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कार्बी आंगलोंग में अंधविश्वास का तांडव: डायन बताकर दंपति को जिंदा जलाया, पुलिस ने शुरू की व्यापक जांच


असम के करबी आंगलोंग ज़िले में अंधविश्वास और भीड़ की हिंसा का एक अत्यंत भयावह और शर्मनाक मामला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। करबी आंगलोंग के हावड़ाघाट क्षेत्र अंतर्गत नंबर-1 बेलोगुरी मुंडा गांव में ग्रामीणों के एक समूह ने कथित रूप से डायन-प्रथा के संदेह में एक दंपति की बेरहमी से हत्या कर दी। यह दिल दहला देने वाली घटना 30 दिसंबर की रात की बताई जा रही है, जबकि इसकी पुष्टि पुलिस ने 31 दिसंबर को की। पुलिस के अनुसार, गांव के कुछ लोगों ने पहले दंपति के घर में घुसकर उन पर धारदार हथियारों से हमला किया, जिसके बाद पूरे घर में आग लगा दी गई। आग की लपटों में घिरने के कारण दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान 43 वर्षीय गार्दी बिरोवा और उनकी 33 वर्षीय पत्नी मीरा बिरोवा के रूप में हुई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ग्रामीणों ने दंपति पर डायन-विद्या करने और गांव में कथित रूप से दुर्भाग्य फैलाने का आरोप लगाया था, जिसके चलते यह बर्बर हिंसा हुई।घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में हत्या और आगजनी की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है तथा आरोपियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए बड़े पैमाने पर छापेमारी की जा रही है। पुलिस ने इसे अंधविश्वास से प्रेरित भीड़ हिंसा का गंभीर मामला बताते हुए कहा है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इस जघन्य घटना ने एक बार फिर समाज में फैले अंधविश्वास, डायन-प्रथा और भीड़ के हाथों कानून को अपने हाथ में लेने की खतरनाक प्रवृत्ति को उजागर किया है। सामाजिक संगठनों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों को कठोरतम सजा देने की मांग की है। साथ ही, राज्य में अंधविश्वास उन्मूलन के लिए जागरूकता अभियानों को और तेज़ करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष और गंभीरता से जांच की जाएगी तथा भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था बल्कि मानवता पर भी एक गहरा आघात मानी जा रही है।

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