हिमाचल प्रदेश,मणिपुर और त्रिपुरा राज्य को छोड़कर देश के किसी भी राज्य के सरकारी नॉकरियो के सामान्य सीटों में सभी देश वासियों के अधिकार
किसी भी राज्य की नॉकरी में 100% उसी राज्य के निवासी का अधिकार नही है। भारतीय सविंधान में हस्तक्षेप करने का अधिकार राज्य सरकार को नही होती है। अपने राज्यों के हितों के लिए कानून बनाना राज्य सरकार का अधिकार है,लेकिन किसी भी हाल में भारतीय सविंधान में हस्तक्षेप नही अर्थात छेड़-छाड़ नही कर सकती है। डोमिसाइल नीति में किनको रिजर्वेशन मिल सकता है वो कानून लागू होता न कि डोमिसाइल सीधा ये कि संबंधित राज्य का मूल निवासी होना चाहिए। अमूमन कुछ राज्यों में आप जमीन ले लेते है तो उसके आधार पर निवास बन जाता है और जब निवास बन जाता है तो आप रिजर्वेशन भी ले लेते है। ये गलत है। नीति बननी चाहिए कि हमारे राज्य में किसे मूल निवासी माना जाए,क्योकि रिजर्वेशन उन्ही को मिलता है। परंतु ये नही की समान्य सीट में दूसरे राज्य के निवासी लड़ नही सकते।
आज बिहार में vacancy आयी तो कुछ लोग पागल होने लग गए,परंतु उन्हें ये भी पता होना चाहिए कि इस तरह की vacancy हमारे राज्य के इतिहास में पहली बार आया है। इसके पहले बिहार के अभ्यर्थी अन्य राज्यो की vacancy को आशा भारी निगाहों से देखते थे,और एग्जाम देने जाते थे। बंगाल में हाल में हुई घटना जिसमें बिहार के अभ्यर्थी को जलील किया गया ,पैर पकड़े हुए वीडियो वायरल हुआ,जिसमें साफ कहा जा रहा है कि "तुमलोग किसी को आने नही देते हो यहाँ क्या करने आये हो" ये सब कुछ चन्द घटिया मानसिकता वालों के चक्कर में बिहार वासियों को सुनना और सहना पड़ता है। क्योंकि कुछ बेकार लोग बिहार के वासियों को भड़काते है। पूरा देश आपका है। जिस तरह आप कही का vacancy apply करते है उसी तरह से अन्य राज्य के लोगो का भी अधिकार है कि आपके यहाँ की vacancy में शामिल हो सकते है। सामान्य सीट सबके लिए होता है। घटिया और सड़ा हुआ मानसिकता वाले ही विभेद करते है। भविष्य में देखता हूँ कि ये लोग अपने बच्चों को अन्य राज्यों में पढ़ने या नॉकरी के अप्लाई करवाते है कि नही। बिहार की शिक्षा कैसी है सभी जानते है। अच्छे शिक्षा के लिए लोग दूसरे राज्यो में जाते है। यदि वहाँ से बिहारियों को भागना शुरू कर दे तो क्या होगा? आर्टिकल 16(4ख) कोई भी राज्य 50% सीट को ही आरक्षित कर सकती है। हमें यह नही भूलना चाहिए कि देश की संसाधनों में सभी देश वासियों के अधिकार न कि संबंधित राज्य का केवल। एम्स दिल्ली में क्या दिल्ली के ही निवासियों का दाखिला होता है। आई. आई. टी कॉलेज में पढ़ने वाले केवल उसी राज्य के होते है क्या? क्या वहाँ सभी सभी राज्य के लोग नही जाते है। और जब वहां से उनकी जॉब होती है,तो केवल बिहार में आकर करते है या फिर पूरे विश्व में जाते है। जेइइ की वेकैंसी 2013 के बाद बिहार में नही आया है तो फिर पॉलिटेक्निक किये अभ्यर्थी कहाँ गायब हो गए। पूरे देश में बिहार के लोग जा सकते है,लेकिन बिहार में कोई नही आ सकता है। ऐसे विचार और सलाह देने वाले लोगो पर देश द्रोह का मुकदमा चलना चाहिए,क्योंकि ये वैसे लोग है जो भारतीय सविंधान का उलग्घन और देश में अराजकता फैलाने का काम कर रहे है। क्योंकि ये नही माना जा सकता है कि पूरे देश मे सबसे ज्यादा नॉकरी के नाम पर बिहार के ही लोग है। घटिया आर्टिकल जब अखबारों सहित अन्य माध्यम से अन्य राज्यों तक पहुँचता होगा तो निश्चित ही बिहार वासियों को असहजता महसूस होती होगी। मन मे डर भी होता होगा कि कही अनहोनी न हो जाये। ऐसे घटिया विचार वालों को आजीवन कारावास होनी चाहिए ताकि लोगों के बीच द्वेष उत्पन्न न हो।