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प्रयागराज: जाली दस्तावेजों से गृह निर्माण समिति बनाकर फर्जीवाड़ा, 9 आरोपियों को 5-5 साल का सश्रम कारावास

प्रयागराज। जाली दस्तावेजों के सहारे गृह निर्माण समिति बनाकर सरकारी लाभ उठाने के एक बड़े मामले में अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया है। प्रयागराज के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश विकास भोसले की कोर्ट ने इस मामले में गुड्डू मिश्रा उर्फ भैया जी के ‘दाल-भात परिवार’ से जुड़े 9 आरोपियों को दोषी करार देते हुए 5-5 साल के सश्रम कारावास और 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

अदालत ने पाया कि आरोपियों ने फर्जी राशन कार्ड और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर गंगा गृह निर्माण समिति का पंजीकरण कराया और जमीनों की खरीद-फरोख्त कर शासकीय लाभ अर्जित किया।

इन आरोपियों को मिली सजा

सजा पाने वालों में शामिल हैं—
• अनिल कुमार द्विवेदी पुत्र कमलाकांत द्विवेदी, निवासी विद्यानगर, प्रयागराज
• विंध्याचल चौरसिया पुत्र बलराम चौरसिया, निवासी यमुनानगर, प्रयागराज
• सुजीत सिंह पुत्र कमल सिंह, निवासी दाउदनगर, प्रयागराज
• जगदीश सिंह पुत्र सत्य विजय, निवासी गंगोत्री नगर, प्रयागराज
• अतुल मिश्रा, नीलम सिंह, हंसनारायण सिंह, धनेंद्र सिंह और अनिल सिंह, सभी निवासी धवारी, सतना (मध्य प्रदेश)

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा

अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता (GP) धर्मेंद्र ने अदालत को बताया कि आरोपियों ने सहकारिता विभाग से गृह निर्माण समिति का पंजीकरण प्राप्त करने के लिए नगर पालिका निगम के नाम से फर्जी राशन कार्ड प्रस्तुत किए। जबकि नगर पालिका द्वारा उस समय ऐसे राशन कार्ड जारी ही नहीं किए गए थे।

आरोपियों ने समिति में 21 फर्जी सदस्यों को शामिल किया और अनिल द्विवेदी को अध्यक्ष बनाया, जबकि अधिकांश आरोपी न तो स्थायी निवासी थे और न ही संबंधित क्षेत्र के नागरिक।

शिकायत और जांच

इस पूरे मामले की शिकायत स्थानीय निवासी रमेश पांडे ने पुलिस अधीक्षक से की थी। जांच में दस्तावेज फर्जी पाए गए, जिसके बाद 23 नवंबर 2016 को सिटी कोतवाली थाना में प्रकरण दर्ज किया गया।

दो आरोपी अब भी फरार

अदालत ने बताया कि इस केस में माधुरी दीक्षित और उपमा सिंह अभी फरार हैं। उनकी गैरमौजूदगी के बावजूद कोर्ट ने उपलब्ध आरोपियों के खिलाफ फैसला सुनाया है।

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