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​​प्रत्येक वर्ष 31 मई को मनाया जाता है 'नो टोबैको डे' यानी 'विश्व तंबाकू निषेध दिवस'

​​प्रत्येक वर्ष 31 मई को 'नो टोबैको डे' यानी 'विश्व तंबाकू निषेध दिवस' मनाया जाता है।

इस वर्ष की थीम - “छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध।” 
ये अभियान लोगों को स्वस्थ जीवन के लिए तंबाकू छोड़ने हेतु प्रोत्साहित करता है।

लोगों को इसके हानिकारक प्रभावों को समझाने के लिए WHO के जरिए जागरूकता पैदा करने के लिए कई प्रदर्शनियों और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है । 

इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को तंबाकू से सेहत (Health) को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक (Aware) करना है।


इस दिन की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के द्वारा इसलिए की गई ताकि लोगों को तंबाकू का सेवन करने के कारण होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जा सके।

तंबाकू में पाए जाने वाला मुख्य रसायन निकोटीन है जो अत्यधिक नशीला रसायन है ।
लगातार तंबाकू के प्रयोग से मनुष्य के शरीर का लगभग प्रत्येक प्रमुख अंग प्रभावित होता है। जिस कारण उसके उपयोग करने वाले की मौत हो सकती है।

भारत दुनिया में तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादक देश है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (ICMR) के आंकड़ों के तहत, भारत में सभी तरह के कैंसरों में तंबाकू का योगदान तकरीबन 30 फीसदी है।

तंबाकू के उपयोग से होने वाली बीमारियाँ

• महिलाओं में प्रजनन संबंधी प्रभाव

• फेफड़ों का कैंसर

• हृदय की बीमारी
• आघात (स्ट्रोक)
• समय से पहले, जन्म लेने वाले कम वज़न के बच्चे
• दमा इत्यादि।

आज 31 मई, रात 9 बजे इस मुद्दे पर विशेष चर्चा करने आ रहे हैं उत्कर्ष क्लासेस के सीईओ & फाउंडर निर्मल गहलोत सर, युवाओं के प्रेरणास्रोत कुमार  गौरव सर तथा डॉ. राज कुमार 
(माननीय निदेशक वल्लभ भाई पटेल इंस्टीट्यूट, दिल्ली) ।

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