पानी की समस्या को लेकर महिलाओं ने उप जिलापाल कार्यालय का घेराव किया
टिटिलागढ़।
टिटिलागढ़ उपमंडल में पानी की समस्या गंभीर हो गई है। प्रशासन न तो शहरी क्षेत्रों में पानी की समस्या का समाधान कर पाया है और न ही ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या का समाधान संभव हो पाया है। शहर सहित ग्रामीण अंचलों में भी पानी की समस्या से गुजर रहे है लोग । पानी की समस्या की समाधान के लिए कभी आंदोलन तो कभी कार्यालय की घेराबंदी, फिर भी कोई सफलता नहीं मिला है।
इसी तरह टिटिलागढ़ उपमंडल अंतर्गत बंधुपाला ग्राम पंचायत के चाहरभाटा और सिल पाड़ा क्षेत्र की महिलाओं ने पानी की समस्या को लेकर आज उप जिलापाल कार्यालय की घेराबंदी कर दी। महिलाएं विभिन्न मटका, बाल्टि और घड़ा को लेकर शहर से लगभग 5 किमी दूर गांव से पैदल चलकर उप जिलापाल के कार्यालय पहुंचे थे। बंदुपाला ग्राम पंचायत के चाहरभाटा और सिल पाड़ा क्षेत्र पहाड़ियों पर स्थित हैं, इसलिए वहां कोई ट्यूबवेल नहीं लगाया जा सकता है। पहाड़ी पर कुआं खोदना भी संभव नहीं है।
कई शिकायतों के बाद, गर्मी में केवल 15 दिनों के लिए हर तीन दिन या चार दिन में एक बार पानी की टंकी के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाती थी। वे इसे घर पर अलग-अलग तरीकों से संचित करते थे। तब महिलाओं ने शिकायत की कि वे अपने घर से करीब 3 किमी दूर जाकर पानी ला रही हैं। मरम्मत कार्य के लिए गांव के तालाबों से भी पानी निकाला गया है। जिस वजह से नहाने के लिए भी पानी की समस्या होना उन्होंने शिकायत किए है।
महिलाओं ने उप जिलापाल, सरपंच और विधायक से शिकायत करने के बाद भी पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ है। आज करीब 5 किमी दूर से छोटे-छोटे बच्चों को लेकर महिलाएं घड़ा बाल्टी लेकर टिटिलागढ़ अप जिलापाल के कार्यालय पहुंचे। वहां उप जिलापाल से नहीं मिलने पर नगर निगम कार्यालय पहुंचे। वहां कार्यालय में महिलाओं ने उपजिलापल से शिकायत की। उप जिलापाल ने कहा कि उन्हें समस्या की जानकारी नहीं थी। उन्होंने महिलाओं से कहा कि बॉदुपाला गांव के विभिन्न हिस्सों में मेगा सिंचाई परियोजना अभी निर्माणाधीन है और अगली परियोजना में लगभग छह महीने की देरी होगी। इसलिए उन्होंने कल से प्रतिदिन टंकी के माध्यम से पानी की आपूर्ति करने का वादा किया। उप जिलापाल से वादा पाकर महिलाएं अपने गांव लौट गईं।