समस्त मेडिकल लैब टेक. एसोसिएशन (हेल्थ सर्विसेस) जिला इकाई रीवा ने मंत्री रामखेलावन पटेल जी और विधायक को सौंपा मांगों का ज्ञापन
समस्त मेडिकल लैब टेक. एसोसिएशन (हेल्थ सर्विसेस) जिला इकाई रीवा ने मंत्री रामखेलावन पटेल जी और विधायक राजेंद्र शुक्ला जी को सौंपा ज्ञापन।
रीवा जिले के समस्त शासकीय लैब टेक्नीशियनो ने अपनी मांगों को लेकर मंत्री रामखेलावन पटेल जी और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला जी को लैब टेक्नीशियनो ने अपनी समस्याओं और मांगो को लेकर अवगत कराया। जिस पर मंत्री जी और विधायक जी ने कहा की आपकी मांगों को मुख्यमंत्री जी तक अवश्य पहुंचाया जाएगा।
शासकीय मेडिकल लैब टेक्नीशियनो कि मांग कुछ इस प्रकार -
1.पदनाम परिवर्तन :- लैब टेक्नीशियन के पद का नाम मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट किया जाए।
2. वेतनमान का पुनः निर्धारण:- पूर्व के वर्षों में स्वास्थ्य विभाग के बहुत से कैडरों का वेतनमान, ग्रेड-पे में बदलाव किया गया ( अग्रवाल वेतन आयोग द्वारा लैब टेक्नीशियन को 2400 से 2800 दर्शाया गया जबकि 2800 ग्रेड पे पूर्व से ही प्राप्त हो रहा था परन्तु लैब टेक्नीशियन का ग्रेड-पे परिवर्तित नहीं किया गया. इस सम्बन्ध में कर्मचारी आयोग के साथ फरवरी 2020 में हुयी बैठक में भी अवगत करवाया गया था परन्तु आज दिनांक तक कोई निर्णय शासन द्वारा नहीं लिया गया है, अतः वेतनमान का पुनःनिर्धारण कर उसे परिवर्तित करते हुए ग्रेड पे 2800 से 4200 किया जाए
3. नियत समय पदोन्नति समय निर्धारित प्रमोशनल चौनल का निर्धारण किया जाना चाहिए जिसमे नियत समय में मेडिकल लैब टेक्नीशियन को प्रमोशन प्रदान किया जाए जो कि निम्नानुसार है:
1) मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट
2) टेक्निकल ऑफिसर
3) सीनियर टेक्निकल ऑफिसर (राजपत्रित)
4) चीफ टेक्नीकल ऑफिसर (राजपत्रित)
4. नियमित पदों की संख्या बढ़ाने एवं पूर्व से रिक्त पदों की भर्ती : प्रदेश में वर्तमान में नियमित लैब टेक्नीशियन की संख्या आवश्यकता के अनुसार बहुत कम है । समय के साथ पैथोलॉजी के कार्यक्रम व कार्य बढ़ते गए परन्तु नियमित लैब टेक्नीशियन के पदों की संख्या को नहीं बढ़ाया गया जिससे कार्य का अतिरिक्त बोझ, कार्य कर रहे लैब टेक्नीशियन पर बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में जो लैब टेक्नीशियन के पद स्वीकृत है यो बहुत पुराने नियमों के आधार पर किये गए थे चूंकि अब लैब में जांच का महत्व बहुत बढ़ चुका है साथ ही बहुत से हेल्थ प्रोग्राम का कार्य भी नियमित लैब टेक्नीशियन द्वारा लिया जा रहा है जिससे कार्य का अत्यधिक बोझ लैब टेक्नीशियन पर आ गया है जिससे कार्य की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है । अतः नियमित पदों को बढ़ाया जाए व बढ़े पदों को जल्द भरा जाए, साथ ही वर्तमान में रिक्त पदों को प्राथमिकता से जल्द भर्ती प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता व आवश्यक रूप से परीक्षा आयोजित कराकर जाए।
5 लैब टेक्नीशियन को आगे बढ़ने के अवसर : प्रदेश में लैब के उन्नयन हेतु पी. एच. सी. सी. एच.सी., सिविल अस्पताल, जिला चिकित्सालय इत्यादि स्थानों पर योग्य एवं अनुभवी मेडिकल लैब टेक्नीशियनों को सी.एच.ओ. के समान विभागीय प्रशिक्षण अथवा विभागीय परीक्षा के माध्यम से लैब साइंटिफिक ऑफिसर पद का सृजन करते हुए पद स्थापना की जाये जिससे मेडिकल लैब टेक्नीशियनों को आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त हो सके ।
6. लैब असिस्टेंट व लैब अटेंडेंट की नियुक्ति :- प्रत्येक लैब में लैब असिस्टेंट और लैब अटेंडेंट की समुचित नियुक्तियां की जाए ताकि लैब में कार्य सुचारू रूप से हो सके ।
7. डेथ क्लेम किसी भी मेडिकल लैब टेक्नीशियन की किसी भी कारण से होने वाले मृत्यु पर डेथ क्लेम राशि 50 लाख रुपये एवं कोविड संक्रमित या कोविड कार्य करते हुए मृत्यु होने पर 1 करोड़ रुपये की आर्थिक | सहायता एवं लैब टेक्नीशियन के परिवार के सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जाए ।
8. रिस्क अलाउंस :- मेडिकल लैब टेक्नीशियन संक्रमण के खतरे में सबसे ज्यादा संपर्क में रहता है, उसे टी. बी. एच.आई.व्ही., हेपेटाइटिस और कोविड सहित अन्य खतरनाक बीमारियों से संक्रमित होने का खतरा रहता है अतः लैब टेक्नीशियन को रिस्क अलाउंस या जोखिम भत्ता का प्रावधान किया जाए।
9. संविदा लैब टेक्नीशियनो का नियमितीकरण :- प्रदेश में कार्यरत नियमित पदों के विरुद्ध राज्य शासन के संविदा लैब टेक्नीशियन, केंद्र व राज्य की परियोजनाओं में कार्यरत समस्त संविदा लैब टेक्नीशियनो को बिना किसी परीक्षा लिए सीधे समायोजन कर नियमित किया जाए।
10. डेल्थ कार्ड मेडिकल लैब टेक्नीशियन का एम्प्लॉईस हेल्थ कार्ड 25 लाख रुपये तक का होना चाहिए जिससे आवश्यकता पड़ने पर आसानी से किसी भी प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज की सुविधा प्राप्त हो सके (CGHS के समान) ।
11. अतिरिक्त कार्य भत्ता :- रूटीन ड्यूटी के अतिरिक्त लिए जाने वाले कार्य हेतु अतिरिक्त कार्य भत्ता निर्धारित किया जाए।
12. नॉन प्रैक्टिस अलाउंस प्राइवेट प्रैक्टिस एवं लैब चलाने की अनुमति :- प्रदेश में कार्यरत मेडिकल लैब टेक्नीशियनो को नॉन प्रैक्टिस अलाउंस प्राइवेट प्रैक्टिस एवं लैब चलाने की अनुमति प्रदान की जाए।
13. लैब में कार्य समय और लक्ष्य की पुन: समीक्षा पर नई गाइडलाइन निर्धारित की जानी चाहिए ताकि लैब में अनावश्यक विवाद न हो और काम सुचारू रूप से चल सके, साथ ही गुणवत्ता के साथ कार्य हो 15. वर्ष 2019 में शासन द्वारा नए नियुक्त हो रहे नियमित लैब टेक्नीशियनों को प्रथम तीन वर्ष तक मूल वेतन का क्रमशः 70, 80, 90 प्रतिशत स्टायफण्ड देने की नीति लागू की गई थी जो कि पूर्णतः अनुचित है, नियुक्ति दिनांक से ही 100 प्रतिशत वेतन के साथ समस्त सुविधाएं व भत्ते प्रदान किये जाए । पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए ।
14. प्रदेश में लेब टेक्नीशियनो की भर्ती आउटसोर्स या अस्थाई रूप से नहीं करते हुए नियमित पदों पर भर्ती की जाए । आशा है कि उपरोक्त मांगों को पूर्ण करने हेतु जल्द से जल्द उचित कदम उठाने की कृपा करेंगे।
इस मौके पर समस्त शासकीय लैब टेक्नीशियन उपस्थित रहे।
राज्य कार्यकारिणी सदस्य अरुणेंद्र शेखर पांडे, रीवा मंडल आई/सी शिवशंकर तिवारी, रीवा जिला टीम सलाहकारों अशोक मिश्रा, जिला अध्यक्ष लालमणि साकेत, उपाध्यक्ष वीरेंद्र मिश्रा,जनरल सचिव श्रीकांत गुलेरिक, जिला सचिव दिनेश साकेत, अनीश दीपांकर, सह सचिव सतीश गुप्ता, मीडिया प्रभारी देवेश सोनी, कार्यकारी सदस्य सुनील मिश्रा, रामानंद पटेल , शिवपाल साकेत, कल्लन कुमार ,दीपिका टिकले, लवकेश कोरी, वीरेंद्र प्रजापति, मनीषा साकेत, ए.पी सिंह एवं समस्त शासकीय लैब टेक्नीशियन गण उपस्थित रहे।