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बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ मुखर हुईं युवा सामाजिक कार्यकर्ता डॉली भारद्वाज, अखिलेश और राहुल गांधी की चुप्पी पर उठाए सवाल

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे कथित अत्याचारों को लेकर देश में लगातार चिंता और आक्रोश देखने को मिल रहा है। इसी मुद्दे पर युवा सामाजिक कार्यकर्ता और जानी-मानी युवानेत्री डॉली भारद्वाज ने खुलकर अपनी बात रखते हुए इसे गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन करार दिया है। डॉली भारद्वाज ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही घटनाएं केवल एक देश तक सीमित मामला नहीं हैं, बल्कि यह मानवता, धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यक अधिकारों से जुड़ा एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है।

डॉली भारद्वाज ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हिंदू समाज को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। मंदिरों पर हमले, धार्मिक प्रतीकों को नुकसान पहुँचाना, हिंदू परिवारों को डराने-धमकाने और हिंसा की घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में भारत के प्रमुख राजनीतिक दलों और नेताओं को स्पष्ट और मजबूत रुख अपनाना चाहिए।

इस दौरान डॉली भारद्वाज ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जो नेता अक्सर खुद को धर्मनिरपेक्षता और मानवाधिकारों का पक्षधर बताते हैं, उनका इस संवेदनशील मुद्दे पर मौन रहना समझ से परे है। डॉली भारद्वाज ने कहा कि मानवाधिकार किसी एक धर्म या वर्ग तक सीमित नहीं होते, बल्कि जहां भी अन्याय हो, वहां आवाज़ उठाना हर जिम्मेदार नागरिक और नेता का कर्तव्य है।

उन्होंने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा हिंदुओं के साथ हो रहे अन्याय पर आवाज़ उठाने को सही ठहराते हुए कहा कि वैचारिक मतभेद अलग हो सकते हैं, लेकिन जब कोई नेता गलत के खिलाफ खड़ा होता है तो उसका समर्थन किया जाना चाहिए। डॉली भारद्वाज ने केंद्र सरकार से भी मांग की कि वह कूटनीतिक स्तर पर बांग्लादेश सरकार से बात कर वहां रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कराए। उनका यह बयान सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

लेख: ऋषभ पराशर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, AIMA मीडिया युवा प्रकोष्ठ

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