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देवरी जनपद की एक गुमशुदा पंचायत (सुना रेहली) जो कि विकास के लिए की दैविक अवतार की प्रतीक्षा कर रही है

देवरी जनपद की एक गुमशुदा पंचायत (सुना रेहली) जो कि
विकास के लिए की दैविक अवतार की प्रतीक्षा कर रही है


देवरी जनपद की एक पंचायत विकास की दौड़ में लापता, मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामीण



देवरी जनपद की ग्राम पंचायत (सुना रहली) की आज भी अपने अस्तित्व और विकास को तरस रही है। स्थिति यह है कि यदि कोई बाहरी व्यक्ति इस पंचायत में प्रवेश करे तो उसे न तो पंचायत का नाम दर्शाने वाला कोई बोर्ड दिखाई देता है और न ही पहचान का कोई स्पष्ट निशान। यह पंचायत मानो विकास के नक्शे से ही गायब हो गई हो।

जहां एक ओर मध्य प्रदेश सरकार विकास, शिक्षा और स्वच्छता के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं इस पंचायत में ये सभी योजनाएं केवल कागजों और भाषणों तक ही सीमित नजर आती हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत क्षेत्र में आज भी पक्की सड़कों का अभाव है और बरसात के दिनों में हालात और बदतर हो जाते हैं। लोग कीचड़ और गंदगी में रहने को मजबूर हैं, जिससे बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ गईता है।

पंचायत के कार्यों के लिए जो भवन बनाया गया था, उसकी हालत भी बदहाली की कहानी बयां करती है। पंचायत भवन का उपयोग कार्यालय के रूप में होने के बजाय व्यक्तिगत कार्यों में किया जा रहा है। कहीं भूसा भरा हुआ है तो कहीं अन्य निजी सामान रखा गया है। इससे ग्रामीणों में नाराजगी व्याप्त है और वे सवाल उठा रहे हैं कि आखिर सरकारी धन का सही उपयोग क्यों नहीं हो रहा।

इस संबंध में पंचायत सचिव हरिओम लोधी ने बताया कि पंचायत भवन का निर्माण सही तरीके से नहीं किया गया था। भवन में मूलभूत सुविधाओं और संरचनात्मक कमियों के कारण उसे कार्यालय के रूप में उपयोग में नहीं लाया जा सका, जिस वजह से उसका व्यक्तिगत उपयोग हो रहा है।
ग्रामीणों ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मांग की है कि पंचायत की वास्तविक स्थिति का निरीक्षण कर विकास कार्यों को गति दी जाए, पंचायत भवन को दुरुस्त कर उसका सही उपयोग सुनिश्चित किया जाए तथा गांव को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाए, ताकि यह पंचायत सचमुच “लापता” होने के बजाय प्रगति की मिसाल बन सके।

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