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ध्वस्त होने के कगार है पर "मेटन पुल सड़क मार्ग," ग्रामीणों ने की दुरुस्त करने की मांग
अररिया प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत झमटा पंचायत स्थित मेटन गांव मार्ग पर बना पुल के बगल से हर वर्ष सैलाब में कटान होता है जिससे राहगीरों को आवाजाही में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों व प्रशासन की अनदेखी के कारण आज तक पुल के ध्वस्त होने वाले जगह का सही तरह से पिचिंग कार्य नहीं किया गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि तेज़ धार से हर वर्ष यह रास्ता कटता है और लोगों का आवागमन बाधित होता है।
ज़िम्मेदारों द्वारा केवल कुछ ट्रेक्टर मिट्टी डालकर खानापूर्ति कर ली जाती है। अगर सही तरीके से लगातार कटान होने वाली जगह का मजबूत पिचिंग कार्य कर मरम्मत किया जाता तो प्रतिवर्ष ऐसी स्थिति नहीं बनती।
मेटन पुल होकर आसपास के दर्जन भर गांवों के लोग प्रतिदिन आवागमन करते हैं। खासकर झमटा और मेटन के लोगों को प्रखंड मुख्यालय व जिला मुख्यालय जाने के लिए यही मुख्य सड़क है। सरकार द्वारा लाखों रुपये सड़क निर्माण में खर्च करने के वावजूद ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।सैलाब के समय लोगों को आवागमन के लिए ध्वस्त सड़क-पुल पर जान जोखिम में डालकर पार करना पड़ता है।
ग्रामीणों का कहना है कि दर्जनों बार विधायक और सांसद से मेटन में नए स्तर से पुल निर्माण या मजबुती से कटान को रोकने के लिए बेहतरीन तरीके से पिचिंग का गुहार लगाया गया लेकिन आज तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की जा सकी। केवल भरोसा दिया जाता है। मौलाना नियाज़ अहमद,मो लुकमान,शादान आलम,मो मक्तुर अली आदि ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि अगर समय पर नया पुल या मजबूत तरीके से कटान का पिचिंग नहीं हुआ तो हम लोग जनांदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।