
बड़ी सौगात- कोटा में स्थापित होगा एविएशन ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट
नई दिल्ली/कोटा। कोटा-बून्दी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट परियोजना को लेकर गुरुवार को संसद भवन स्थित स्पीकर ओम बिरला के कार्यालय में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित हुई। बैठक में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने स्पीकर बिरला को परियोजना की प्रगति की जानकारी दी। इस दौरान बैठक में एयरपोर्ट को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय हुए। लोकसभा अध्यक्ष ने ओम बिरला ने निर्माण कार्य सहित विभिन्न विषयों को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान अगले महीने सितम्बर में निर्माण प्रारम्भ करने, मौजूदा एयरपोर्ट के उपयोग और प्रस्तावित एयरपोर्ट की डिजाइन के सम्बन्ध में भी निर्णय किए गए।
बैठक में निर्णय हुआ कि मौजूदा एयरपोर्ट परिसर में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा एक विशेष ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट स्थापित किया जाएगा। यह संस्थान पायलटों एवं एविएशन क्षेत्र से जुड़े प्रोफेशनल्स के प्रशिक्षण के लिए विकसित किया जाएगा, जिससे कोटा को एक नई पहचान मिलेगी। इसके साथ ही तय हुआ कि सितंबर 2025 से एयरपोर्ट का निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। सितंबर 2027 तक निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और इसी वर्ष में पहली उड़ान शुरू हो जाएगी। इस दौरान लोक सभा अध्यक्ष के विशेषाधिकारी राजीव दत्ता, लोक सभा के ज्वाइंट सेक्रेटरी गौरव गोयल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
हाड़ौती व राजस्थान की सांस्कृतिक झलक दिखेगी
एयरपोर्ट के डिजाइन में राजस्थान और विशेष रूप से हाड़ौती की पारंपरिक वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहर को विशेष स्थान दिया जाएगा। यह एयरपोर्ट आधुनिक तकनीक व विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ राजस्थान की झलक और सौंदर्य एयरपोर्ट परिसर में दिखाई देगी। परियोजना को राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन के अंतर्गत पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान में शामिल किया गया है।
राव सूरजमल की छतरी भी परियोजना में शामिल
राव सूरजमल हाड़ा की छतरी के निर्माण को विकास परियोजना में शामिल किया गया है। बिरला ने कहा कि कोटा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित रखते हुए विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। गौरतलब है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने इस परियोजना को मंजूरी दी है।
कोटा-बूंदी एयरपोर्ट उद्योग, व्यापार और पर्यटन को नई उड़ान देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न ‘गति शक्ति मास्टर प्लान’ के अंतर्गत यह परियोजना भारत की अवसंरचना क्रांति का सशक्त प्रतीक बनेगी। यह हाड़ौती अंचल के सामाजिक-आर्थिक विकास, नए रोजगार अवसरों और शिक्षा नगरी को देश-विदेश से जोड़ने वाला ऐतिहासिक कदम है। - ओम बिरला, लोकसभा अध्यक्ष