रोहतास सदर अस्पताल की संवेदनहीन तस्वीर, पीठ पर बेटी को ढोता रहा मजबूर पिता
रोहतास सदर अस्पताल की संवेदनहीन तस्वीर, पीठ पर बेटी को ढोता रहा मजबूर पिता
रोहतास जिले के सबसे बड़े सरकारी सदर अस्पताल से इंसानियत को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां एक पिता अपनी घायल बेटी को इलाज की उम्मीद लेकर अस्पताल पहुंचा, लेकिन इलाज तो दूर उसे व्हीलचेयर तक नसीब नहीं हुई।
स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली का आलम यह रहा कि मजबूर और बेबस पिता को घंटों तक अपनी जवान बेटी को पीठ पर लादकर अस्पताल के एक विभाग से दूसरे विभाग तक भटकना पड़ा। न तो किसी कर्मचारी ने मदद की और न ही अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई संवेदनशील पहल दिखाई दी।
इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली और दावों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के बड़े-बड़े दावे करती है, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
अब सवाल यह है कि आखिर कब सुधरेगी सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था और कब मरीजों व उनके परिजनों को सम्मानजनक इलाज मिल पाएगा?