
चालबाज़ अमेरिका
एक कहावत है की " सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे ". ये बात अमेरिका ने सिद्ध कर दी . बांग्लादेश के लोगों को आपस में लड़वा दिया ।
बांग्लादेशियों को इस बात से खुशी मिल गयी की लूट मार कर के सामान उठा कर घर ले गए . अमेरिका को पता था कि बांग्लादेशी भूखे नंगे हैं और उनको उन्ही के देश में एक दुसरे को लूट मार करने में शर्म नहीं आएगी. पर अमेरिका को ये समझ नहीं आ रहा कि जो देश खुद अपनों का ही नहीं है तो वो अमेरिका का क्या होगा. चीन उस को जीने नहीं देगा , रूस कोल्ड वॉर और अफ़ग़ानिस्तान में पराजय का बदला लेगा ही ।
भारत चीन बांग्लादेश को कोई सहायता करेगा नहीं और पकिस्तान वैसे ही भूखा नंगा देश है . अब हालात ऐसे खड़े हो जाएंगे कि बांग्लादेशी रोटी के लिए दर दर की ठोकर खाएंगे, चीन खाना पीना देगा नहीं और इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने देगा नहीं साउथ चीन समुन्दर पर अमेरिका का नज़र रखना चीन को गवारा नहीं होगा ।
भारत कोई सहायता करेगा नहीं और जो सपना अमेरिका ने देखा है की एशिया में अपनी ईसाइयों को बसाएगा उनकी भी ज़िंदगी बांग्लादेशियों ,चीन , रूस , भारत के रहमों करम पर छोड़ देगा और क्योंकि बांग्लादेशियों की हालत भिखारियों की वैसे ही है अब उस से भी बत्तर हो जाएंगी और ईसाइयों को लूट कर खाएंगे आतंकवाद चरम पर पहुंचेगा ।
नार्थ कोरिया रूस चुप बैठेंगे नहीं और भारत के लिए सबसे अच्च्छी बात ये होगी की ममता बनर्जी बेहाल हो जाएंगी. बांग्लादेशी भारत में घुस नहीं पाएंगे ।
भारत के लोगों को अब भी समझ जाना चाहिए की हिन्दू लोगों को एक जुट हो कर सीखना चाहिए ।