साकार हुई रामराज्य की कल्पना
राम राज्य में प्रेम है, सहयोग है, अथिति सत्कार है, जाति भेद नही है, ईर्ष्या नही है, कोई भूखा नही सोता, कोई वस्त्र विहीन नही है। ये सब साकार हुए हैं तीर्थराज प्रयाग में लगे एक माह के कुम्भ में।
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एक माह की जो ये धर्मनगरी बसती है इसमें वो सब है जो एक अच्छे समाज के लिए आवश्यक है। यहाँ एक-दूसरे के लिए भरपूर प्रेम है। अथिति सत्कार है, आप किसी के भी शिविर में चले जाए आपका सहर्ष स्वागत किया जाएगा, यथाशक्ति जल-पान की व्यवस्था की जाएगी।
भोजन के समय कोई भी किसी के भी यहाँ भोजन ले सकता है। जिसके पास कपड़ा नही है उसे कपड़ा मिल जाता है। यहाँ कोई किसी से ईर्ष्या नही करता, जाति का भेद यहाँ समाप्त हो जाता है। इस माह में जो जीवनशैली लोग अपनाते हैं यही जीवनशैली वर्ष भर अपना लें तो समाज में रामराज्य स्थापित होने से कोई नही रोक सकता। ये एक माह का कुम्भ मेला रामराज्य की बानगी है कि रामराज्य कितना सुंदर है।
शशीधर चौबे
भदोही, उत्तर प्रदेश