
स्वास्थ्य सुरक्षा के दावे हवा में, मल्लांवाला P.H.C में गंदगी का कहर—न पीने का पानी, न सफाई
मल्लांवाला (सोनू अटवाल):पंजाब सरकार द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के किए जा रहे दावे मल्लांवाला के प्राइमरी हेल्थ सेंटर (P.H.C) में पहुंचते ही खोखले नजर आते हैं। करीब 16,183 की आबादी वाले मल्लांवाला कस्बे और आसपास के कई गांवों की स्वास्थ्य जिम्मेदारी इसी P.H.C पर है, लेकिन जमीनी हकीकत बेहद चिंताजनक है। अस्पताल परिसर में चारों ओर फैली गंदगी, खुले सीवरेज मैनहोल, बदबू और अव्यवस्थाएं यह सवाल खड़ा कर रही हैं कि यह सरकारी अस्पताल है या फिर कूड़ा घर।
तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि P.H.C परिसर के भीतर और बाहर कूड़ा-कर्कट बिखरा पड़ा है। कई जगहों पर सीवरेज के ढक्कन तक मौजूद नहीं हैं, जिससे गंदा पानी और बदबू फैल रही है। यह हालात किसी बड़े हादसे को न्योता दे रहे हैं, खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के लिए। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह समस्या नई नहीं है, बल्कि लंबे समय से सफाई न होने के कारण स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है।
सबसे गंभीर समस्या पीने के पानी की व्यवस्था न होना है। एक सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों और उनके परिजनों के लिए साफ पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं है।
इस संबंध में दवा लेने आए बुजुर्ग मरीज सुरजीत सिंह (उम्र करीब 58 वर्ष) ने बताया, “मैं दवाई लेने के लिए यहां आया था। काफी देर तक इंतजार करना पड़ा, लेकिन पीने के पानी का कोई इंतजाम नहीं है। मजबूरी में बाहर से पानी खरीदना पड़ा। सरकारी अस्पताल में ऐसी हालत बेहद शर्मनाक है।”
वहीं गंदगी को लेकर एक अन्य बुजुर्ग मरीज गुरनाम सिंह (उम्र करीब 60 वर्ष) ने नाराजगी जताते हुए कहा, “हर तरफ गंदगी फैली हुई है, बदबू के कारण यहां खड़ा होना भी मुश्किल हो जाता है। जहां इलाज मिलना चाहिए, वहां बीमारी लगने का डर बना रहता है।”
स्थानीय लोगों का आरोप है कि P.H.C की पुरानी इमारतों में शाम के समय नशा करने वालों का जमावड़ा लग जाता है, जिससे अस्पताल का माहौल और भी असुरक्षित हो जाता है। महिलाओं और बुजुर्गों को डर के साये में इलाज के लिए आना पड़ता है।
इस मामले पर P.H.C में तैनात डॉक्टर अदिति सेठी ने बताया कि उन्होंने हाल ही में दो दिन पहले ही ज्वाइन किया है और बहुत जल्द सफाई करवा दी जाएगी। वहीं एसएमओ बलकार सिंह ने कहा कि नगर पंचायत मल्लांवाला से बात कर सफाई का काम शुरू कराया जाएगा।
हालांकि सवाल यह उठता है कि अगर यह गंदगी और अव्यवस्था लंबे समय से चली आ रही है, तो अब तक जिम्मेदार अधिकारियों ने इस पर ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि तुरंत सफाई करवाई जाए, खुले सीवरेज मैनहोल बंद किए जाएं, पीने के पानी की स्थायी व्यवस्था की जाए और अस्पताल परिसर को नशा मुक्त बनाया जाए। वरना यह P.H.C मरीजों को राहत देने के बजाय उनकी सेहत के लिए खतरा बना रहेगा।