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पंडित ताराचन्द शास्त्री को कोलंबो श्रीलंका में दूसरी बार किया सम्मानित

राकेश अग्रवाल संवाददाता
सवाई माधोपुर यूनाइटेड नेशन एस्ट्रोलॉजी कॉन्फ्रेंस, कोलंबो (श्रीलंका) में दूसरी बार सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त होना एक अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण रहा। इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर श्रीलंका संसद के माननीय स्पीकर श्री कारू जयसूर्या जी द्वारा गुरु देव पंडित ताराचन्द शास्त्री जी को सम्मानित किया गया, जो सम्पूर्ण भारतीय ज्योतिष जगत के लिए अत्यंत गर्व की बात है। यह सम्मान न केवल एक व्यक्ति विशेष की उपलब्धि है, बल्कि भारत की प्राचीन वैदिक परंपरा और गुरु-शिष्य परंपरा की वैश्विक मान्यता का प्रतीक भी है। इस गरिमामय अवसर पर भारत की ओर से वैदिक ज्योतिष के गूढ़, शास्त्रीय एवं रहस्यमय पहलुओं पर विचार प्रस्तुत किए गए, जिन्हें विश्वभर से आए विद्वानों ने अत्यंत सराहना के साथ स्वीकार किया। यह दर्शाता है कि भारतीय ज्योतिष आज भी अपनी वैज्ञानिकता, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक गहराई के कारण विश्व मंच पर प्रासंगिक और सम्मानित है।

इस सम्मेलन में भारतीय ज्योतिष की वैज्ञानिक, आध्यात्मिक एवं परंपरागत विरासत को श्रीलंका मैं भारत से पंडित राज शर्मा जयपुर, गिरधारी ग्रोवर फरीदाबाद, सुनील सचदेवा फरीदाबाद, डॉ शालिनी गुगनानी दिल्ली, सुमन कोहली दिल्ली, आशुतोष गुप्ता सहित अनेक देशों से पधारे ज्योतिषाचार्यों ने साझा किया गया। यह संवाद न केवल ज्ञान का आदान-प्रदान था, बल्कि विभिन्न संस्कृतियों के बीच एकता और सहयोग को भी सुदृढ़ करने का माध्यम बना। यूनाइटेड नेशन एवं भारत की ओर से विभिन्न देशों से आए विद्वानों का सम्मान कर वैश्विक स्तर पर ज्योतिषीय एकता और सांस्कृतिक संवाद को नई दिशा दी गई। यह स्वर्णिम क्षण भारतीय ज्योतिष की गरिमा और गुरु परंपरा के लिए अविस्मरणीय रहेगा। यह आयोजन न केवल एक सम्मान समारोह था, बल्कि भारतीय ज्ञान परंपरा की वैश्विक पुनःस्थापना की ओर एक सशक्त कदम भी सिद्ध हुआ।जयतु ज्योतिषम्।

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