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CHC जालौन की जाँच पर सवाल, पुनः जाँच और 18 साल से जमे फार्मासिस्ट के ट्रांसफर की मांग

जालौन। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) जालौन में हुए कथित अनियमितताओं की जाँच को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। मामले में की गई विभागीय जाँच को तथ्यों के विपरीत बताते हुए पुनः निष्पक्ष जाँच की मांग की गई है। इस संबंध में पत्रकार हुसैन अली ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को प्रार्थना पत्र भेजकर गंभीर आरोप लगाए हैं।

पत्र में कहा गया है कि CHC जालौन से जुड़े प्रकरण में जिन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा जाँच की गई, उनकी आख्या वास्तविक तथ्यों से मेल नहीं खाती। जाँच के दौरान कई अहम बिंदुओं की अनदेखी की गई, जिससे पूरे मामले की सच्चाई सामने नहीं आ सकी। इससे जाँच की निष्पक्षता पर भी प्रश्नचिह्न लग रहा है।

पत्र में यह मांग भी उठाई गई है कि वर्तमान अधीक्षक डॉ. कपिल गुप्ता की CHC जालौन में नियुक्ति से पूर्व की पोस्टिंग का पूरा विवरण अभिलेखों में स्पष्ट किया जाए, ताकि जाँच प्रक्रिया की पारदर्शिता बनी रहे।

वहीं, सबसे गंभीर आरोप यह है कि CHC जालौन में एक फार्मासिस्ट पिछले 18 वर्षों से एक ही स्थान पर तैनात है। स्वयं जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) द्वारा यह बात स्वीकार की गई है। जबकि शासन के स्थानांतरण नियमों के अनुसार इतने लंबे समय तक एक ही स्थान पर तैनाती नियम विरुद्ध मानी जाती है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि संबंधित फार्मासिस्ट किसकी मेहरबानी से वर्षों से एक ही जगह जमे हुए हैं।

पत्रकार हुसैन अली ने मांग की है कि पूरे प्रकरण की पुनः स्वतंत्र जाँच कराई जाए। यदि जाँच में यह सिद्ध होता है कि जाँचकर्ता ने जानबूझकर या लापरवाहीवश गलत आख्या दी है, तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही, शासन नियमों के अनुरूप लंबे समय से पदस्थ फार्मासिस्ट का तत्काल स्थानांतरण किया जाए।

मामले ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि शासन स्तर पर इस गंभीर प्रकरण में क्या कार्रवाई की जाती है।

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