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किसानों की आय बढ़ाने में दुग्ध उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका ...

किसानों की आय बढ़ाने में दुग्ध उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका...

आज मप्र स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन एवं एनडीडीबी के मध्य हुए समझौते के अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक में पीपीपी मॉडल पर दुग्ध उत्पादन गतिविधियों के विस्तार के निर्देश दिए।

सांची ब्राण्ड का विस्तार करने, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में डेयरी टेक्नोलॉजी का प्रशिक्षण एवं पाठ्यक्रम प्रारंभ करने, दुग्ध संकलन व्यवस्था की नियमित निगरानी, खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता तथा दुग्ध उत्पादकों को समय-सीमा में भुगतान सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।

अब तक 1,241 नई दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया गया है और 635 निष्क्रिय समितियों को पुनः क्रियाशील बनाया गया है। सम्पूर्ण डेयरी वैल्यू चैन के डिजिटलीकरण हेतु भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, बुंदेलखंड एवं जबलपुर दुग्ध संघों में सॉफ्टवेयर क्रियान्वित किया गया है। साथ ही, इंदौर दुग्ध संघ द्वारा दुग्ध संकलन के लिए मोबाइल ऐप लागू किया गया है, जिससे दूध की मात्रा, गुणवत्ता और मूल्य की जानकारी तत्काल प्राप्त हो रही है।

वर्ष 2029-30 तक 26 हजार गांवों तक डेयरी सहकारी कवरेज विस्तार, प्रतिदिन 35 लाख लीटर दुग्ध विक्रय और 63.3 लाख लीटर प्रतिदिन प्रसंस्करण क्षमता का लक्ष्य लेकर गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

पिछले 2 वर्ष से बंद शिवपुरी डेयरी संयंत्र को प्रारंभ करने के लिए प्रक्रिया आरंभ की गई है। जबलपुर में स्थापित 10 मीट्रिक टन क्षमता के पनीर प्लांट को पुन: आरंभ करने के लिए 5 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इंदौर में स्थापित 30 मीट्रिक टन क्षमता का दुग्ध पाउडर संयंत्र प्रारंभ किया गया है। इसके माध्यम से 3 लाख लीटर दूध का प्रतिदिन प्रसंस्करण किया जा रहा है। ग्वालियर डेयरी संयंत्र के सुदृढ़ीकरण की प्रक्रिया भी आरंभ की गई है।

Hemant Khandelwal

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