logo

पद नहीं, सेवा जिनकी पहचान कौशाम्बी के जननायक इज़हार हुसैन रहीमपुर मोलानी मंझनपुरकौशाम्बी पद नहीं, सेवा जिनकी पहचान कौशाम्बी के जननायक इज़हार

पद नहीं, सेवा जिनकी पहचान
कौशाम्बी के जननायक इज़हार हुसैन

रहीमपुर मोलानी मंझनपुरकौशाम्बी

,रुस्तम रिज़वी ऐमा मिडिया कौशाम्बी

राजनीति में पद पाना आसान हो सकता है, लेकिन जनता के दिल में जगह बनाना हर किसी के बस की बात नहीं। कौशाम्बी जनपद की पवित्र पावन धरती से उठकर अपनी ग्राम पंचायत के प्रधान प्रतिनिधि इज़हार हुसैन आज ऐसे ही जननायक के रूप में पहचाने जाते हैं, जिनका नाम आते ही सेवा, संवेदना और समर्पण की तस्वीर सामने आ जाती है।
संस्कारों की धरती से सेवा का संकल्प
इज़हार हुसैन रहीमपुर मोलानी मंझनपुर कौशांबी के व्यक्तित्व में सादगी और विचारों में दृढ़ता का अनोखा संगम देखने को मिलता है। बचपन से सामाजिक सरोकारों के प्रति सजग रहे इज़हार हुसैन ने जनसेवा को जीवन का लक्ष्य बनाया।
प्रधान नहीं, जिम्मेदारी का निर्वहन
वर्ष 2015 ,के चुनाव में प्रधान प्रतिनिधि के रूप में वे तभी उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि उनके लिए प्रधान का पद सत्ता नहीं, सेवा का माध्यम है। इसके बाद वर्ष 2020 के चुनाव में प्रधान प्रतिनिधि के रूप में वे हर गरीब, वंचित और जरूरतमंद के साथ खड़े नजर आए।
जनसमर्थन को आवाज बनकर खड़े
गांव की समस्याओं को लेकर प्रशासन तक आवाज उठाना, हर दुख-सुख में जनता के साथ खड़े रहना उनकी पहचान बन चुकी है।
गरीबों के मसीहा, हर दुख में साथ
किसी परिवार में बीमारी हो, राशन की समस्या हो, शिक्षा का सवाल हो या बेटी की शादी —इज़हार हुसैन का दरवाजा हर जरूरतमंद के लिए 24 घंटे खुला रहता है। उनकी संवेदनशीलता और सहज उपलब्धता ने जनता की आंखों का तारा बना दिया है।
2026 में रचेगा आस्था और एकता का इतिहास
इज़हार हुसैन की पहचान केवल विकास कार्यों तक सीमित नहीं है, , जिसमें हजारों
जनता की आवाज, जनता का विश्वास
इज़हार हुसैन केवल एक नाम नहीं, बल्कि ग्रामीण राजनीति में ईमानदारी, संवेदना और सेवा का जीवंत उदाहरण बन चुके हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि राजनीति यदि ईमानदारी और संवेदना से की जाए तो वह समाज जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम बन सकती है।रहीमपुर मोलानी मंझनपुर कौशाम्बी की धरती को ऐसे जननायक पर गर्व है, जिनके लिए पद नहीं, बल्कि “सेवा” ही सबसे बड़ा धर्म है।

2
79 views