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तुम चलो कुछ दूर साथ मेरे न दोस्त न हमसफर न प्रेमी बनकर

तुम चलो कुछ दूर
साथ मेरे
न दोस्त
न हमसफर
न प्रेमी बनकर

पर चलने से पहले एक बार खुद से पूछ लेना ज़रूर क्या चल सकोगे ?
तुम...
कुछ दूर मेरे कुछ नहीं बनकर
क्योंकि आसां है इस भागती दुनिया में दोस्त हमसफर या प्रेमी बन जाना पर बहुत मुश्किल है किसी के साथ चलना बिना उसका कुछ भी बने बन सको तो मेरी रूह मेरी अल्फ़ाज़ बन जाना मेरे हर शब्द शायरी में तुम ही तुम नज़र आना
जज्बात😊🥀
लेखिका नीलम नीलू‌ओझा

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