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हार नहीं मानेंगे


पढ़ते पढ़ते थक जाओ फिर भी दोस्त, तू हार नहीं मानना,
मंज़िल खुद चलकर आएगी—तू हार नहीं मानना !

रात भले काली हो, तारे टूटें लाखों,
सुबह नया सूरज कहता है—तू हार नहीं मानना !

गिरना भी है ज़रूरी, रुकना ग़लत है,
गिरकर फिर उठता जो जाए—वो हार नहीं मानना !

जीवन में कितना भी कष्ट झेलना पड़े, कभी हार नहीं मानना !
ना कभी उम्मीद और हिम्मत टूटने देना,
तू कभी हार नहीं मानना !

संघर्ष ही जीवन का दूसरा नाम है,
जीवन और संघर्ष दोनों ही अनवरत रूप से चलते रहते है,
तू कभी हार नहीं मानना !

लोग कहेंगे “मुमकिन क्या है?” “कहाँ मिलेगा काम?”
तू बस इतना याद ही रखना—तू हार नहीं मानना !

हौसले को थकने न देना, मेहनत कर लगातार,
आज जो जलता दीपक है—कल घर-आँगन बन जाएगा.

जो खुद पे विश्वास रखे, दुनिया झुकती देखी है,
बस इतना समझ ले दोस्त—तू हार नहीं मानना !

🙏🌹🙏

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