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रेलवे धीरे-धीरे ट्रेन में या स्टेशन पर यात्रियों को परोसे जाने वाले खाने-पीने की सामग्री की जिम्मेदारी से खुद को अलग करने की

रेलवे धीरे-धीरे ट्रेन में या स्टेशन पर यात्रियों को परोसे जाने वाले खाने-पीने की सामग्री की जिम्मेदारी से खुद को अलग करने की कवायद करने की शुरुआत कर दी है। दरअसल, परोक्ष रूप से रेलवे में खाने पीने की व्यवस्था बाजार के हवाले की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बता दें कि रेलवे आईआरसीटीसी ने बेस किचन बंद कर क्लस्टर किचन चलाना शुरू कर दिया है। प्रतिस्पर्धा के नाम पर क्लाउड किचन के जरिए खाना ऑर्डर करने का विकल्प यात्रियों को दिया गया है। इसमें खाने की गुणवत्ता की जिम्मेदारी अब रेलवे की नहीं होगी। गौरतलब है कि रेलवे में खान-पान की व्यवस्था के लिए इंडियन कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) की जिम्मेदारी है। बता दें कि कच्चा सामान आईआरसीटीसी मार्केट से खरीदती थी। इसके बाद बेस किचन से खाना तैयार होता था। इस खाने के लिए आईआरसीटीसी किसी निजी कंपनी को ठेका देती थी। अब बेस किचन बंद कर कल्सटर किचन शुरू हो रहा है। रेलवे प्रवक्ता दिलीप कुमार के अनुसार, जो कंपनियां खाना परोसने का काम करती हैं। वही क्लस्टर किचन में खाना तैयार करेंगी। इस दौरान खाना को हाइजिनीक रूप से तैयार किया जाए इसकी देखरेख रेलवे के लोग करेंगे। बता दें कि अभी तक खाना रेलवे के विभिन्न ट्रेनों में परोसने के लिए किचन में बनता था

Pattarkar Aamir Khan
Aima media

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