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राजसमंद डेयरी टेंडर में गडबड़ी पर एमडी को कारण बताओ नाेटिस, 7 दिन का अल्टीमेटम और टेंडर पर रोक।

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डेयरी टेंडर में गडबड़ी पर एमडी को कारण बताओ नाेटिस,
7 दिन का अल्टीमेटम और टेंडर पर रोक।



राजसमंद। राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ने राजसमंद जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ में चल रही टेंडर प्रक्रियाओं में बड़ी अनियमितताओं को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। फेडरेशन ने राजसमंद डेयरी के प्रबंध संचालक (एमडी) अनिल कुमार बराला को कारण बताओ नोटिस जारी कर हडक़ंप मचा दिया है।

यह है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार राजसमंद डेयरी अध्यक्ष की शिकायत पर आरसीडीएफ के वित्तीय सलाहकार द्वारा एक गोपनीय जांच की गई थी। जांच की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

नियमों की धज्जियां व क्रेट वाशिंग, मिल्क पैकिंग, सॉर्टिंग और लोडिंग के लिए जो ऑनलाइन टेंडर निकाले गए थे, उनमें आरटीपीपी एक्ट 2013 के नियमों का उल्लंघन पाया गया है।
मनमानी शर्तें-
आरोप है कि टेंडर में ऐसी शर्तें जोड़ी गईं जो पारदर्शिता के अभाव को दर्शाती हैं और किसी विशेष पक्ष को फायदा पहुँचाने की ओर इशारा करती हैं।
पारदर्शिता गायब-
जांच में पाया गया कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता की भारी कमी थी, जो सरकारी खरीद नियमों के विरुद्ध है।

7 दिन का अल्टीमेटम और टेंडर पर रोक
आरसीडीएफ के महाप्रबंधक कार्मिक एवं प्रशासन द्वारा जारी इस नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि प्रबंध संचालक को 7 दिनों के भीतर अपना लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

सबसे बड़ा कदम - आगामी आदेशों तक उक्त टेंडर प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने के निर्देश दिए गए हैं।

डेयरी महकमे में मचा हडक़ंप
आरसीडीएफ मुख्यालय की इस सख्त कार्रवाई से डेयरी महकमे में खलबली मच गई है। भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद के आरोपों के बीच अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रबंध संचालक इस पर क्या सफाई पेश करते हैं। फिलहालए टेंडर पर रोक लगने से काम काज प्रभावित होने की भी आशंका है, लेकिन पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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