मणिकर्णिका घाट और आसपास की गलियां मंगलवार को महादेव के घोष से गुंजायमान रहीं। डमरुओं के निनाद के बीच गुलाल से होली खेली गई। मसान पर होली खेलने वाले स्वयं को भूत-प्रेत, पिशाच, चुड़ैल, डाकिनी-हांकिनी, औघड़, संन्यासी, अघोरी का प्रतिनिधि मान रहे थे। भीड़ से आसपास की गलियां जाम हो गई थीं। इसके पहले सुबह बाबा मशाननाथ की विधि-विधान से पूजा हुई।....
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