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भारत-नेपाल मैत्री: राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा ने किया छारछूम मोटर पुल का निरीक्षण, 2026 में शुरू होगा वाहनों का संचालन Srishti News 【SN】 Dharchula


Srishti News 【SN】 Dharchula News Network
​भारत और नेपाल के मध्य सदियों पुराने 'रोटी-बेटी' और सांस्कृतिक संबंधों को एक नई आधुनिक पहचान मिलने जा रही है। सीमांत जनपद पिथौरागढ़ को नेपाल से जोड़ने वाला सामरिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण छारछूम मोटर पुल अब पूर्णतः बनकर तैयार हो चुका है। भारत में नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा ने उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ इस सेतु का स्थलीय निरीक्षण किया और इसे दोनों राष्ट्रों के बीच विकास का एक नया द्वार बताया।

​2026 की शुरुआत में खुलेगा खुशहाली का मार्ग
​निरीक्षण के उपरांत मीडिया से मुखातिब होते हुए डॉ. शर्मा ने एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने बताया कि पुल का निर्माण कार्य संपन्न हो चुका है और अब केवल अंतिम औपचारिकताएं शेष हैं। साल 2026 के शुरुआती महीनों में इस महासेतु का भव्य उद्घाटन कर इसे आम जनता को समर्पित कर दिया जाएगा।

​इस पुल की सबसे क्रांतिकारी विशेषता यह है कि 2026 से श्रद्धालु, पर्यटक और स्थानीय निवासी अपने निजी वाहनों के माध्यम से सीधे नेपाल की सीमा में प्रवेश कर सकेंगे। अभी तक आवाजाही के लिए जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, यह पुल उन सभी बाधाओं को समाप्त कर देगा।

डॉ. शर्मा ने कहा,

"यह पुल केवल कंक्रीट का ढांचा नहीं, बल्कि दो मित्र राष्ट्रों के दिलों को जोड़ने वाली एक कड़ी है, जिससे आपसी विश्वास और व्यापारिक रिश्ते और अधिक प्रगाढ़ होंगे।"

​नेपाली बहुओं की नागरिकता और अधिकारों पर गंभीर रुख:-
​निरीक्षण के दौरान राजदूत डॉ. शर्मा का ध्यान एक अत्यंत संवेदनशील सामाजिक मुद्दे की ओर भी दिलाया गया। सीमावर्ती क्षेत्रों में भारत में विवाहित होकर आई नेपाली बहुओं के पहचान पत्र, नागरिकता और राशन कार्ड न बन पाने के कारण उन्हें भारी मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

​इस मानवीय मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाते हुए डॉ. शर्मा ने कहा:-

​"यह विषय हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है। भारत में रह रही नेपाली मूल की बहुओं को उनके कानूनी अधिकार और पहचान दिलाने हेतु हम दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों और संबंधित अधिकारियों के साथ निरंतर संवाद कर रहे हैं। हम एक ऐसी पारदर्शी व्यवस्था बनाने पर काम कर रहे हैं जिससे जल्द ही इन महिलाओं के राशन कार्ड और पहचान पत्र संबंधी बाधाएं दूर हो सकें।"

​क्षेत्रीय विकास के लिए 'गेम चेंजर' साबित होगा यह सेतु
​विशेषज्ञों का मानना है कि छारछूम पुल का खुलना इस पूरे हिमालयी क्षेत्र के लिए एक 'गेम चेंजर' साबित होगा।

इसके मुख्य लाभ निम्नलिखित होंगे:-
*​पर्यटन को गति: कैलाश मानसरोवर यात्रा और नेपाल के धार्मिक स्थलों तक पहुंच बेहद सुगम हो जाएगी।

*​व्यापारिक सुगमता: दोनों देशों के व्यापारियों को माल ढुलाई के लिए एक सुलभ मार्ग मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

*​आपातकालीन सेवाएं: चिकित्सा और अन्य आपातकालीन स्थितियों में यह पुल जीवनरक्षक की भूमिका निभाएगा।

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