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चाइनीज मंझे के निर्माण और बेचने पर प्रीतिबंद

झालावाड़ 27 दिसंबर l जिला मजिस्ट्रेट अजय सिंह राठौर ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 मे निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुवे लोक स्वास्थ्य व विधुत संचालन बधा रहित बनाय रखने एवं पक्षियों के लिए बड़े पैमाने पर खतरा बन चुके धातु निर्मित मंझे पतंग उड़ाना, इस फसल उत्सव वाली एक सदियों पुरानी परंपरा है, लेकिन दुर्भाग्य से सिंथेटिक, कांच-लेपित "चीनी मांझा" के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के कारण यह परंपरा धूमिल हो गई है।  हर साल जनवरी के मध्य में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार नई शुरुआत, समृद्धि और कृतज्ञता का प्रतीक है। इस साल, यह अवसर मंगलवार, 14 जनवरी को पड़ रहा है और इसे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है
चीनी मांझा क्यों है हानिकारक?
हर साल हजारों पक्षी चीनी मांझे की चपेट में आते हैं। यह नुकीला, नष्ट होने वाला नहीं होता है और इसमें पिसे हुए कांच की परत होती है, जिससे पक्षियों को उड़ान के दौरान घातक चोट लग जाती है।
चीनी मांझा से खतरा केवल जानवरों तक ही सीमित नहीं है। कांच से ढके धागे इंसानों को गंभीर तरीके से घायल करते हैं और यहां तक कि उनकी मौत भी हो जाती है। मोटरसाइकिल सवार, जो पतंग की निचली लटकी हुई डोर से अनजान होते हैं, अक्सर जानलेवा कट का शिकार हो जाते हैं।
नुकसान से बचने के लिए प्रातः 6से 8 बजे तक शाम 5 से 7 बजे तक की समय अवधि मे पतंगबाज़ी पर भी प्रीतिबंद रहेगा
यह आदेश 31 जनवरी 2026 तक प्रभावी रहेगा निषेधाज्ञा की अवहेलना या उलंघन पाय जाने पर कार्यवाही होंगी l
न्यूज़,मोहम्मद इमरान झालावाड़

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