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Uk: खातों की खता... भुगत रहे स्कूली बच्चे,आधार लिंक न होने से नहीं मिला जूते और बैग का पैसा


ऊधमसिंह नगर जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई के साथ कड़ाके की सर्दी से लड़ने की भी चुनौती है। आधार लिंक नहीं होने या अभिभावक का खाता अपडेट नहीं होने से स्कूल के बच्चों को जूते और बैग के लिए भेजी गई डीबीटी की राशि अब तक नहीं मिल सकी है।

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ऊधमसिंह नगर जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई के साथ कड़ाके की सर्दी से लड़ने की भी चुनौती है। आधार लिंक नहीं होने या अभिभावक का खाता अपडेट नहीं होने से स्कूल के बच्चों को जूते और बैग के लिए भेजी गई डीबीटी की राशि अब तक नहीं मिल सकी है। इस कारण बच्चे पुराने फटे जूते या चप्पल पहनकर ही स्कूल आ रहे हैं।

जनपद में कक्षा एक से आठ तक के 90,691 विद्यार्थियों के खातों में 3.45 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से सितंबर में भेजे गए थे। प्रत्येक विद्यार्थी के लिए 165 रुपये बैग और 153 रुपये जूते के लिए दिए गए हैं। खाते लिंक नही होने से करीब 50 फीसदी बच्चों को धनराशि का लाभ नहीं मिला। रुद्रपुर के राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय खेड़ा में कक्षा एक से आठ तक कुल 239 विद्यार्थी पंजीकृत हैं।


मंंगलवार को यहां 155 बच्चे उपस्थित थे। प्रधानाध्यापक दीप्ती जोशी गैरहाजिर मिलीं। इस स्कूल के 111 बच्चों को 10 माह बीतने के बाद भी जूते और बैग का पैसा नहीं मिल सका है। इसी तरह राजकीय प्राथमिक विद्यालय रुद्रपुर में भी 143 बच्चों में से 73 बच्चों को जूते और बैग का पैसा नहीं मिल सका है।

नहीं भेजी राशि, कुछ बच्चों को खरीदकर पहना दिए जूते
शासन के आदेश के बावजूद राजकीय प्राथमिक विद्यालय गंगापुर की प्रधानाध्यापक ने बच्चों के खातों में डीबीटी की राशि न भेजकर ग्राम प्रधान के साथ मिलकर आधे बच्चों को ही जूते और बैग खुद से ही खरीद कर बांट दिए। इसमें आधे से ज्यादा बच्चों को जूते और बैग नहीं मिल पाए। कक्षा तीन के छात्र करन ने बताया जिस दिन स्कूल में जूते और बैग बंटे थे। उस दिन वह अनुपस्थित था।

ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। विभाग की ओर से स्कूलों में पैसा भेजा जा चुका है। अगर विद्यालय स्तर पर कोई समस्या है तो उसका समाधान कराएंगे।- हरेंद्र कुमार मिश्रा, डीईओ

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