सांग पुरोधाओं में शुमार रहे निहालचंद 'निहाल'
भावपक्ष व शिल्पपक्ष की दृष्टि से निहालचंद 'निहाल' का काव्य बेजोड़ है। भारतीय संस्कृति के उदात्त जीवन मूल्य, अध्यात्म, गुरुभक्ति, समाज-सुधार, नीति, नारी-सम्मान, देशभक्ति, युगबोध का चित्रण पग-पग पर अवलोकनीय रहा है।....
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