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पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग एक्शन मोड में

पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग एक्शन मोड में है। आयोग ने कलेक्टरों से 3 दिन में पुरानी परिसीमन स्थिति की रिपोर्ट मांगी है।

राज्य निर्वाचन आयोग को 25 नवंबर तक रिपोर्ट सौंपनी होगी। बता दें पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कलेक्टरों के साथ कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की, जिसमें परिसीमन को लेकर नए अध्यादेश के सम्बंध में चर्चा की गई।

पूरी जानकारी मांगी
राज्य निर्वाचन आयोग की बैठक में ऐसी पंचायतों की विकासखण्डवार जानकारी मांगी गई, जिनकी सीमा में परिवर्तन हुआ है. ऐसे पंचायतों की परिसीमन के पहले और उसके बाद की परिसीमन का मिलान कर के रिपोर्ट देनी होगी।

बता दें पंचायतों का आरक्षण भी 2019 के पहले की स्थिति के हिसाब से माना जायेगा। शिवराज सरकार के फैसले के बाद मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव परिसीमन की पुरानी स्थिति के अनुसार ही होंगे।

नया परिसीमन निरस्त
बता दें पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच शिवराज सरकार ने नया परिसीमन निरस्त कर दिया। सरकार ने मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अध्यादेश 2021 लागू किया है, जिसके बाद जहां पिछले एक साल से चुनाव नहीं हुए ऐसे सभी जिले, जनपद या ग्राम पंचायतों में पुरानी व्यवस्था लागू होगी।

इस मामले पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया था कि पंचायतों को परिसीमन चुनाव से पहले कराए जाने का प्रावधान है. जिन पंचायतों में परिसीमन तो हो गया, लेकिन एक साल के अंदर चुनाव नहीं हुए, तो वहां परिसीमन को निरस्त माना जाएगा. इसके बाद वहां परिसीमन के पहले की व्यवस्था लागू रहेगी।

मध्य प्रदेश में पंचायतों की संख्या
पता हो मध्य प्रदेश में 23,912 ग्राम पंचायतें हैं. 904 जिला पंचायत सदस्य और 6035 जनपद सदस्य त्रि-स्तरीय पंचायत का प्रतिनिधित्व करते हैं. 2014-15 में हुए पंचायत चुनाव के बाद 2020 तक उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है. जहां अधिक पंचायतें बनीं उसकी लिस्ट देखिए
खरगोन- 137
नरसिंहपुर- 103
राजगढ़- 80
पंचायतें समाप्त हुई 
सागर- 25
खरगोन- 19
शिवपुरी- 13

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