
हेरिटेज महोत्सव मे मची धूम।
हरियाणा,हांसी के उपमंडल नारनौंद के गांव राखीगढी मे चल रहे तीन दिवसीय राखीगढ़ी महोत्सव के दूसरे दिन का कार्यक्रम ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियों से भरपूर रहा। इस अवसर पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अलका सरीन ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायाधीश अलका मलिक ने की। कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डी.एन. भारद्वाज, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. गगनदीप मित्तल, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंगलेश चौबे, एसडीएम विकास यादव, बरवाला उपमंडल के एसडीएम वेद प्रकाश बेनीवाल सहित अनेक प्रशासनिक व न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि न्यायाधीश अलका सरीन ने महोत्सव स्थल पर विभिन्न विभागों एवं स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी स्टालों का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से संवाद करते हुए उनके द्वारा घरों में तैयार किए गए उत्पादों की जानकारी ली और उनकी मेहनत व आत्मनिर्भरता की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे मंच ग्रामीण महिलाओं की प्रतिभा को पहचान दिलाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके पश्चात मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम स्थल पर बनाए गए कृत्रिम पुरातात्विक साइट पर प्रतीकात्मक उत्खनन गतिविधि में भाग लिया और प्राचीन सभ्यता की वैज्ञानिक खोज प्रक्रिया को नजदीक से देखा। इस दौरान उन्होंने अपने हाथों से मिट्टी का बर्तन भी बनाया। मुख्य मंच पर विभिन्न विद्यालयों की टीमों द्वारा प्रस्तुत की जा रही सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को भी न्यायाधीश अलका सरीन ने ध्यानपूर्वक देखा। उन्होंने बच्चों की प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया और बच्चों के साथ फोटो खिंचवाए। इस दौरान बच्चों में खासा उत्साह देखने को मिला और उन्होंने मुख्य अतिथि के साथ सेल्फी भी ली। महोत्सव के दौरान न्यायाधीश अलका सरीन ने राखीगढ़ी स्थित हड़प्पा कालीन पुरातात्विक स्थलों टीला नंबर एक व तीन का भी दौरा किया। उन्होंने उत्खनन के दौरान प्राप्त कच्ची ईंटों की इमारतों, पक्की ईंटों का कुआं तथा अन्य ऐतिहासिक अवशेषों का अवलोकन किया। इस अवसर पर पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अधिकारियों ने मुख्य अतिथि को जानकारी देते हुए बताया कि राखीगढ़ी में उत्खनन के दौरान अब तक हड़प्पा काल से पूर्व, हड़प्पा काल तथा हड़प्पा काल के बाद की सभ्यताओं के महत्वपूर्ण प्रमाण प्राप्त हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यहां खेल स्टेडियम अथवा थिएटर जैसी संरचनाओं के संकेत मिल रहे हैं, हालांकि उत्खनन का कार्य पूर्ण होने के बाद ही स्पष्ट निष्कर्ष सामने आ