जन जन की आवाज

ब्रह्मलीन संतश्री 1008 श्री मंगलदास जी महाराज के अनुयायी की अटूट आस्था ने शनिवार को जावरा के इतिहास में नया रिकॉर्ड कायम कर गुरुदेव स्मृति में श्री मंगलदासजी। अरनियापीथा कृषि मंडी प्रांगण के महाभंडारे में पौने दो लाख गुरु भक्त आए जो उम्मीद से परे है। सभी ने पंक्तिबद्ध बैठकर महाप्रसादी ग्रहण की। आरएसएस सहित 35 से अधिक संगठनों, 80 गांव के ग्रामीणों और 18 स्कूलों के शिक्षक-विद्यार्थी सहित 10 हजार से ज्यादा सेवादारों ने बेहतर प्रबंधन के साथ व्यवस्था संभाली। लगा जैसे ये सिर्फ भंडारा नाहीं गुरु भक्तों का महाकुंभ है। सामाजिक समरसता और सनातन एकता का अमिट उदाहरण भी है। दिया। की

सुबह 10.30 बजे रूपनगर फंटा स्थित आश्रम के गुरु श्री प्रहलाददास महाराज एवं देवरुंडी आश्रम के गुरु श्री विजयदासजी सहित बाहर से आए करीब 500 साधु-संतों और हजारों श्रद्धालुओं ने

ब्रह्मलीन संतश्री मंगलदासजी को पुष्पांजलि अर्पित की। फिर ब्रह्मभोज हुआ। 11 बजे से गुरु भक्तों ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण करना शुरू किया। ये सिलसिला शाम 4.30 बजे तेज बारिश होने के बावजूद शाम 7 बजे तक सतत चला। प्रशासन, पुलिस, आयोजन समिति से लेकर तमाम लोगों का दावा है कि पौने 2 लाख श्रद्धालुओं ने महाभंडारे में पहुंचकर महाप्रसादी ग्रहण की। संतश्री मंगलदासजी 14 अगस्त को ब्रह्मलीन हुए। रूपनगर आश्रम में ही अग्नि संस्कार हुआ। यहां समाधि के साथ ही मंदिर भी बनेगा। गुरु परंपरा के अनुसार आश्रम की गुरु गादी श्री प्रहलाददासजी को समर्पित की गई। वहीं गुरु महाराज के चरण कमल स्थापित किए। बता दें कि बाल्यकाल से ही संतश्री मंगलदासजी ने भोजन त्याग रखा था। उनके रूपनगर आश्रम में 10 सालों से निरंतर भंडारा चला। यहां आने वाले हर गुरु भक्त, बालाजी भक्त ने भोजन प्रसादी ग्रहण की और अब उनके ब्रह्मलीन होने पर महाभंडारे का नया कीर्तिमान बन गया। भंडारे के दौरान 2 कैम्प में 1000 से अधिक श्रद्धालुओं ने रक्तदान किया, ये भी अपने आप रिकॉर्ड है।

235 हलवाई व सहयोगी 300 कर्मचारियों ने भोजन प्रसाद बनाया। 125 क्विंटल आटे से पूड़ी बनी। शुक्रवार रात 11 से शनिवार शाम 7 बजे तक 20 कढ़ाइयों में पूड़ियां बनती रहीं।

पौने दो लाख गुरु भक्तों ने ने ग्रहण की प्रसादी, 10 हजार से ज्यादा लोगों ने दी सेवा, 1000 से अधिक ने किया रक्तदान

महाभंडारे की विशालता और प्रबंधन पर एक नजर

40 क्विंटल मावे की बर्फी, 60

क्विंटल नुक्ती, 150 क्विंटल चावल, 90 क्विंटल हरी सब्जी, 20 क्विंटल दाल की खपत हुई।

किसानों ने 80 ट्रैक्टर-ट्रॉली, 50 पानी के टैंकर यहां पहुंचाएं।

26 टीमें बनाकर 2500 से ज्यादा

सेवादारों ने तीन दिन सेवाएं दीं। भंडारे के दौरान परोसदारी से लेकर अलग-अलग व्यवस्थाओं में करीब 10 हजार से ज्यादा सेवादारों ने व्यवस्था संभाली।

अरनियापीथा कृषि मंडी प्रांगण में आए गुरु भक्तों ने पंक्तिबद्ध बैठकर महाप्रसादी ग्रहण की।

एसडीएम, सीएसपी सहित विभिन्न विभागों के 1000

अफसर-कर्मचारियों ने भी सहयोग किया।

भीड़ इतनी कि मंडी के दोनों तरफ फोरलेन, टू-लेन घंटों जाम रहे।

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