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राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने संथाली गीत गाकर लोगों को किया आत्मविभोर, जाहेर स्थल में की पूजा

जमशेदपुर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओलचिकी लिपि के शताब्दी समारोह में संथार्ल भाषा में गीत गाकर सभी को आत्मविभोर कर दिया. उनकी मधूर आवाज में "जोहार" शब्द के साथ शुरू हुआ संबोधन वहां उपस्थिति लोगों का दिल जीतने में कोर्ड कोर-कसर नहीं छोडी
सीएम हेमंत सोरेन बड़ी तन्मयता से साथ राष्ट्रपत के गीत को सना और ताली बजाकर उनक अभिनंदन भी किया. इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपर्द मुर्मू जमशेदपुर में जाहेर थान में पूजा-अर्चना की इस दौरान राज्यपाल संतोष कमार गंगवार और मख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी उनके साथ थे (1)राष्ट्रपति ने यूवा पीढ़ी से अपनी मातभाषा को अक्षण रखने की अपील की
(2) पंडित रघनाथ मुर्ू् को याद करते हुए उनके योगदान को सराहा गया
(3) कार्यक्रम में ओलचिकी भाषा को आग बढाने वाले 11 लोगों को सम्मानित किया गया राज्यपाल ने डसे जनजातीय समाज की भाषा, संस्कति और अस्मिता का सजीव उत्सव बताया.

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