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मशहूर अभिनेता इरफान खान के निधन के बाद हुआ खुलासा, आधी रात को वह इन्हें करते थे फोन


मुंबई। बॉलीवुड ने अभी कुछ ही दिन पूर्व अपने दो लाड़ले सितारे खो दिए। कैंसर की जंग से जूझते हुए महान कलाकार इरफान खान का निधन हो गया। इरफान के निधन के अगले दी दिन बॉलीवुड के मशहूर कलाकारों में शामिल ऋषि कपूर भी नहीं रहे। इरफान के निधन के शोक से दर्शक और उनके चाहने वाले करोड़ों लोग उबर भी नहीं पाए थे कि ऋषि कपूर के देहांत की खबर ने लोगों को विचलित कर दिया। कोरोना महामारी से जूझ रहा पूरा देश और बॉलीवुड गम में डूब गया। वहीं उनके चाहने वाले अब उनकी बातों को याद कर रहे हैं। इरफान के बेहद नजदीकी और बॉलीवुड में उन्हें पहचान दिलाने वाले डायरेक्टर आसिफ कपाड़िया ने उन्हें कुछ अलग ढंग से याद किया।

इरफान खान के निधन के बाद एक समाचार पत्र को दिए गए साक्षात्कार में डायरेक्टर आसिफ कपाड़िया ने इरफान की जिंदगी से जु़ड़े कई राज खोले। साक्षात्कार के दौरान अत्यंत  भावुक स्वर में उन्होंने कहा कि, ‘मैंने अपना छोटा भाई खो दिया।’ उन्होंने कहा कि, ‘कैंसर की बीमारी के उपचार के लिए जब इरफान लंदन गए थे तो वहां उनकी उनसे अक्सर मुलाकात होती थी। वो उनके घर आते थे। कभी कॉफी शॉप तो कभी पार्क में वो मिलते थे। इरफान अक्सर अपनी बीमारी के बारे में बात करते थे।’

 कपाड़िया ने कहा कि वो मैंने पहली बार किसी को देखा था जो खुद हुए कैंसर को लेकर इतनी बात कर रहा हो। वो अपनी बामारी के बारे में सबकुछ जानना चाहते थे।
आसिफ ने बताया कि कैंसर से लड़ रहे इरफान अंदर से काफी स्ट्राॅन्ग थे। वो कैंसर के साथ मजबूती से लड़ रहे थे।। वो अक्सर लेट नाइट दो बजे फोन करते थे। लेट नाइट दो बजे फोन की घंटी बजती थी, मैं चिंतिंत होकर फोन उठाता था कि कहीं कुछ बुरा न हुआ हो, लेकिन इरफान का जवाब आता था कि मैं आपको बहुत मिस कर रहा था और आपके साथ चैट करना चाहता हूं। लेट नाइट वो चैट करने के लिए मुझे फोन कर देते थे।’ इरफान के निधन के बाद आसिफ ने इस बात का खुलासा किया और इमोशनल हो गए।

आसिफ ने बताया कि, ‘इरफान खान को 1998 में मीरा नायक ने अपनी फिल्म सलाम बॉम्बे में लॉन्च किया था लेकिन उस फिल्म में उनकी भूमिका बेहद छोटी थी। रिलीज होने के बाद वो और भी छोटी हो गई। इरफान भी उस बात से नाराज थे। साल 2001 में आसिफ अपनी फिल्म ‘द वॉरियर’ के लिए मुख्य किरदार तलाश रहे थे, लेकिन बिना किसी रोमांटिक गाने, बिना कुछ डायलॉग के कोई नहीं करना चाहता था।’


उन्होंने बताया कि, ‘उनकी पहली मुलाकात इरफान खान से मुबंई के एक हाल में हुई थी। इरफान का चेहरा और उनकी आंखें देखकर ही वह समझ गए थे कि उनकी फिल्म के किरदार के लिए इरफान से बेहतर कोई नहीं हो सकता।’


 इस फिल्म ने इरफान और डायरेक्टर आसिफ कपाड़िया को नए मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया। बॉलीवुड के साथ.साथ हॉलीवुड में भी इस फिल्म की चर्चा हुई। कई हॉलीवुड निदेशकों ने इरफान और आसिफ के साथ काम करने की इच्छा जताई।

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