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मध्यप्रदेश मौसम अपडेट

♦️💠 मध्यप्रदेश मौसम अपडेट

♦️Winds Project: मजबूत होगा मौसम विभाग का नेटवर्क,किसान करेंगे पल-पल की प्लानिंग,वैज्ञानिक बोले-मिलेगी बड़ी राहत

💠मध्यप्रदेश में ‘विंड्स’ (Weather Information Network and Data System) परियोजना लागू होने से हर तहसील और पंचायत स्तर पर मौसम की सटीक जानकारी मिलेगी। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार इससे किसानों को सही समय पर पूर्वानुमान मिलेगा और बीमा दावों की दिक्कतें खत्म होंगी। पंचायत से दिल्ली तक मौसम डेटा डिजिटल रूप से साझा किया जाएगा।

♦️मध्यप्रदेश के किसानों के लिए मौसम अब सिर्फ अनुमान नहीं, बल्कि सटीक आंकड़ों पर आधारित जानकारी बनेगा। राज्य सरकार ने ‘विंड्स’ (Weather Information Network and Data System) परियोजना को मंजूरी देकर खेती, फसल बीमा और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में बड़ा बदलाव करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इस नई व्यवस्था से किसान खेत में काम शुरू करने से पहले मौसम की पल-पल की स्थिति जान सकेंगे। मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया कि यह परियोजना किसानों के साथ-साथ मौसम विभाग के लिए भी बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि अभी मौसम विभाग को सीमित इलाकों से ही जानकारी मिल पाती है, जिस कारण हर क्षेत्र की सटीक स्थिति बताना संभव नहीं हो पाता। स्वचालित मौसम केंद्र शुरू होने से हमारा नेटवर्क मजबूत होगा। हमारी पहुंच जिला से आगे बढ़कर सीधे पंचायत स्तर तक हो जाएगी। इससे किसानों और आम लोगों को उनके ही क्षेत्र की सही जानकारी दी जा सकेगी। कई बार किसानों की शिकायत रहती है कि उनके गांव या खेत के हिसाब से मौसम का पूर्वानुमान नहीं मिलता। विंड्स लागू होने के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी।

♦️55 जिले, लेकिन अभी सिर्फ 30 से मिलती है जानकारी

💠मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया कि प्रदेश में 55 जिले हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 30 जिलों के मुख्यालयों से ही मौसम डेटा उपलब्ध होता है। इसी आधार पर पूरे प्रदेश का पूर्वानुमान तैयार किया जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मजबूरी अब खत्म होने जा रही है। विंड्स नेटवर्क के जरिए हर इलाके की स्थानीय स्थिति सामने आएगी, जिससे मौसम विभाग ज्यादा सटीक और भरोसेमंद जानकारी दे सकेगा।

♦️किसानों के फैसलों में होगी बड़ी मदद

💠वीएस यादव ने कहा कि मौसम की जानकारी किसानों के लिए सबसे निर्णायक होती है। अगर किसान बुवाई करे और अगले दिन बारिश हो जाए, तो उसे भारी नुकसान उठाना पड़ता है। यदि पहले से जानकारी मिल जाए कि बारिश आने वाली है, तो किसान अपनी योजना बदल सकता है, उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया के दौर में जानकारी तेजी से फैलती है और विंड्स शुरू होने के बाद सही सूचना सही समय पर किसानों तक पहुंचेगी।

♦️कैबिनेट से मिली मंजूरी, हर तहसील-हर पंचायत में उपकरण

💠मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में विंड्स परियोजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत हर तहसील में स्वचालित मौसम केंद्र लगाए जाएंगे। हर ग्राम पंचायत में ऑटोमेटिक रेन गेज स्थापित होंगे। इन उपकरणों से बारिश, तापमान, नमी और हवा की गति का सटीक रिकॉर्ड तैयार होगा।

♦️बीमा विवाद होंगे खत्म

विंड्स प्रणाली प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में भी अहम भूमिका निभाएगी। अब तक कई मामलों में तहसील स्तर पर बारिश दर्ज होने के बावजूद पंचायत स्तर पर नुकसान का प्रमाण नहीं होने से किसानों को बीमा लाभ नहीं मिल पाता था।
नई व्यवस्था से पंचायत स्तर का वास्तविक डेटा उपलब्ध रहेगा, जिससे बीमा दावों का निपटारा तेजी और पारदर्शिता से होगा।

♦️पंचायत से दिल्ली तक जुड़ेगा मौसम डेटा

💠इस परियोजना के तहत पूरा मौसम डेटा एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध रहेगा। पंचायत से जानकारी तहसील पहुंचेगी, वहां से भोपाल मुख्यालय और फिर सीधे केंद्र सरकार के दिल्ली मुख्यालय तक साझा की जाएगी। इससे कृषि योजनाओं और आपदा प्रबंधन में भी बड़ा बदलाव आएगा।

♦️5 साल में पूरा होगा नेटवर्क, 434 करोड़ का प्रोजेक्ट

💠विंड्स परियोजना को अगले पांच वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस पर करीब 434 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जिस में राज्य सरकार 147 करोड़ रुपये और शेष राशि केंद्र सरकार देगी।

💠इस प्रणाली से एक क्लिक पर मौसम का पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध होगा। इसके आधार पर न सिर्फ फसल बीमा के भुगतान तेज होंगे, बल्कि सरकार भविष्य की कृषि नीतियां और आपदा से निपटने की रणनीति भी बेहतर ढंग से बना सकेगी।
भारत मौसम समाचार केन्द्र

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