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कर्नाटक की पहल का असर: महाराष्ट्र में महिला शिक्षिकाओं के लिए पीरियड लीव की मांग

कर्नाटक सरकार ने महिला कर्मचारियों के लिए मासिक धर्म अवकाश का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसके बाद अब महाराष्ट्र की महिला शिक्षिकाओं ने भी इस अधिकार के लिए राज्य सरकार से जोरदार मांग शुरू कर दी है।
मुंबई: मासिक धर्म के दौरान होने वाली शारीरिक और मानसिक परेशानी को देखते हुए उस समय महिलाओं को छुट्टी दी जाए, ऐसी मांग महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की है। संगठन ने कहा है कि आर्थिक रूप से सक्षम राज्य में महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता न होना महिलाओं का अपमान है।
कर्नाटक सरकार ने महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए महिला कर्मचारियों को मासिक धर्म के दौरान छुट्टी का अधिकार देने का फैसला लिया है। इस फैसले से कर्नाटक देश का पहला राज्य बना है, जिसने इस तरह की व्यापक नीति लागू की है। इसके विपरीत महाराष्ट्र में यह विषय अभी केवल चर्चा तक ही सीमित है, ऐसी आलोचना शिक्षक परिषद ने की है।
इस संबंध में परिषद ने मुख्यमंत्री के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री अजित पवार, एकनाथ शिंदे, शिक्षा मंत्री दादा भुसे और स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री पंकज भोयर को पत्र भेजा है।
पत्र में कहा गया है कि महाराष्ट्र देश के सबसे समृद्ध राज्यों में शामिल होने के बावजूद महिलाओं के स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील विषय पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। मासिक धर्म के समय महिलाओं को शारीरिक और मानसिक कष्ट झेलना पड़ता है, इसलिए उस अवधि में छुट्टी देकर महिलाओं का सम्मान किया जाना चाहिए—यही महिला शिक्षिकाओं और महिला कर्मचारियों की प्रमुख मांग है।

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