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सच की आवाज़ स्वतंत्र पत्रकार रवि सामरिया, कोटा का निर्भीक और जांबाज समाज प्रहरी

कोटा, राजस्थान। आज पत्रकारिता उस मोड़ पर खड़ी है, जहां सच्चाई बोलना साहस का कार्य बन चुका है। ऐसे समय में एक नाम है रवि सामरिया, जो न केवल पत्रकारिता की गरिमा को बनाए हुए हैं, बल्कि समाज सेवा, जन-जागरूकता और निर्भीक रिपोर्टिंग के माध्यम से सच को उजागर करने का कर्तव्य पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। रवि सामरिया वर्तमान में कई ज़िम्मेदारियों के साथ सक्रिय हैं। वे जिलाध्यक्ष ऑल इंडिया मीडिया एसोसिएशन, कोटा और डायरेक्टर मीडिया हाउस राजस्थान न्यूज़ एजेंसी (MHR), स्टेट कोऑर्डिनेटर सूचना इंडिया टीवी न्यूज़ चैनल, प्रदेश संयोजक पत्रकार प्रेस परिषद (PPP), प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मीडिया काउंसिल ऑफ जर्नलिस्ट के पद पर हैं। उनकी फेसबुक प्रोफ़ाइल पर 33 हजार से अधिक फॉलोअर्स हैं, और अन्य डिजिटल पर 5 लाख सदस्य हैं जो दर्शाता है कि उनकी रिपोर्टिंग और सक्रियता आम जनता के बीच कितनी लोकप्रिय है।

- पत्रकारिता में बेबाक आवाज़

रवि सामरिया ने हमेशा जनहित से जुड़े मुद्दों पर बिना डरे कलम और कैमरा उठाया है। चाहे प्रशासन की लापरवाही हो, या सामाजिक अन्याय, रवि सामरिया ने जनता की आवाज़ को मुख्यधारा में लाकर पत्रकारिता का असली धर्म निभाया है। उन्होंने कोटा की चंबल नदी को बचाने के लिए जागरूकता रैली और विशेष रिपोर्टिंग की। उनके इस प्रयास को पर्यावरण प्रेमियों और समाज सेवियों से भरपूर सराहना मिली। जहां हर कोई घरों में बंद था, रवि सामरिया ने फील्ड रिपोर्टिंग, फ्री मास्क वितरण, और जरूरतमंदों को भोजन पहुंचाने का ज़िम्मा उठाया। उन्होंने फ्रंटलाइन वर्कर्स को सम्मानित कर समाज में प्रेरणा का संदेश दिया।

- सामाजिक सेवा में अग्रणी :

सिर्फ पत्रकारिता ही नहीं, रवि सामरिया ने स्माइल केयर चाइल्ड फाउंडेशन के माध्यम से हजारों गरीब, अनाथ, और जरूरतमंद बच्चों तक खुशियां पहुंचाई हैं। जादू शो, खिलौने वितरण, शिक्षा जागरूकता, और बाल हक संरक्षण जैसे अनगिनत कार्यों में वे सक्रिय हैं। सत्य बोलने की राह कभी आसान नहीं होती। रवि सामरिया पर कई बार राजनैतिक और प्रशासनिक दबाव डाले गए, उन पर झूठे मुकदमे तक दर्ज हुए, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने कर्तव्यों से समझौता नहीं किया। पत्रकार वही जो जन की बात जन तक और जन से सत्ता तक पहुंचाए, बिना डरे, बिना झुके! रवि सामरिया केवल एक पत्रकार नहीं, बल्कि जनता की आवाज़, समाज का प्रहरी और निर्भीक युगधर्म निभाने वाले सिपाही हैं। उनकी लेखनी में आग है और उनकी सोच में जनसरोकार। कोटा जैसे शहर को उन पर गर्व है।

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