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Sumit Pandey
All India Media Association

डॉ प्रभा कान्त मिश्र अध्यक्ष सुधीर सहगल महामंत्री निर्वाचित
आज दिनांक 29 सितम्वर 2023 को उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल( पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ जनपद लखनऊ की शैक्षिक उन्नयन संगोष्ठी एवं त्रिवर्षीय अधिवेशन दारूल सफ़ा कामन हाल में मंडलीय पर्यवेक्षकों एवं चुनाव अधिकारियों की देखरेख में संपन्न हुआ जिसमें चुनाव अधिकारियों द्वारा अध्यक्ष पद पर डॉ प्रभा कान्त मिश्र महामंत्री पद सुधीर सहगल मंत्री पद रेखा शुक्ला कोषाध्यक्ष पद हेतु मनोज मौर्य उपाध्यक्ष राकेश कुमार बाजपेई राखी वर्मा रेनू सिंह कविता छाबड़ा अंजय कुमार दास शिखा त्रिवेदी संयुक्त मंत्री मंजू चौधरी संजय पांडे डॉक्टर संतोष साहू चंद्रकांता विश्वास रेनू त्रिपाठी पूनम त्रिपाठी कार्यकारिणी सदस्य मनीषा वाजपेई प्रेम तिवारी किरण त्रिवेदी जितेन पांडे विनीत मिश्रा मीडिया प्रभारी अशोक गुप्ता को निर्वाचित घोषित किया नवनिर्वाचित जिलाध्यक्ष डाॅ प्रभा कान्त मिश्र ने बताया कि मैं पूरी निष्ठा ईमानदारी के साथ परिषदीय शिक्षकों की समस्याओं के समाधान लिए संघर्षरत रहूंगा तथा अपने कर्तव्यों का पालन करुंगा अधिवेशन में मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी विशिष्ट अतिथि प्रदेश महामंत्री नरेश कौशिक सहित प्रदेश मंडलीय जनपदीय अध्यक्ष/महामंत्री पदाधिकारी डेलीगेट सहित सैकड़ो शिक्षक एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे तथा नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को बधाई दी

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नारायण सेवा संस्थान लखनऊ देवा रोड बरेठी बाराबंकी द्वारा आयोजित भगवान श्री लक्ष्मी नारायण जी की मूर्ति स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दूसरे दिन मुख्य अतिथि माननीय सांसद बाराबंकी उपेंद्र रावत एवं माननीय जिला पंचायत अध्यक्ष बाराबंकी श्रीमती राजरानी रावत रहीं .सांसद जी सुरु से ही संस्थान से जुड़े हुए हैं और उन्होंने संस्थान की भूरि भूरि प्रशंशा की और आगामी योजनाओं मे बढ़ चढ़कर सहयोग का आश्वासन दिया और मंच से महाराजा सुहैल देव की स्मृति में महाराजा सुहैल देव आडीटोरीयम बनाने के लिए अपने निधि से जितना भी खर्च होगा वह देने की घोषणा की और कहा कि संस्थान हमेशा से समरस समाज की कल्पना करता आ रहा है इसके लिए प्रभु नारायण जी हम सभी के प्रेरणाश्रोत हैं.और राजरानी रावत जी भी पूजा करके कथा श्रवण किया और सदैव अपने स्तर से सहयोग का आश्वासन दिया.कार्यक्रम में विश्व विख्यात राम कथा वाचक देवेंद्र अवस्थी जी के द्वारा राम कथा कही गयी और ग्रामीण क्षेत्रों से 500 अधिक लोगों ने कथा श्रवण किया और इसके बाद दिव्य भंडारा का प्रसाद खाया.कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रचार सचिव प्रदीप मिश्रा, संस्थान के अध्यक्ष प्रभुनारायण, प्रबंध न्यासी रजनीश कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष अभिषेक दुबे, गौरव श्रीवास्तव, शिवेश द्विवेदी,रूपनारायण, अनिल बंसल, हरेराम यादव, मुकुल अवस्थी,अमित बरनवाल,गगन शर्मा, राजीव त्रिपाठी, प्रशांत सिंह,धर्मेंद्र सोनी, नितीश वर्मा जी आदि कार्यक्रम में उपस्थित रहे.

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नारायण सेवा संस्थान लखनऊ द्वारा देवा रोड बरेठी जनपद बाराबंकी स्थित संस्थान भवन से 2 किलोमीटर दूर कैंथी मंदिर से कलश यात्रा प्रारंभ होकर संस्थान भवन तक कलश यात्रा चली जिसमें 300 से अधिक ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने सर पर कलश लेकर यात्रा में सहभागिता की.इसके उपरांत भगवान लक्ष्मी नारायण जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा संस्थान पर स्थिति मन्दिर में पूर्ण विधि विधान से सुरु हुआ.जो कि यह कार्यक्रम 25 सितंबर तक चलेगा.आज के कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि डॉ अरुण कुमार सक्सेना बन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रहे.मंत्री जी मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सम्मिलित होकर पूजा पाठ कर संस्थान पर बृक्षारोपण किया और संस्थापक अध्यक्ष जी कार्यक्रम में संस्थान का परिचय देते हुए आयोजित कार्यक्रम के बारे में बताया कि बिगत तीन वर्षों से कोरोना काल से सुरु होकर बेरोजगार युवकों के लिए कार्य कर रहा है और मन्त्री जी से आग्रह किया कि आप के द्वारा भी रोजगार के लिए कुछ प्रभावी कदम उठाएं जाएं जैसे ग्रामीण क्षेत्र के लोग रोजगार से लाभांवित हो सके.मंत्री जी कार्यक्रम में बोलते हुए संस्थान की सराहना की उन्होंने कहा कि कितने कम समय मे संस्थान वट वृक्ष रूप ले लिया है और यह सब प्रभु जी एवं कार्यकर्ताओं के मेहनत का परिणाम है उन्होंने कहा भविष्य में मेरे से जो भी हो सकेगा संस्थान के लिए करता रहूँगा.यह जानकारी संस्थान के प्रचार सचिव प्रदीप मिश्रा ने दी है.कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित संस्थान के अध्यक्ष प्रभु नारायण, रजनीश कुमार, अभिषेक दुबे, गौरव श्रीवास्तव, शिवेश द्विवेदी,अनिल बंसल, प्रशांत सिंह, राजीव त्रिपाठी,कुमार संभव,आर पी सिंह , अमित बरनवाल,गगन शर्मा.एवं संस्थान के प्रमुख सहयोगी दिव्यांग मोनी गौतम, गुड़िया यादव एवं बृजेश कुमार रावत रहे.

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*लखनऊ पत्रकारपुरम गणेश महोत्सव समिति व्यापार मंडल द्वारा गणेश महोत्सव का आयोजन किया गया।,* *आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री राजेंद्र प्रसाद दुबे जी ने बताया समिति गणेश महोत्सव का आयोजन विगत 12 वर्षों से कर रही है,* सुबह 8:00 बजे से गणपति बप्पा का अभिषेक आरंभ होता है, वह 11:00 बजे तक आरती समाप्त हो जाती है फिर पुनः शाम 6:00 बजे से 8:00 बजे के बीच में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहते हैं। गणेश *महोत्सव समिति के संरक्षक पूर्व पार्षद राजीव गांधी वार्ड रामसागर यादव बताते हैं,* कि गणेश पंडाल कोलकाता के कुशल कारीगरों द्वारा बनाया जाता है। और सीसीटीवी की सुरक्षा में रहता है रामसागर यादव जी यह भी बताते हैं, कि विगत 6 वर्षों से *लखनऊ की टेलीकॉम कंपनी के फाउंडर चेयरमैन श्री धर्मेंद्र सिक्का जी* की कंपनी "सिक्का ब्रॉडबैंड" के इंजीनियरों द्वारा पूरे पंडाल में फ्री वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है!! जिससे की 11 दिवसीय सीसीटीवी समिति के सदस्यों के मोबाइल पर 24 घंटे ऑनलाइन रहता है । तो वहीं दूसरी तरफ *युवा नेता सर्वेश यादव बताते हैं,* कि गणेश महोत्सव समिति के अंतिम दिवस में विसर्जन से पूर्व हवन होता है। तत्पश्चात झूलेलाल पार्क में गणपति बप्पा की मूर्ति विसर्जित की जाती है, तत्पश्चात भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता है।

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*लखनऊ पत्रकारपुरम गणेश महोत्सव समिति व्यापार मंडल द्वारा गणेश महोत्सव का आयोजन किया गया।,* *आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री राजेंद्र प्रसाद दुबे जी ने बताया समिति गणेश महोत्सव का आयोजन विगत 12 वर्षों से कर रही है,* सुबह 8:00 बजे से गणपति बप्पा का अभिषेक आरंभ होता है, वह 11:00 बजे तक आरती समाप्त हो जाती है फिर पुनः शाम 6:00 बजे से 8:00 बजे के बीच में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहते हैं। गणेश *महोत्सव समिति के संरक्षक पूर्व पार्षद राजीव गांधी वार्ड रामसागर यादव बताते हैं,* कि गणेश पंडाल कोलकाता के कुशल कारीगरों द्वारा बनाया जाता है। और सीसीटीवी की सुरक्षा में रहता है रामसागर यादव जी यह भी बताते हैं, कि विगत 6 वर्षों से *लखनऊ की टेलीकॉम कंपनी के फाउंडर चेयरमैन श्री धर्मेंद्र सिक्का जी* की कंपनी "सिक्का ब्रॉडबैंड" के इंजीनियरों द्वारा पूरे पंडाल में फ्री वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है!! जिससे की 11 दिवसीय सीसीटीवी समिति के सदस्यों के मोबाइल पर 24 घंटे ऑनलाइन रहता है । तो वहीं दूसरी तरफ *युवा नेता सर्वेश यादव बताते हैं,* कि गणेश महोत्सव समिति के अंतिम दिवस में विसर्जन से पूर्व हवन होता है। तत्पश्चात झूलेलाल पार्क में गणपति बप्पा की मूर्ति विसर्जित की जाती है, तत्पश्चात भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता है।

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कल दिनांक 19 अगस्त 2023 को लखनऊ गोमती नगर विनीत खंड स्थित "पुलिस मॉडर्न स्कूल" मे हरियाली तीज महोत्सव मनाया गया। हरियाली तीज महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन विद्यालय परिसर की प्रधानाचार्य महोदया श्रीमती रचना गुप्ता जी के निर्देश क्रम में आयोजित किया गया। हरियाली तीज पर इस उत्सव कार्यक्रम का संचालन विद्यालय परिसर के जूनियर कक्षा की अध्यापिका महोदया श्रीमती नीलम वर्मा जी के द्वारा सफल संचालन हुआ। आज विद्यालय परिसर के बच्चे विभिन्न प्रकार के पौधे अपने साथ लेकर आए जिनमें मुख्य रूप से तुलसी पेड़ पेड़ अधिक मात्रा में व आम के पेड़ और भी विभिन्न प्रकार के पौधे बच्चे लेकर आए और विद्यालय प्रांगण में वृक्षारोपण किया हरियाली तीज महोत्सव कार्यक्रम मे श्री राधा रास बिहारिनी भगवान श्री कृष्णा जी के अवतार में बच्चों ने नृत्य की प्रस्तुति भी की, झलकियां खबर के अंत में कृपया संलग्न करें।

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*श्री_हनुमान_जी_महाराज जी एवं समस्त क्षेत्र वासियों की तरफ से श्री सनातन राष्ट्रवादी जन कल्याण संघ के तत्वाधान में आयोजित सरस संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा गोमती नगर विनय खंड 3 में स्थित ओमेशवर धाम मंदिर परिसर में भव्य श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा के अंतिम दिन में मुख्य यजमान के रूप में गोमती नगर राजीव गांधी द्वितीय वार्ड के वरिष्ठ एवं श्री ओमशवर धाम मंदिर परिसर के मुख्य संरक्षक श्री रमाशंकर पांडे जी व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती विमला पांडे जी को मुख्य यजमान बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। , था जिसमे कथा समापन के पश्चात *कथा व्यास कृष्ण कृपा पात्र आचार्य पवन कृष्ण मिश्र जी महाराज गुरु आश्रम श्री धाम वृंदावन जी के श्री मुखारबिन्द से आरंभ हुई* कथा के अंत मे आचार्य पवन कृष्ण महाराज जी ने मुख्य यजमान श्री रमाशंकर पांडे जी को सर्वप्रथम अक्षत दे कर कथा का समापन किया । कथा में उपस्थित श्री उमेश्वर धाम मंदिर परिसर के मुख्य पुजारी पंडित जनार्दन प्रसाद तिवारी जी, मंदिर परिसर आंदोलन से जुड़े सहयोगी बलराम मिश्रा जी, पुजारी एस.के बाजपेयी जी, गन्ना संस्थान से रिटायर्ड सुदामा त्रिपाठी मंदिर परिसर आंदोलन से जुड़े सहयोगी ,जय नारायण सिंह अखिल भारतीय भोजपुरी न्यास कल्याण के राष्ट्रीय अध्यक्ष परमानंद पांडे जी, युवा नेता संदीप पांडे, श्री ओमेश्वर धाम मंदिर परिसर के मुख्य सहयोगी श्री वीरेंद्र कुमार पांडे उर्फ (संजय पांडे), *राजपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के फाउंडर चेयरमैन वह* *मंदिर परिसर के वरिष्ठ प्रमुख सहयोगी श्री राजपाल सिंह,* राजीव गांधी द्वितीय वार्ड के वार्ड अध्यक्ष जगदीश राय दशरथ तिवारी, उदित पांडे अनमोल पांडे, हिमांशु बाजपेयी , *भारतीय जनता युवा मोर्चा पूर्व मंडल 1 से कार्यालय प्रभारी सुमित पांडे* इत्यादि गणमान्य एवं प्रतिष्ठित लोग कथा में उपस्थित रहे। तथा समापन के पश्चात सबने अक्षत व प्रसाद लेकर अपने घर को प्रस्थान किया। कथा समापन के पश्चात आचार्य पवन कृष्ण महाराज जी ने कथा आरंभ के मुख्य यजमान को बहुत-बहुत धन्यवाद आभार कहते हुए कथा का समापन किया। और समस्त क्षेत्रवासियों को धन्यवाद दिया।

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*गोवा के एकादश ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ अर्थात कल्याणकारी हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’*

पिछले कुछ दिनों से केवल भारत में ही नहीं, अपितु संपूर्ण विश्व में हिन्दू राष्ट्र की चर्चा हो रही है; वहीं कट्टर भारतद्वेषी लोग हिन्दू राष्ट्र के विरुद्ध दुष्प्रचार कर रहे हैं । कुछ लोग भारत यदि धर्माधिष्ठित बना, तो भारत की स्थिति इस्लामी देश पाकिस्तान की भांति हो जाएगी, ऐसा भी बोलते हैं; तो खालिस्तानवादी नेता हिन्दू राष्ट्र की अपेक्षा खालिस्तानवाद की कल्पना अच्छी होने की बात करते हैं । कुछ लोग हिन्दू राष्ट्र के कारण ‘सेक्युलर’ भारत को संकट उत्पन्न होने का, साथ ही उनका आरोप है कि उसके कारण गैर हिन्दुओं के अस्तित्व पर प्रश्न उठाया जा रहा है । परंतु इस दुष्प्रचार में बिल्कुल ही तथ्य नहीं है, इसे हमें समझना होगा । हिन्दू राष्ट्र कोई राजनीतिक संकल्पना नहीं है, अपितु सभी प्राणियों के कल्याण के लिए एक आदर्श व्यवस्था है । यह कोई नया राजतंत्र नहीं है, अपितु अनेक शतकों तक भारत में यह राजतंत्र था । भारत अनादि काल से हिन्दू राष्ट्र ही था । त्रेतायुग के राजा हरिश्चंद्र एवं प्रभु श्रीराम, द्वापरयुग के महाराजा युधिष्ठिर, कलियुग के राजा हर्षवर्धन, अफगानिस्तान के राजा दाहीर, मगध के सम्राट चंद्रगुप्त, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज आदि का राज्य कभी भी ‘सेक्यूलर’ नहीं था, अपितु ‘हिन्दू राष्ट्र’ ही था । आज भी इन सभी राजाओं का उल्लेख गौरवपूर्ण ही होता है । इसके लिए बहुत पीछे जाने की आवश्यकता नहीं है, अपितु वर्ष 1947 में भी 566 संस्थान हिन्दू राज्य थे । अतः हिन्दू राष्ट्र का किया जा रहा विरोध लोगों के उद्धार एवं सुव्यवस्था का विरोध है, यह समझकर हिन्दू राष्ट्र के लिए संगठित होना पडेगा ।

*हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता* : आज हम भारत की स्वतंत्रता का अमृतमहोत्सव मना रहे हैं; परंतु इन 75 वर्षाें में ‘स्व’तंत्र का अर्थात स्वयं के भारतीय तंत्र का कभी-कभी ही अनुभव किया । वेशभूषा, कानून, खाद्य संस्कृति, आचार, शिक्षा, न्याय-व्यवस्था, प्रशासन-व्यवस्था आदि विभिन्न क्षेत्रों में, किंतु भारतीयों के व्यक्तिगत, सामाजिक एवं राष्ट्रीय जीवन पर आज भी पाश्चात्य विकृति का बडा प्रभाव है । भले ही लोकतंत्र का वर्णन ‘लोगों के लिए चलाया जानेवाला राज्य’ किया जाता हो; परंतु तब भी नित्य जीवन में सर्वसामान्य नागरिकों के जीवन में निराशा का ही अनुभव होता है । ये सभी ‘सेक्युलर’ व्यवस्था के दुष्परिणाम हैं । उसके कारण ही हिन्दुओं के साथ अन्याय करनेवाली, अल्पसंख्यकों को विशेष छूट देनेवाली, साथ ही बहुसंख्यकों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचानेवाली ‘सेक्युलर’ व्यवस्था के स्थान पर सर्वसम्मति से धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र की मांग करनी होगी । वर्ष 1976 में तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने देश में आपातकाल लगाकर संविधान में संशोधन कर संविधान में ‘सेक्युलर’ शब्द घुसा दिया । अब पुनः एक बार संविधान में संशोधन कर भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित किया जाए, देशप्रेमी भारतीयों की यही जनभावना है ।

*हिन्दुत्व पर हो रहे आघात* : भारत में 28 राज्य तथा 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं; परंतु उनमें से 6 राज्यों एवं 3 केंद्रशासित प्रदेशों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए हैं । राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या को विचार में लिया जाए, तो आज के समय में 25 प्रतिशत राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में हिन्दुओं की जनसंख्या न्यून हुई है । वीर सावरकर ने बल देकर कहा कि हिन्दू धर्म ही राष्ट्रीयता है । उसके अनुसार किसी प्रदेश से हिन्दुओं का अल्पसंख्यक होने का अर्थ उस प्रदेश में भारतीयता की भावना क्षीण होने जैसा है । वर्ष 1990 में जिहादी आतंकवाद के कारण लाखों कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार हुआ । आज भले ही अनुच्छेद 370 रद्द हुआ हो, किन्तु अभी भी वहां विस्थापित हिन्दुओं का पुनर्वास नहीं हुआ है । इसके विपरीत चुन-चुनकर वहां हिन्दुओं की हत्या की जा रही है । हिन्दू राष्ट्र का ‘टारगेट’ साध्य किए बिना हिन्दुओं का हो रहा ‘टारगेट किलिंग’ नहीं रुकेगा, यही सत्य है । भारत की स्वतंत्रता के शतक महोत्सव वर्ष तक अर्थात 2047 तक भारत को ‘इस्लामिस्तान’ बनाने की धर्मांधों की ‘ब्लू प्रिंट’ सामने आई थी । उससे पूर्व ही ‘गजवा-ए-हिन्द’ के सपने को कब्रिस्तान में दफनाकर हिन्दुत्व अर्थात भारत की रक्षा करने के लिए हमें तैयार होना चाहिए ।

आज के समय में वक्फ कानून के माध्यम से हिन्दुओं की संपत्ति को हडपा जा रहा है । इसमें केवल हिन्दुओं की नहीं, अपितु सरकारी भूमि भी वक्फ की भूमि के रूप में घोषित किए जाने की घटनाएं भी सामने आई हैं । कट्टरतावादी लोग हिन्दुओं की परिश्रम से अर्जित की गई संपत्ति को किसी भी क्षण वक्फ की संपत्ति घोषित कर सकते हैं तथा उसे किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती । यह हिन्दुओं को नामशेष करने का ही षड्यंत्र है । आज के समय में हिन्दवी स्वराज के साक्षी अनेक गढ-किले इस्लामी अतिक्रमण से घिर गए हैं । इन गढ-किलों पर रातों-रात दरगाह एवं मजारें खडी की जा रही हैं । ‘वक्फ’ जैसे काले कानूनों को नष्ट करने के लिए, साथ ही हिन्दुओं के अधिकारों एवं मानबिंदुओं की रक्षा के लिए हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता है ।

हिन्दुओं को लक्ष्य बनाने के लिए आज विभिन्न प्रकार के ‘टूलकिट’ का उपयोग किया जा रहा है । कभी हिन्दुओं के साथ धोखाधडी तथा लालच देकर उनका धर्मांतरण किया जाता है, तो कभी कला की स्वतंत्रता के नाम पर फिल्मों, वेबसीरिज आदि माध्यमों से हिन्दुओं के देवताओं एवं आस्था के केंद्रों का उपहास उडाया जाता है तथा कभी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए समानांतर ‘हलाल अर्थव्यवस्था’ खडी कर हिन्दुओं को हलाल प्रमाणित खाद्य पदार्थ खरीदने पर बाध्य किया जाता है । ‘रामचरितमानस’ जैसे पवित्र ग्रंथ को खुलेआम जलाया जाता है, तो कभी मंदिरों में देवताओं की मूर्तियों तथा वहां की प्रथा-परंपराओं को लक्ष्य बनाया जाता है । हिन्दू युवतियों एवं महिलाओं को प्रेम के झूठे जाल में फंसाकर उनका संपूर्ण उपभोग कर ‘लव जिहाद’ किया जाता है । ‘मेरा अब्दुल अलग है’, इस भ्रम में जीनेवाली हिन्दू लडकियों को बुर्का पहनने, गोमांस भक्षण करने, साथ ही ‘इस्लाम कबूल’ करने के लिए कहा जाता है, अन्यथा उनके शरीर के 35 टुकडे किए जाते हैं । यह ‘सेक्युलर’ भारत हिन्दुओं की श्रद्धाओं की रक्षा करने में संपूर्णतया विफल रहा है, इन घटनाओं से यही दिखाई देता है । हिन्दू युवतियों की शीलरक्षा के लिए, हिन्दू परंपराओं की रक्षा के लिए, साथ ही धर्मग्रंथों की प्रतिष्ठा अक्षुण्ण रखने के लिए आज हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता है ।

*केवल आर्थिक विकास अधूरा है* : जनता सुखी होने तथा समृद्ध राष्ट्र के लिए केवल आर्थिक विकास पर्याप्त नहीं है, अपितु मनुष्य जीवन को व्यापनेवाले सभी अंगों का विकसित होना आवश्यक होता है । धर्म जीवन के सर्वांग को व्यापता है; इसलिए राष्ट्र का धर्मनिरपेक्ष नहीं, अपितु धर्माधिष्ठित होना ही आवश्यक है । अतः हिन्दू राष्ट्र धर्माधिष्ठित ही होगा ! त्यागी एवं राष्ट्रहित का विचार करनेवाला धर्माचरणी समाज, कर्तव्यनिष्ठ सुरक्षातंत्र, सत्यान्वेषी न्यायतंत्र एवं कार्यक्षम प्रशासन इस ‘हिन्दू राष्ट्र’ की विशेषताएं होंगी ।

हमारी वैदिक संस्कृति में कहा गया है कि राष्ट्र का सुख प्रजा के धर्माचरण का आनुषंगिक फल होता है । उस दृष्टि से आज के समय में चल रहे हिन्दू राष्ट्र से संबंधित सभी आंदोलनों को एक ठोस दिशा मिले, हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्यरत हिन्दुत्वनिष्ठों का संगठन हो, उनके अनुभवों का आदान-प्रदान हो तथा इसकी वैचारिक दिशा सुस्पष्ट हो; इस उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से गोवा, फोंडा के श्रीरामनाथ देवस्थान में 16 से 22 जून 2023 की अवधि में एकादश ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ अर्थात ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ का आयोजन किया गया है । प्रतिवर्ष की भांति देश-विदेशों के हिन्दुत्वनिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता इस अधिवेशन में उपस्थित रहनेवाले हैं । इस अधिवेशन के माध्यम से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के प्रयासों को बल मिले तथा हमारा भारत देश एक तेजस्वी हिन्दू राष्ट्र के रूप में विश्व पटल पर पुनः स्थानापन्न हो; यह ईश्वर के चरणों में प्रार्थना !

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आज *गंगा दशहरा व ज्येष्ठ मास के चतुर्थ एवं अंतिम मंगलवार* के पवित्र अवसर पर
*श्री_हनुमान_जी_महाराज जी एवं समस्त क्षेत्र वासियों की तरफ से श्री सनातन राष्ट्रवादी जन कल्याण संघ के तत्वाधान में आयोजित सरस संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा गोमती नगर विनय खंड 3 में स्थित ओमेशवर धाम मंदिर परिसर में भव्य श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा में मुख्य यजमान के रूप में गोमती नगर राजीव गांधी द्वितीय वार्ड के वरिष्ठ एवं श्री ओमशवर धाम मंदिर परिसर के मुख्य संरक्षक श्री रमाशंकर पांडे जी व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती विमला पांडे जी को मुख्य यजमान बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। , *कथा व्यास कृष्ण कृपा पात्र आचार्य पवन कृष्ण मिश्र जी महाराज गुरु आश्रम श्री धाम वृंदावन जी के श्री मुख से आरंभ हुई* वही मंदिर परिसर के मुख्य पुजारी पंडित जनार्दन प्रसाद तिवारी जी बताते हैं। कि कथा समय सांय 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक है, कथा के प्रथम दिवस में गोमती नगर विनय खंड के समस्त क्षेत्रवासी वरिष्ठ जनों की उपस्थिति रही मंदिर परिसर के पुजारी एस.के बाजपेयी भारतीय जनता पार्टी से राजीव गांधी द्वितीय वार्ड के वार्ड अध्यक्ष जगदीश राय व जय नारायण सिंह जी,सचिव ओमेश्वर धाम मन्दिर परिसर, नगर निगम ज़ोन 4 से अमित त्रिपाठी,जी मंदिर परिसर के समन्वयक मुख्य सहयोगी श्री वीरेंद्र कुमार पांडे जी राजपाल कंस्ट्रक्शन के फाउंडर चेयरमैन वरिष्ठ प्रमुख सहयोगी श्री राजपाल सिंह जी संदीप पांडे, उदित पांडे, दशरथ तिवारी, हिमांशु बाजपेयी , दीपांशु बाजपेयी अखिल भारतीय भोजपुरी न्यास कल्याण समाज के अध्यक्ष परमानंद पांडे जी समस्त क्षेत्रवासी व वरिष्ठ जनों की कथा में उपस्थिति रही बोलो बांके बिहारी महाराज की जय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।

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आज *गंगा दशहरा व ज्येष्ठ मास के चतुर्थ एवं अंतिम मंगलवार* के पवित्र अवसर पर
*श्री_हनुमान_जी_महाराज जी एवं समस्त क्षेत्र वासियों की तरफ से श्री सनातन राष्ट्रवादी जन कल्याण संघ के तत्वाधान में आयोजित सरस संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा गोमती नगर विनय खंड 3 में स्थित ओमेशवर धाम मंदिर परिसर में भव्य श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा में मुख्य यजमान के रूप में गोमती नगर राजीव गांधी द्वितीय वार्ड के वरिष्ठ एवं श्री ओमशवर धाम मंदिर परिसर के मुख्य संरक्षक श्री रमाशंकर पांडे जी व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती विमला पांडे जी को मुख्य यजमान बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। , *कथा व्यास कृष्ण कृपा पात्र आचार्य पवन कृष्ण मिश्र जी महाराज गुरु आश्रम श्री धाम वृंदावन जी के श्री मुख से आरंभ हुई* वही मंदिर परिसर के मुख्य पुजारी पंडित जनार्दन प्रसाद तिवारी जी बताते हैं। कि कथा समय सांय 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक है, कथा के प्रथम दिवस में गोमती नगर विनय खंड के समस्त क्षेत्रवासी वरिष्ठ जनों की उपस्थिति रही मंदिर परिसर के पुजारी एस.के बाजपेयी भारतीय जनता पार्टी से राजीव गांधी द्वितीय वार्ड के वार्ड अध्यक्ष जगदीश राय व जय नारायण सिंह जी,सचिव ओमेश्वर धाम मन्दिर परिसर, नगर निगम ज़ोन 4 से अमित त्रिपाठी,जी मंदिर परिसर के समन्वयक मुख्य सहयोगी श्री वीरेंद्र कुमार पांडे जी राजपाल कंस्ट्रक्शन के फाउंडर चेयरमैन वरिष्ठ प्रमुख सहयोगी श्री राजपाल सिंह जी संदीप पांडे, उदित पांडे, दशरथ तिवारी, हिमांशु बाजपेयी , दीपांशु बाजपेयी अखिल भारतीय भोजपुरी न्यास कल्याण समाज के अध्यक्ष परमानंद पांडे जी समस्त क्षेत्रवासी व वरिष्ठ जनों की कथा में उपस्थिति रही बोलो बांके बिहारी महाराज की जय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।

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आज *गंगा दशहरा व ज्येष्ठ मास के चतुर्थ एवं अंतिम मंगलवार* के पवित्र अवसर पर
*श्री_हनुमान_जी_महाराज जी एवं समस्त क्षेत्र वासियों की तरफ से श्री सनातन राष्ट्रवादी जन कल्याण संघ के तत्वाधान में आयोजित सरस संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा गोमती नगर विनय खंड 3 में स्थित ओमेशवर धाम मंदिर परिसर में भव्य श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा में मुख्य यजमान के रूप में गोमती नगर राजीव गांधी द्वितीय वार्ड के वरिष्ठ एवं श्री ओमशवर धाम मंदिर परिसर के मुख्य संरक्षक श्री रमाशंकर पांडे जी व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती विमला पांडे जी को मुख्य यजमान बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। , *कथा व्यास कृष्ण कृपा पात्र आचार्य पवन कृष्ण मिश्र जी महाराज गुरु आश्रम श्री धाम वृंदावन जी के श्री मुख से आरंभ हुई* वही मंदिर परिसर के मुख्य पुजारी पंडित जनार्दन प्रसाद तिवारी जी बताते हैं। कि कथा समय सांय 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक है, कथा के प्रथम दिवस में गोमती नगर विनय खंड के समस्त क्षेत्रवासी वरिष्ठ जनों की उपस्थिति रही मंदिर परिसर के पुजारी एस.के बाजपेयी भारतीय जनता पार्टी से राजीव गांधी द्वितीय वार्ड के वार्ड अध्यक्ष जगदीश राय व जय नारायण सिंह जी,सचिव ओमेश्वर धाम मन्दिर परिसर, नगर निगम ज़ोन 4 से अमित त्रिपाठी,जी मंदिर परिसर के समन्वयक मुख्य सहयोगी श्री वीरेंद्र कुमार पांडे जी राजपाल कंस्ट्रक्शन के फाउंडर चेयरमैन वरिष्ठ प्रमुख सहयोगी श्री राजपाल सिंह जी संदीप पांडे, उदित पांडे, दशरथ तिवारी, हिमांशु बाजपेयी , दीपांशु बाजपेयी अखिल भारतीय भोजपुरी न्यास कल्याण समाज के अध्यक्ष परमानंद पांडे जी समस्त क्षेत्रवासी व वरिष्ठ जनों की कथा में उपस्थिति रही बोलो बांके बिहारी महाराज की जय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।

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राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली योजना संयुक्त मंच द्वारा आज से प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली अधिकार मंच रथ यात्रा का शुभारंभ राष्ट्रीय महासचिव रेलवे फेडरेशन कामरेड शिवगोपाल मिश्र जी ने झंडी दिखाकर रवाना किया।जिसमें देश तथा प्रदेश के लगभग सभी संगठन शामिल हुए।पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए शपथ पूर्वक कहा गया कि शत प्रतिशत पुरानी पेंशन बहाल कराएंगे।21 मई को पूरे देश मे मशाल जुलूस निकाला जाएगा। 21 जून को देश भर की प्रदेशों की राजधानी में महारैली की जाएगी।21 जुलाई के मध्य देश भर का शिक्षक कर्मचारी,अधिकारी पुरानी पुरानी पेंशन बहाली हेतु संसद का घेराव करेगा।कामरेड शिवगोपाल मिश्र जी ने घोषणा कि रेल के पहिये जाम किये जायेंगे। कार्यक्रम में मैं योगेश त्यागी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय जूनियर शिक्षक संघ,तथा राज्य सहसंयोजक उक्त, मंच रथ यात्रा के आयोजक हरिकिशोर तिवारी जी,विशिष्ट बी0 टी0सी0 के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी जी,कानपुर देहात के अध्यक्ष अशोक सिंह राजावत जी,कानपुर नगर की अध्यक्ष सरिता कटियार जी,कानपुर नगर के महामंत्री विकास तिवारी जी,मण्डल उपाध्यक्ष सुनीता शुक्ला जी आदि सैकड़ों शिक्षक संगठन के उपस्थित रहे।

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*राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मंच की बैठक* उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली हेतु दिनांक 6 मई 2023 को AIRF कार्यालय 4 स्टेट रोड नई दिल्ली के बैठक कक्ष में हुई सम्पन्न
तमाम राज्यों के संगठन अध्यक्ष,महामंत्री ने किया प्रतिभाग।
शिवगोपाल मिश्र अध्यक्ष आल इंडिया रेल यूनियन ने की अध्यक्षता।
अन्य रेल यूनियनोँ के अध्यक्षों ने भी किया प्रतिभाग।
लिए गए सर्व सम्मति से निर्णय।
21 मई को देश भर में पुरानी पेंशन बहाली हेतु निकाला जाएगा मशाल जुलूस।
21 जून को एक साथ देश भर में प्रदेश मुख्यालयों पर किया जाएगा धरना प्रदर्शन।
सम्भावित 21 जुलाई को देश भर के सभी संगठनों द्वारा किया जाएगा नई दिल्ली में संसद का घेराव।
फिर भी यदि भारत सरकार नहीं मानी और पुरानी पेंशन बहाल नहीं की तो रेलों के होंगे पहिये जाम।अन्य विभागों में भी होगी एक साथ हड़ताल।
मीटिंग में प्रदेश महामंत्री एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नरेश कैशिक,मनोज कुमार,अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ,राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी जी सहित देश भर के लगभग 40 संगठनों मौजूद रहे।

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*उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ ने आन लाइन कालिंग के विरोध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा को दिया ज्ञापन*
वीडियो कॉलिंग से अनुश्रवण सम्बन्धी आदेश के विरोध में प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी एवं महामंत्री नरेश कौशिक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि महानिदेशक विजय किरन आनन्द से मिला तथा अपना विरोध दर्ज कराया
महानिदेशक ने वीडियो कॉलिंग सम्बन्धी आदेश पर जोर न देने का भरोसा दिया।तथा इसे वापस लेने पर भी सहमत हुए।और डी0जी0 साहब ने कहा कि आप अपने ग्रुप में लिख दीजिए सहमति बन गयी।परन्तु मैंने साफ शब्दों में कह दिया कि यदि वापस न हुआ तो हम पूर्ण वहिष्कार करेंगे।आप लोग रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर कि पैड वाले में जरूर डाल लें शिकायत पर एक जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी को कड़े शब्दों में कहा कि जब जूनियर संघ उपाध्यक्ष के साथ आप का यह व्यवहार है तो आम शिक्षक के साथ क्या रहता होगा तत्काल कार्यवाही समाप्त करने के निर्देश दिया एक जनपद में ए0आर0पी0 चयन में की गई अनियमितता पर मेरा पत्र पर तत्काल वाट्सप भेज कर कड़े निर्देश देते हुए शाम तक आख्या देने के निर्देश दिए।
एक जनपद में 2015 के सेवानिवृत्त शिक्षको का बीमा भुगतान न होने पर मेरे कहने पर सम्बंधित वित्त एवं लेखधिकारी को लाइन पर लेते हुए भुगतान न होने का कारण पूछा संतुष्ट न होने पर सम्बंधित की बिजलेंस जांच कराने के लिए कहा तथा शाम तक वस्तुस्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए तथा शाम तक आख्या न आने पर कठोर कार्यवाही के लिए कहा।एक जनपद के वित्त एवं लेखधिकारी नगर क्षेत्र के विद्यालय में कब्जा किये थे।उन्हें तत्काल अपने कार्यालय में जाने के निर्देश दिए जनपद के अंदर पारस्परिक स्थानांतरण प्रक्रिया एक हफ्ते बाद प्रारम्भ होगी एक माह के अंदर जी0पी0एफ0 आन लाइन होगा निलंबन प्रकरण तीन माह के अंदर निस्तारित होंगे पी0आर0ओ0 मनोज कुमार के साथ 29 मार्च को डायट मेंटर द्वारा की गई अभद्रता पर महानिदेशक ने मुझसे तत्काल शिकायती पत्र मांगा।मेरे द्वारा तत्काल उपलब्ध करा दिया गया। इस पर कठोर कार्यवाही का भरोसा दिया
प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश कोषाध्यक्ष सुरेश सिंह मण्डल अध्यक्ष वीर विक्रम सिंह जिला अध्यक्ष गोण्डा अशोक पाण्डेय जिला अध्यक्ष बहराइच विद्या बिलास पाठक जिला अध्यक्ष लखनऊ डॉ प्रभा कांत मिश्र महामंत्री सुधीर सहगल भूपेश श्रीवास्तव पी0आर0ओ0 मनोज कुमार आदि उपस्थित रहे

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*अक्षय तृतीया के दिन यज्ञ, हवन तथा सत्‍पात्र दान कर अधिकाधिक आध्‍यात्मिक लाभ लें ! - श्री. विश्‍वनाथ कुलकर्णी, हिन्‍दू जनजागृति समिति* अक्षय तृतीया साढ़े तीन मुहूर्तो में से एक पूर्ण मुहूर्त अक्षय तृतीया का होता है । उस दिन तिल तर्पण करना, उदकुंभ दान करना, मृत्तिका पूजन करना और दान देने का बहुत महत्‍व होता है। अक्षय तृतीया के का अध्‍यात्‍म शास्त्र हिन्‍दू जनजागृति समिति द्वारा लिए जानेवाले धर्मशिक्षा वर्गों में बताया गया । अक्षय तृतीया त्रेता युग का प्रारंभदिन है । इस तिथि को हयग्रीव अवतार, नर-नारायण प्रकटिकरण और परशुराम अवतार हुआ । इस तिथि को ब्रह्मा और विष्‍णु की एकत्रित तरंगें उच्‍च देवताओं के लोक से पृथ्‍वी पर आती हैं । इस कारण पृथ्‍वी की सात्‍विकता 10% बढ़ जाती है । इस काल महिमा के अनुसार इस तिथि को पवित्र स्नान, दान आदि धार्मिक कृतियां करने से आध्‍यात्‍मिक लाभ होता है। इस तिथि को देव और पितरों को उद्देश्‍य कर जो कर्म किए जाते हैं वे सब अक्षय होते हैं ।*महत्‍व :*अस्‍यां तिथौ क्षयमुपैति हुतं न दत्तंतेनाक्षयेति कथिता मुनिभिस्‍तृतीया ।उद्दिश्‍य दैवतपितृन्‍क्रियते मनुष्‍यै:तच्‍चाक्षयं भवति भारत सर्वमेव ॥ - मदनरत्नअर्थ : (श्रीकृष्‍ण कहते हैं) हे युधिष्ठिर इस तिथि को किया हुआ दान और हवन का क्षय नहीं होता है, इसीलिए मुनि ने अक्षय तृतीया ऐसा कहा है । देव और पितर इनको उद्देश्‍य कर इस तिथि में जो कर्म किए जाते हैं, वे सब अक्षय होते हैं । साढ़े तीन मुहूर्तो में से एक मुहूर्त माने जाने वाला यह एक मुहूर्त है। इसी दिन से त्रेतायुग का प्रारंभ हुआ । इस दिन से एक कलह काल का अंत और दूसरे सत्‍य युग का प्रारंभ, ऐसी संधि होने के कारण अक्षय तृतीया के संपूर्ण दिन को मुहूर्त कहते हैं । मुहूर्त केवल एक क्षण का हो तो भी संधि काल के कारण उसका परिणाम 24 घंटे रहता है इसीलिए यह दिन संपूर्ण दिन शुभ माना जाता है, इसीलिए अक्षय तृतीया इस दिन को साढे तीन मुहूर्त में से एक मुहूर्त माना जाता है । *धार्मिक कृतियों का अधिक लाभ होना* : इस तिथि को की गई विष्‍णु पूजा, जप, होम, हवन, दान आदि धार्मिक कृतियों का अधिक आध्‍यात्‍मिक लाभ होता है ऐसा माना जाता है । अक्षय तृतीया के दिन समृद्धि प्रदान करने वाले देवताओं के प्रति कृतज्ञता का भाव रखकर उपासना की जाए तो उन देवताओं की कृपा दृष्टि कभी भी क्षय नहीं होती ऐसा माना जाता है । श्री विष्‍णु जी के साथ वैभव लक्ष्मी की प्रतिमा का कृतज्ञता भाव रखकर भक्‍ति भाव से पूजा करनी चाहिए। होम हवन और जप करने में समय व्‍यतीत करना चाहिए ।*अक्षय तृतीया यह त्‍यौहार मनाने की पद्धति* : काल चक्र का प्रारंभिक दिन भारतीयों को हमेशा ही पवित्र लगता है, इसीलिए इस तिथि को स्नान आदि धर्म कृत बताएं गए हैं । इस दिन की विधि इस प्रकार है -पवित्र जल में स्नान, श्री विष्‍णु की पूजा, जप, होम, दान और पितृ तर्पण इस दिन अपिंडक श्राद्ध करना चाहिए यदि वह संभव ना हो तो कम से कम तिल तर्पण करना चाहिए ।*ऊदक कुंभ का दान* : इस दिन देव और पितरों को उद्देश्‍य कर ब्राह्मण को उदक कुंभ का दान करना चाहिए ।*शास्त्र* : अक्षय तृतीया, इस दिन ब्रह्मांड में अखंड रूप से तथा एक समान गतिशीलता दर्शाने वाली सत्‍व-रज लहरियों का प्रभाव अधिक मात्रा में होने से इन लहरियों के प्रवाहयोग से पितर एवं देव इनके लिए ब्राह्मण को किया गया दान पुण्‍यदायी एवं पिछले जन्‍म के लेनदेन के हिसाब को कर्म-अकर्म करने वाला होता है। कभी भी क्षय न होने वाली लहरियों के प्रभाव की सहायता से किया गया दान महत्‍वपूर्ण होता है।*तिल तर्पण करना :* तिल तर्पण अर्थात देवता एवं पूर्वज इनको तिल एवं जल अर्पित करना। तिल यह सात्‍विकता का प्रतीक है तथा जल शुद्ध भाव का प्रतीक है। भगवान के पास सब कुछ है, अतः हम उन्‍हें क्‍या अर्पण करेंगे, उसी प्रकार मैं भगवान को कुछ अर्पण कर रहा हूं, यह अहंकार ना हो इसलिए तिल अर्पण करते समय भगवान ही मुझसे सब कुछ करवा ले रहे हैं ऐसा भाव रखना चाहिए। इससे तिल तर्पण करते समय साधक का अहंकार नहीं बढता, उसका भाव बढ़ने में सहायता होती है तिल तर्पण अर्थात देवता को तिल के रूप में कृतज्ञता एवं शरणागति का भाव अर्पित करना है।*तिल तर्पण किसे करना चाहिए ? -**देवता* : सर्वप्रथम देवताओं का आवाहन करना चाहिए। तांबे अथवा किसी भी सात्‍विक धातु की थाली हाथ में लेनी चाहिए ब्रह्मा अथवा श्री विष्‍णु इनका अथवा उनके एकत्रित स्‍वरूप अर्थात भगवान दत्त का स्‍मरण करके, उन्‍हें उस थाली में आने का आवाहन करना चाहिए। तत्‍पश्‍चात देवता सूक्ष्म रूप में यहां आए हैं ऐसा भाव रखना चाहिए । तत्‍पश्‍चात उनके चरणों पर तिल अर्पित कर रहा हूं ऐसा भाव रखना चाहिए। परिणाम: प्रथम सूक्ष्म रूप से आए देवताओं के चरणों पर तिल अर्पण करने से तिल में देवताओं की ओर से प्रक्षेपित होने वाली सात्‍विकता अधिक मात्रा में ग्रहण होती है एवं जल अर्पण करने से अर्पण करने वाले का भाव जागृत होता है। भाव जागृत होने के कारण देवताओं की ओर से प्रक्षेपित सात्‍विकता तिल तर्पण करने वाले को अधिक मात्रा में ग्रहण करना संभव होता है।*पूर्वज :* अक्षय तृतीया को पूर्वज पृथ्‍वी के निकट आने के कारण मानव को अधिक तकलीफ होने की संभावना होती है। मानव पर जो पूर्वजों का ऋण है उसको उतारने के लिए मानव ने प्रयत्न करना चाहिए, यह ईश्‍वर को अपेक्षित है। इसलिए अक्षय तृतीया को पूर्वजों को सद्गति मिलने के लिए तिल तर्पण करना चाहिए।*पद्धति :* पूर्वजों को तिल अर्पण करने से पूर्व, तिलों में श्री विष्‍णु एवं ब्रह्मा इनके तत्‍व आने के लिए देवताओं से प्रार्थना करनी चाहिए। तत्‍पश्‍चात पूर्वज सूक्ष्म रूप में आए हैं एवं हम उनके चरणों पर तिल एवं जल अर्पित कर रहे हैं ऐसा भाव रखना चाहिए। तत्‍पश्‍चात 2 मिनट बाद देवताओं के तत्‍वों से भरी हुई तिल एवं अक्षता पूर्वजों को अर्पित करनी चाहिए। सात्‍विक बने हुए तिल हाथ में लेकर उसके ऊपर से थाली में धीरे-धीरे पानी छोड़ना चाहिए, उस समय दत्त, ब्रह्मा अथवा श्री विष्‍णु इनसे पूर्वजों को सद्गति देने हेतु प्रार्थना करनी चाहिए।*परिणाम :* तिलों में सात्‍विकता ग्रहण करके रज,तम नष्ट करने की क्षमता अधिक है, साधक के भाव अनुसार तिल तर्पण करते समय सूक्ष्म रूप से थाली में आए हुए पूर्वजों के प्रतीकात्‍मक सूक्ष्म देह पर से काले आवरण दूर होकर उनके सूक्ष्म देह की सात्‍विकता बढती है एवं उन्‍हें अगले लोक में जाने के लिए आवश्‍यक ऊर्जा प्राप्‍त होती है।*अक्षय तृतीया के दिन दान का महत्‍व :* अक्षय तृतीया के दिन किये हुए दान का कभी क्षय नहीं होता, इसलिए इस दिन किए गए दान से बहुत पुण्‍य मिलता है। बहुत पुण्‍य मिलने से जीव के द्वारा पूर्व में किए गए पाप कम होते हैं और उसका पुण्‍य संचय बढ़ता है। किसी जीव का पूर्व कर्म अच्‍छे होने पर उसका पुण्‍य संचय बढता है, इससे जीव को स्‍वर्ग प्राप्‍ति हो सकती है, परंतु साधकों को पुण्‍य प्राप्‍त करके स्‍वर्ग प्राप्‍ति नहीं करनी होती उन्‍हें तो ईश्‍वर प्राप्‍ति करनी होती है । इसलिए साधकों ने सुपात्र को दान करना आवश्‍यक होता है। यहां सत पात्र दान अर्थात (जहां अध्‍यात्‍म प्रसार के साथ राष्ट्र एवं धर्म इनके लिए कार्य किया जाता है ऐसे सब कार्यों में दान करना) सतपात्रे दान करने से दान करने वाले को पुण्‍य प्राप्‍ति नहीं होगी बल्‍कि दान का कर्म अकर्म होगा और उससे साधक की आध्‍यात्‍मिक उन्‍नति होगी,आध्‍यात्‍मिक उन्‍नति होने से साधक स्‍वर्ग लोक में ना जाकर उच्‍च लोक में जाएगा।*धन का दान :* ऊपर किए गए उल्लेख के अनुसार सतपात्रे दान संत, धार्मिक कार्य करने वाले व्‍यक्‍ति, धर्म प्रसार करने वाली आध्‍यात्‍मिक संस्‍था आदि को वस्‍तु या धन के रूप में दान करना चाहिए।*तन का दान :* धर्म विषयक उपक्रमों में सहभागी होना यह तन का दान है। इस हेतु देवताओं की विडंबना, धार्मिक उत्‍सवों में होने वाले अपप्रकार आदि रोकना चाहिए।*मन का दान :* कुल देवता का नामजप करना उसे प्रार्थना करना इसके द्वारा मन अर्पण (दान) करना चाहिए।*मृत्तिका पूजन :* हमेशा कृपा दृष्टि रखने वाली मृत्तिका अर्थात मिट्टी के द्वारा ही हमें धान्‍यलक्ष्मी, धनलक्ष्मी एवं वैभव लक्ष्मी इन की प्राप्‍ति होती है। अक्षय तृतीया का दिन कृतज्ञता भाव रखकर मृत्तिका अर्थात मिट्टी की उपासना करनी चाहिए ।*मिट्टी मे मेढ़ बनाना एवं बुवाई :* संवत्‍सररम्‍भ के शुभ मुहूर्त पर जोती हुई खेत की जमीन में अक्षय तृतीया तक तैयार की हुई मिट्टी (जोती हुई जमीन को साफ करके खाद मिश्रित जमीन को ऊपर नीचे करना) के प्रति कृतज्ञता का भाव रखकर पूजन करना चाहिए। तत्‍पश्‍चात पूजन की हुई जमीन में क्‍यारियां बनानी चाहिए एवं उनमें बीजों की बुवाई करनी चाहिए । अक्षय तृतीया के मुहूर्त पर बीजों की बुवाई प्रारंभ करने से उन बीजों से विपुल अन्‍न उपजता है एवं बीजों की कभी भी कमी नहीं होती । उससे वैभव प्राप्‍त होता है। बीज अर्थात खेती से प्राप्‍त धान्‍य अपनी आवश्‍यकतानुसार अलग रखकर बचा हुआ धान्‍य स्‍वयं के लिए एवं दूसरों के लिए अगली बुवाई के लिए बचा कर रखना चाहिए ।*वृक्षारोपण :* अक्षय तृतीया इस शुभ मुहूर्त पर क्‍यारियां बनाकर लगाए गए फलों के वृक्ष बहुत फल देते हैं । उसी तरह आयुर्वेद में बताई हुई औषधि वनस्‍पति भी अक्षय तृतीया के मुहूर्त पर लगाने से इन वनस्‍पतियों का क्षय नहीं होता अर्थात औषधि वनस्‍पतियों की कमी नहीं होती।*हल्‍दी कुंकुम :* स्त्रियों के लिए अक्षय तृतीया का दिन महत्‍वपूर्ण होता है। चैत्र में स्‍थापित की गई चैत्र गौरी का विसर्जन उन्‍हें इस दिन करना होता है। इसलिए वे हल्‍दी कुमकुम भी करती है।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लखनऊ पूरब भाग द्वारा बाबा साहब डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर की जन्म जयंती के अवसर पर आज दिनांक १४-०४-२०२३ को सायं ४:३० बजे मिनी स्टेडियम से. ११ विकास नगर, रिंग रोड लखनऊ से समरसता पथ संचलन निकाला गया जो नगर के मुख्य मार्गों से होता हुआ निकला। पथ संचलन में ३००० से अधिक स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में सहभाग किया।साहस,शौर्य,धैर्य, एकता, समरसता और पराक्रम के प्रतीक समरसता पथ संचलन नगर के मिनी स्टेडियम से शुरू हुआ जो रिंग रोड पर होता हुआ टेंढी पुलिया, विकास नगर, गुलाचीन मंदिर के बाद मुख्य बाजार से निकलकर पुनः प्रारम्भ स्थान पर पहुंचा। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाग संघचालक प्रभात अधौलिया ने की एवं मुख्य वक्ता इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रिय सह संगठन मंत्री सञ्जय श्रीहर्श रहे। जहां संघ के अधिकारियों, स्वयंसेवकों द्वारा पूज्य बाबा साहब डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण पुष्पांजलि अर्पित की गई, तत्पश्चात अवध प्रांत के प्रांत सेवा प्रमुख डॉ. देवेन्द्र अस्थाना ने अभी हाल ही में जयपुर राजस्थान में सम्पन्न हुए सेवा संगम की जानकारी दी। एकल गीत, अमृत वचन के बाद कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सञ्जय श्रीहर्ष ने अपने उद्वोधन में कहा कि भेद भावना अधर्म है, इसलिए हिन्दू समाज से छुआछूत (अस्पृश्यता) दूर होनी चाहिए। कोई ऊंच नींच और छोटा बड़ा नहीं है। सब समान है। संघ सम्पूर्ण हिन्दू समाज के संगठन के लिए काम करता है। संघ में अस्पृश्यता नहीं है। संघ कार्यपद्धति और कार्यक्रमों की रचना भी इसी प्रकार की गयी है। उन्होंने कहा कि हम सभी हिन्दू भाई—भाई हैं। इसलिए छूआछूत और ऊंचनीच के भाव हटाकर सबको साथ लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है। जन्म से विषमता हमारे किसी शास्त्र में नहीं लिखी है। हिन्दू समाज के किसी भी वर्ग के साथ भेदभाव ठीक नहीं है। लेकिन आज भी समाज में जाति के आधार पर आर्थिक आधार पर भेदभाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के बगैर हिन्दू समाज में एकता संभव नहीं है। समता युक्त समाज निर्माण करना हमारा काम है। इसके लिए वंचित समाज के शैक्षिक व आर्थिक विकास के लिए काम करना होगा। वंचित समाज के बंधुओं की भी सम्मान के साथ सहभागिता भी चाहिए। क्योंकि हमारी कमियों का फायदा उठाकर दूसरे लोग हिन्दू समाज का बांटने का प्रयास क रहे हैं ।बाबा साहब डा.भीमराव रामजी आम्बेडकर कहते थे कि अस्पृश्यता केवल अस्पृश्यों का ही प्रश्न नहीं है। यह सम्पूर्ण हिन्दू समाज का प्रश्न है। अस्पृश्यता के निर्मूलन के लिए धार्मिक,सामाजिक,राजनैतिक व आर्थिक इन सभी विषयों पर विचार करना होगा। बाबा साहब कहते थे कि व्यक्ति की आर्थिक तथा राजनीतिक स्थिति में सुधार होने पर उसे समाज में अपने आप मान्यता प्राप्त हो जाती है। मुख्य वक्ता संजय श्रीहर्ष ने देश की एकता अखंडता को बनाए रखने के लिए लोगों का आवाहन किया उन्होंने कहा कि आज देश को एकता के सूत्र में बाधने के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए। "सब समाज को लिए साथ में आगे है बढ़ते जाना।" यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। और संघ इसके लिए अपने स्थापना काल से यह कार्य करता आ रहा है जिसके अब सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। इस समरसता पथ संचलन कार्यक्रम में अवध प्रांत के सह सेवा प्रमुख तेजभान सिंह, पर्यावरण प्रमुख ललित कुमार, विभाग कार्यवाह अमितेश, विभाग प्रचारक अनिल, सह भाग संघचालक अरूण कुमार, भाग कार्यवाह ज्योति प्रकाश, सह भाग कार्यवाह रामलखन सहित भाग व नगर के अधिकारी स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

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